लॉन्चिंग के लिए तैयार है ISRO और NASA द्वारा तैयार निसार, जानिए इसकी खासियत
राज एक्सप्रेस। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और अमेरिका की नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) द्वारा तैयार किया गया निसार सैटेलाइट अब पूरी तरह से तैयार है। बुधवार को अमेरिकी वायु सेना सी-17 विमान के जरिए यह सैटेलाइट बेंगलुरु पहुंचा, जहां इसे इसरो को सौंप दिया गया। इसरो निसार सैटेलाइट को अगले साल यानि साल 2024 में लॉन्च करेगा। अंतरिक्ष में यह सैटेलाइट कम से कम तीन साल तक काम करेगा।
निसार सैटेलाइट क्या है?
बता दें कि साल 2014 में इसरो और नासा ने निसार सैटेलाइट बनाने के लिए आपस में हाथ मिलाया था। यह एक ऐसा सैटेलाइट है, जो अलग-अलग रडार के जरिए पृथ्वी की मैपिंग करेगा। इसके लिए इसमें L-बैंड और S-बैंड सिंथेटिक एपर्चर रडार उपकरण लगाए गए हैं। S-बैंड को इसरो ने बनाया है जबकि L-बैंड का निर्माण नासा ने किया है। करीब 2800 किलोग्राम का यह उपग्रह मौसम की परवाह किए बिना दिन-रात डेटा एकत्र करता रहेगा।
क्या है इसकी खासियत?
अंतरिक्ष में स्थापित होने के बाद निसार सैटेलाइट हर 12 दिन में पूरी धरती की तस्वीरें लेगा और इन तस्वीरों को 12जीबी प्रति सेकंड की रफ़्तार से धरती पर भेजेगा। इसमें लगे दो अलग-अलग रडार जमीन, पानी, जंगल, कृषि और बर्फ पर नजर रखेंगे। इस सैटेलाइट के जरिए समुद्र जल स्तर में वृद्धि, ग्लेशियरों के पिघलने की घटना सहित जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की निगरानी करने और उन्हें समझने में आसानी होगी। निसार सैटेलाइट के माध्यम से हमें चक्रवातों के खतरों के बारे में पहले ही पता चल जाएगा।
कैसे करेगा काम?
दरअसल निसार सैटेलाइट में लगा एल-बैंड सिंथेटिक अपर्चर रडार जंगल के भीतर की सतह देखने की क्षमता रखता है। वहीं इसरो द्वारा बनाया गया एस-बैंड सिंथेटिक अपर्चर रडार दूर से ही खेत में लगी फसल को पहचानने की क्षमता रखता है। इसके अलावा पृथ्वी की सहत के परीक्षण के लिए इसमें यह सैटेलाइट सिंगल प्रोसेसिंग तकनीक इंटरफेरोमेट्री सिंथेटिक अपर्चर रडार का उपयोग करेगा।
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