निजामुद्दीन मरकज - नियमों का उल्लंघन है ये ईमारत

बिल्डिंग का बिजली-पानी आपूर्ति कनेक्शन अलाहुक नाम के व्यक्ति के नाम पर है। साथ ही टैक्स भी नहीं जमा किया जा रहा है।
मरकज की जमीन के मालिकाना हक से जुड़े कागजात के बारे में सवाल उठ रहे हैं।
मरकज की जमीन के मालिकाना हक से जुड़े कागजात के बारे में सवाल उठ रहे हैं।Social Media

हाइलाइट्स :

  • SDMC ने शुरू की कार्रवाई की तैयारी

  • मिली थी महज ढाई मंजिल की मंजूरी

  • तबलीगी जमात ने बना डाली 9 मंजिलें

राज एक्सप्रेस। कोरोना वायरस महामारी संक्रमण के बाद दक्षिण दिल्ली में स्थित तबलीग़ी जमात के वैश्विक गढ़ निज़ामुद्दीन मरकज़ मस्जिद या बंगले वाली मस्जिद तबलीग़ी जमात की बिल्डिंग को लेकर अब नया गोरखधंधा सामने आया है। जांच में मरकज की बिल्डिंग के अवैध निर्माण का मामला सही पाये जाने पर अब प्रशासन ने उसे जमींदोज करने की तैयारी कर ली है।

छह सालों से शिकायत :

प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक तबलीगी जमात मरकज बिल्डिंग में बड़े पैमाने पर मनमाने निर्माण की शिकायत पिछले छह साल से मिल रही थी। दक्षिणी निगमाधिकारियों के कार्रवाई में लेटलतीफी करने से मरकज प्रबंधन ने बिल्डिंग का अवैध निर्माण करना जारी रखा। कॉर्पोरेशन के अधिकारियों के मुताबिक मरकज प्रबंधन को महज ढाई मंजिला इमारत के निर्माण की इजाजत थी लेकिन उसने नौ मंजिला बिल्डिंग बना डाली।

जमात का गढ़ :

गौरतलब है निज़ामुद्दीन मरकज़ मस्जिद तबलीग़ी जमात की जन्मभूमि भी कही जाती है। यहां पर लॉकडाउन के बावजूद 2 हजार से अधिक जमाती जुटे थे। इन जमातियों में एक सैकड़ा से अधिक के सैंपल कोरोना वायरस टेस्ट में पॉजिटिव मिलने के बाद संक्रमण देश के कई राज्यों तक जा पहुंचा।

शिकायत पर नहीं हुई कार्रवाई! :

इस बारे में एक एनजीओ एक्टिविस्ट का कहना है कि मरकज में अवैध निर्माण की शिकायत दक्षिणी दिल्ली नगर निगम अधिकारियों समेत तत्कालीन उपराज्यपाल, दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय तक भी पहुंचाई गई थी लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।

15 मीटर से ज्यादा प्रतिबंधित :

रिपोर्ट्स के मुताबिक रिहायशी क्षेत्र में स्थित मरकज के भूखंड पर इमारत की ऊँचाई पर भी सवाल उठ रहे हैं। दरअसल दिल्ली में रिहायशी इलाके में 15 मीटर से अधिक ऊंचाई की बिल्डिंग बनाने की इज़ाजत नहीं है। इसके बावजूद मरकज प्रबंधन ने 25 मीटर ऊंची बिल्डिंग बना डाली।

प्राथमिक जांच में पता चला है कि बिल्डिंग में बगैर नक्शा पास करवाए दो बेसमेंट के अलावा 7 फ्लोर का निर्माण करवाया गया। एक्टिविस्ट के मुताबिक मरकज प्रबंधन को वर्ष 1992 में ढाई मंजिला इमारत बनाने नक्शा पास किया गया था लेकिन नियमों को ताक पर रखकर अवैध निर्माण कराया गया।

मरकज का मालिक कौन? :

नगर निगम ने मरकज के नुमाइंदों को कई बार बिल्डिंग के मालिकाना हक संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करने आदेश दिया लेकिन मरकज प्रबंधन ने यह दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए। सरकारी खानापूर्ति न करने के कारण मरकज की जमीन के मालिकाना हक पर भी संशय पैदा हो रहा है। मरकज की जमीन के मालिकाना हक से जुड़े प्रपत्र भी दक्षिण दिल्ली नगर निगम के पास नहीं है।

सवाल उठ रहा है कि जमीन का मालिक कौन है और तबलीग़ी जमात इस पर कैसे काबिज हुई। मरकज में फायर एंड सेफ्टी से जुड़े अनापत्ति प्रमाण पत्र भी अब जांच के घेरे में हैं। सूत्रों की मानें तो मरकज प्रबंधन यदि नियमानुसार एनओसी और अन्य प्रपत्र प्रस्तुत नहीं करता है तो बिल्डिंग को गिराने संबंधी कार्रवाई शुरू की जाएगी।

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के एक वरिष्ठ सदस्य के मुताबिक फिलहाल जांच में मरकज बिल्डिंग संबंधी किसी नक्शे की अनुमति प्रदान न करने की बात पता चली है। वहीं दिल्ली फायर सर्विस अब अग्नि शमन संबंधी अनापत्ति पत्र के बारे में जांच कर रही है।

सील है बिल्डिंग :

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी के उप अध्यक्ष राजपाल सिंह के अनुसार बिल्डिंग को खाली कराने के बाद सील कर दिया गया है। बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन पूरी तरह से अवैध है, न तो इस भवन का संपत्ति कर जमा किया जा रहा है और न ही भवन कर। जांच उपरांत नियमानुसार बिल्डिंग को ढहाने की कार्रवाई होगी। सिंह के मुताबिक बिल्डिंग का बिजली-पानी आपूर्ति कनेक्शन अलाहुक नाम के व्यक्ति के नाम पर है। साथ ही टैक्स भी नहीं जमा किया जा रहा है।

इनकी तलाश-

कोरोना वायरस संक्रमण मामले में थाने में दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट में मौलाना साद, डॉक्टर जीशान, मुर्सलीन सैफ़ी, सलमान, मोहम्मद अशरफ, यूनिस मोहम्मद, मुफ्ती शहजाद का नाम दर्ज है। दिल्ली और अन्य राज्यों की पुलिस के साथ केंद्र और जिला प्रशासन की टीमें आरोपियों के साथ संक्रमितों की तलाश कर रही है।

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