हाइलाइट्स :
असम में राहुल गांधी ने प्रेस ब्रीफिंग की
राहुल गांधी ने कहा, भारत जोड़ो न्याय यात्रा के पीछे न्याय की सोच है, जिसके 5 स्तंभ है
असम के मुख्यमंत्री यात्रा के खिलाफ जो भी कर रहे हैं, इससे यात्रा को फायदा हो रहा है: राहुल गांधी
असम, भारत। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान काफी चर्चा में बने हुए हैं। गुवाहाटी में पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के बाद अब असम में उन्होंने प्रेस ब्रीफिंग की। राहुल गांधी ने 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के पीछे न्याय की सोच है, जिसके 5 स्तंभ बताएं। साथी असम के मुख्यमंत्री पर जोरदार हमला बोला।
असम में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान राहुल गांधी ने कहा- युवा न्याय, भागीदारी, नारी न्याय, किसान न्याय और श्रमिक के लिए न्याय, इन 5 स्तंभ के लिए कांग्रेस पार्टी एक प्रोग्राम आपके सामने एक महीने में रखेगी। असम के मुख्यमंत्री यात्रा के खिलाफ जो भी कर रहे हैं, इससे यात्रा को फायदा हो रहा है। असम में मुख्य मुद्दा अब ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ बन गई है। हमारी यात्रा का संदेश गांवों तक पहुंच रहा है। जनता देख रही है कि राहुल गांधी को मंदिर जाने से रोका जा रहा है, छात्रों से बात करने से रोका जा रहा है। ये साफ है कि विपक्ष के तौर पर कांग्रेस लड़ाई लड़ रही है।
कुछ भी करो.. बुरा-भला कहो, परेशान करो, लेकिन मैं पीछे नहीं हटूंगा। मैं सच्चाई के लिए लड़ता रहूंगा। चाहे पूरी दुनिया मेरे खिलाफ खड़ी हो जाए, मुझे फर्क नहीं पड़ता। एक बार मैंने मन बना लिया, तो मेरी विचारधारा के लिए लड़ने से मुझे कोई नहीं रोक सकता।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी
उन्होंने आगे यह भी कहा कि, देश में करीब 50% OBC, 15% दलित और 12% आदिवासी हैं, लेकिन इन्हें सिस्टम में भागीदारी नहीं मिलती है। भारत सरकार के 90 अफसरों में सिर्फ 3 अफसर OBC वर्ग के हैं। इसलिए भागीदारी बहुत जरूरी है, कांग्रेस का उस पर विशेष ध्यान रहेगा।
महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय और युवाओं की बेरोजगारी के खिलाफ हमारे पास समाधान हैं। कांग्रेस पार्टी अगले महीने इन सभी मुद्दों पर विस्तार से अपनी बात आपके सामने रखेगी।
एक तरफ नरेंद्र मोदी-RSS है, दूसरी तरफ INDIA है। INDIA एक विचारधारा, एक सोच है। आज INDIA के पास हिंदुस्तान का तकरीबन 60% वोट है।
यदि आपके पास पैसा और शक्ति है, तो आप जो चाहें कर सकते हैं और जो चाहें खरीद सकते हैं। यह विचार कि असम की संस्कृति, असम की भाषा और असम की परंपरा गौण है और नागपुर की संस्कृति और परंपरा के सामने झुकना चाहिए। ये असम की जनता महसूस कर रही है।
आपको ऐसा लगता है कि आपके पास एक सीएम है जो असम को चला रहा है, लेकिन इसे दिल्ली से चलाया जा रहा है। अगर उन्होंने कोई ऐसी बात कह दी जो दिल्ली को पसंद नहीं है तो हम जानते हैं कि उनका क्या होगा, यह असमिया लोगों की आवाज नहीं है।
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