स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान पर बजट के बाद PM मोदी का वेबिनार
स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान पर बजट के बाद PM मोदी का वेबिनार Social Media

स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान पर बजट के बाद PM मोदी का वेबिनार, कहीं ये बातें...

स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान पर बजट के बाद आज PM मोदी का वेबिनार को संबोधित करते हुए अपने संबोधन में यह बातें कहीं...

दिल्‍ली, भारत। बजट 2023 के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वेबिनार का सिलसिला जारी है। अब आज 6 मार्च, 2023 को उन्‍होंने 'स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान' पर बजट के बाद वेबिनार को संबोधित किया।

भारत की विदेशों पर निर्भरता कम से कम हो :

इस दौरान 'स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान' पर बजट के बाद वेबिनार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा- हम निरंतर यह प्रयास कर रहे हैं कि भारत की विदेशों पर निर्भरता कम से कम हो। भारत में इलाज को affordable बनाना हमारी सरकार की प्राथमिकता रही है। COVID की महामारी ने पूरी दुनिया को एक सबक सिखाया है कि जब ऐसी स्थिति आती है तो विकसित और समृद्ध अर्थव्यवस्थाओं की नींव तक हिल जाती है और नष्ट हो जाती है। दुनिया का फोकस अब हेल्थकेयर पर हो गया है, जबकि भारत सिर्फ हेल्थकेयर को मजबूत करने की दिशा में ही नहीं बल्कि वेलनेस पर भी काम कर रहा है।

आयुष्मान भारत के तहत पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज से देश के करोड़ों मरीज़ों के लगभग 80 हज़ार करोड़ रुपये बीमारी में उपचार के लिए खर्च होने वाले थे वो बचे हैं। हमारे यहां करीब 9 हजार जन औषधि केंद्र हैं और यहां बाज़ार भाव से बहुत सस्ती दवाएं उपलब्ध हैं। इससे भी ग़रीब और मिडिल क्लास परिवारों को लगभग 20 हज़ार करोड़ रुपये की बचत हुई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

आगे उन्‍हाेंने यह भी कहा कि, ''देश में अच्छे और आधुनिक हेल्थ इंफ़्रा का होना बहुत ज़रूरी है। आज देश में डेढ़ लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तैयार हो रहे हैं। इन सेंटरों में डायबिटीज़, कैंसर और हार्ट से जुड़ी गंभीर बीमारियों की स्क्रीनिंग की सुविधा है।''

  • अन्य बातों के अलावा, कोरोना काल ने हमें आपूर्ति श्रृंखला का महत्व सिखाया है। साथ ही, हाल के बजट में ऐसे सभी पहलुओं को समग्र रूप से संबोधित किया गया है। हम दूसरे देशों पर भारत की कम से कम निर्भरता सुनिश्चित करते रहे हैं।

  • पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ़्रास्ट्रक्चर के तहत क्रिटिकल हेल्थ इंफ़्रा को छोटे शहरों और क़स्बों तक ले जाया जा रहा है। छोटे शहरों में नए अस्पताल तो बन ही रहे हैं… हेल्थ सेक्टर से जुड़ा एक पूरा इको सिस्टम विकसित हो रहा है। बीते वर्षों में 260 से अधिक मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं। मेडिकल सीटों की संख्या 2014 के बाद आज दोगुनी हो चुकी है। मेडिकल कॉलेज के पास ही 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोलना… मेडिकल ह्यूमन रिसोर्स के लिए एक बड़ा कदम है।

  • जब हम हेल्थ केयर की बात करते हैं तो इसे पूर्व कोविड युग और महामारी के बाद के युग के विभाजन के साथ देखना चाहिए। दुनिया का ध्यान पहले से कही ज्यादा अब हेल्थ केयर पर आया है, लेकिन भारत सिर्फ हेल्थ केयर तक ही सीमित नहीं बल्कि एक कदम आगे बढ़कर कल्याण के लिए काम कर रहे हैं इसलिए हमने दुनिया के सामने 'वन अर्थ वन हेल्थ' का एक विजन रखा है।

  • ड्रोन टेक्नोलॉजी की वजह से दवाओं की डिलीवरी और टेस्टिंग से जुड़े logistic में एक क्रांतिकारी परिवर्तन आता दिख रहा है। हमारे entrepreneurs ये सुनिश्चित करें कि हमें कोई भी तकनीक को आयात करने से बचना चाहिए… आत्मनिर्भर अब बनना ही है।

  • सर्वोत्तम परिणाम लाने के लिए उद्योग, शिक्षा जगत और सरकार के बीच उचित समन्वय और तालमेल होना चाहिए। देश में उत्कृष्टता केंद्रों के माध्यम से फार्मा क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को मजबूत करने के लिए एक नया कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है।

  • कभी-कभी आपदा भी खुद को proof करने का अवसर लेकर आती है। कोविड काल में भारत के फार्मा सेक्टर ने जिस प्रकार से पूरी दुनिया का विश्वास हासिल किया है वो अभूतपूर्व है। इसे हमें capitalized करना ही होगा। भारत के आयुर्वेदिक उत्पादों की दुनिया भर में मांग बढ़ी है। यह इस क्षेत्र में भारत के महान प्रयासों के कारण ही है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के पारंपरिक चिकित्सा के लिए वैश्विक केंद्र हमारे देश में स्थापित किया जा रहा है।

  • गंदगी से होने वली बीमारियों से बचाने के लिए स्वच्छ भारत अभियान हो, धुंए से होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए उज्ज्वला योजना हो, दूषित पानी से बचाने के लिए जल जीवन मिशन हो... इनके बेहतर परिणाम आज देश के सामने आ रहे हैं।

  • मैं स्वास्थ्य क्षेत्र के सभी हितधारकों, विशेष रूप से आयुर्वेद से, 'साक्ष्य-आधारित अनुसंधान' को मजबूत करने का आग्रह करता हूं। न केवल परिणामों के बारे में चर्चा, बल्कि स्वयं परिणाम भी महत्वपूर्ण हैं।

  • चिकित्सा पर्यटन देश में एक बड़े क्षेत्र के रूप में उभरा है। इसने अर्थव्यवस्था के साथ-साथ रोजगार को भी बढ़ावा दिया है। हमें इसे और मजबूत करने के लिए काम करना चाहिए। केवल 'सबका प्रयास' से ही हम अपने देश में स्वास्थ्य और कल्याण का एक विकसित पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित कर सकते हैं।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com