प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदीSocial Media

बजट के बाद कृषि और सहकारिता पर वेबिनार को पीएम मोदी ने किया संबोधित

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज कृषि और सहकारिता पर बजट प्रस्‍ताव के बाद वेबिनार को सम्‍बोधित किया। यह वेबिनार बजट पश्‍चात के 12 वेबिनार का एक अंग है।

दिल्ली, भारत। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज कृषि और सहकारिता पर बजट प्रस्‍ताव के बाद वेबिनार को सम्‍बोधित किया। यह वेबिनार बजट पश्‍चात के 12 वेबिनार का एक अंग है, जिसकी कल शुरूआत की गई थी और यह 11 मार्च तक चलेगा। ये वेबिनार विभिन्‍न मंत्रालयों और विभागों द्वारा केन्‍द्रीय बजट 2023-24 में उल्‍लेख की गईं सप्‍तऋषि प्राथमिकताओं पर आधारित होंगे।

नरेन्‍द्र मोदी ने कही यह बात:

बजट के बाद कृषि और सहकारिता पर वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, "2014 में कृषि बजट 25 हजार करोड़ से भी कम था। आज देश का कृषि बजट बढ़कर 1 लाख 25 हजार करोड़ से भी अधिक हो गया है। आजादी के बाद लंबे समय तक हमारा कृषि क्षेत्र अभाव के दबाव में रहा।"

उन्होंने कहा कि, "हम अपनी खाद्य सुरक्षा के लिए दुनिया पर निर्भर रहे मगर हमारे किसानों ने ना सिर्फ हमें आत्मनिर्भर बनाया बल्कि आज उनकी वजह से हम निर्यात करने में भी सक्षम हुए। आज भारत कई तरह के कृषि उत्पादों को निर्यात कर रहा है।"

पीएम मोदी ने कहा कि, "आज भारत के कई सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। देश के युवा उसमें हिस्सा भी ले रहे हैं। मगर कृषि में उनकी भागीदारी कम है। जबकि वो भी इसके महत्व को और संभावनाओं को जानते हैं। निजी नवाचार और निवेश इस क्षेत्र से दूरी बनाए हुए हैं। इसे भरने के लिए इस साल बजट में कई ऐलान किए गए हैं।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, "जिस तरह डिजिटल लेन-देन में क्रांति आई है, उसी तरह एग्री-टेक डोमेन में निवेश और इनोवेशन की अपार संभावनाएं बढ़ रही हैं। इस बार के बजट में सहकारी क्षेत्र को टैक्स संबंधित राहते दी गई हैं जो बहुत ही महत्वपूर्ण है। सहकारी क्षेत्र के मन में हमेशा से ये भाव रहा है कि अन्य क्षेत्रों की तुलना में उनके साथ भेदभाव किया जाता है। इस बजट में इस अन्याय को भी खत्म किया गया है।"

उन्होंने कहा कि, "पिछले 8-9 वर्षों में हमारा मत्स्य उत्पादन करीब 70 लाख मीट्रिक टन बढ़ा है। 2014 से पहले इतना ही उत्पादन बढ़ाने में तीन दशक लग गए थे। हम प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और केमिकल आधारित खेती को कम करने की दिशा में भी तेजी से काम कर रहे हैं।"

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com