PM मोदी ने सिविल सेवकों को किया संबोधित
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PM मोदी ने सिविल सेवकों को किया संबोधित एवं राजेश भूषण को दिया प्रधानमंत्री पुरस्कार 2022

सिविल सेवा दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिविल सेवकों को संबोधित कर अपने संबोधन में ये खास बातें कहीं है...

दिल्‍ली, भारत। आज शुक्रवार (21अप्रैल) को 16वें 'सिविल सेवा दिवस' के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में सिविल सेवकों को संबोधित किया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह मौजूद रहे।

राजेश भूषण को दिया प्रधानमंत्री पुरस्कार 2022 :

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नवाचार के अंतर्गत राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय से केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण को लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार 2022 दिया गया। इसके बाद सिविल सेवकों को संबोधित कर PM नरेंद्र मोदी ने कहा- आप सभी को सिविल सेवा दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। इस साल का 'सिविल सर्विस डे' बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। यह ऐसा समय है जब देश ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूर्ण किए हैं, ये ऐसा समय है जब देश ने अगले 25 वर्षों के विराट-विशाल लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तेजी से कदम बढ़ाना शुरू किया है।

मैं आज भारत के हर सिविल सेवा अधिकारी से यही कहूंगा कि आप बहुत भाग्यशाली हैं। आपको इस कालखंड में देश की सेवा का अवसर मिला है... हमारे पास समय कम है लेकिन सामर्थ्य भरपूर है, हमारे लक्ष्य कठिन हैं लेकिन हौसला कम नहीं है, हमें पहाड़ जैसी ऊंचाई भले ही चढ़नी है लेकिन इरादे आसमान से भी ज्यादा ऊंचे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

आगे उन्‍हाेंने यह भी कहा कि, पिछले 9 वर्षों में अगर देश के गरीब से गरीब को भी सुशासन का विश्वास मिला है तो इसमें आपकी मेहनत भी रही है। पिछले 9 वर्षों में अगर भारत के विकास को नई गति मिली है तो ये भी आपकी भागीदारी के बिना संभव नहीं था। कोरोना संकट के बावजूद आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। बीते वर्ष 15 अगस्त को मैंने लाल किले से देश के सामने 'पंच प्राणों' का आह्वान किया था। विकसित भारत के निर्माण का विराट लक्ष्य हो, गुलामी की हर सोच से मुक्ति हो, भारत की विरासत पर गर्व की भावना हो, देश की एकता और एकजुटता को निरंतर सशक्त करना हो और अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि रखना हो... इन पंच प्राणों की प्रेरणा से जो ऊर्जा निकलेगी, वो हमारे देश को वो ऊंचाई देगी, जिसका वो हमेशा से हकदार रहा है।

  • हमारे पास समय कम है, लेकिन क्षमताएं अपार हैं। हमारे पास कठिन लक्ष्य हैं, लेकिन महान साहस है। पहाड़ों पर चढ़ने का हमारा लक्ष्य है, लेकिन हमारे पास आसमान को भी पार करने की इच्छा है! पहले सोच थी 'सरकार सब कुछ करेगी' और अब सोच है 'सरकार सबके लिए करेगी' (सरकार सबके लिए करेगी)

  • विकसित भारत सिर्फ आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर या आधुनिक निर्माण तक सीमित नहीं है। विकसित भारत के लिए आवश्यक है कि भारत का सरकारी सिस्टम हर देशवासी की आकांक्षा को सपोर्ट करे, विकसित भारत के लिए आवश्यक है भारत का हर सरकारी कर्मचारी देशवासियों की सपनों को सच करने में उनकी मदद करे, विकसित भारत के लिए आवश्यक है भारत में सिस्टम के साथ नेगेटिविटी जो पिछले दशकों में जुड़ी थी, वो पॉजिटिविटी में बदले।

  • हमारी योजनाएं कितनी भी बेहतर क्यों ना हों अगर लास्ट माइल डिलीवरी ठीक नहीं होंगी तो अपेक्षित परिणाम नहीं मिलेंगे। आज सरकार समय और संसाधनों का बेहतरीन उपयोग कर रही है। आज सरकार का लक्ष्य 'राष्ट्र-प्रथम' और 'नागरिक-प्रथम' है। आज सरकार का फोकस वंचितों को सशक्त बनाना है, देश को सशक्त बनाना है।

  • आज देश और आप सभी के प्रयासों से सिस्टम बदला है और देश के करीब करीब 3 लाख करोड़ रुपये गलत हाथों में जाने से बचे हैं... आप सभी इसके लिए अभिनन्दन के अधिकारी हैं। आज ये पैसे गरीबों के काम आ रहे हैं, उनके जीवन को आसान बना रहे हैं। आज चुनौती ये नहीं है कि आप कितने efficient हैं, चुनौती ये तय करने में है कि जहां जो deficiency है वो कैसे दूर होगी।

  • अफसरशाही फेल हुई तो देश को भुगतना पड़ेगा! अफसरशाही लड़खड़ाई तो युवाओं के सपने चकनाचूर हो जाएंगे! आपको इन बातों का ध्यान रखना होगा। नौकरशाही को 'भारत का फौलादी ढांचा' मानने वाले सरदार पटेल के सपनों को साकार करने की राह पर आपको आगे बढ़ना है।

  • पहले यह सोच थी कि सरकार सबकुछ करेगी लेकिन अब सोच यह है कि सरकार सबके लिए करेगी। अब सरकार सबके लिए काम करने की भावना के साथ time और resources का efficiently उपयोग कर रही है। आज की सरकार का ध्येय है nation first, citizen first और आज की सरकार की प्राथमिकता है- वंचितों को वरीयता। आज सरकार Aspirational Blocks तक जा रही है और आज की सरकार देश के सीमावर्ती गांवों को आखिरी गांव ना मान कर उन्हें first village मान कर काम कर रही है।

PM मोदी ने बताया जीवन जीने के दो तरीके हैं-

1) काम पूरा करना।

2) चीजों को होने देना।

पूर्व एक सक्रिय दृष्टिकोण है, और बाद वाला निष्क्रिय दृष्टिकोण का प्रतिबिंब है। जब शासन अच्छा हो, जन-केंद्रित हो, विकास-केंद्रित हो, तो वह समाधान नहीं देता, बल्कि सर्वोत्तम परिणाम भी देता है; यह न केवल कल्याण सुनिश्चित करता है, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित करता है।

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