रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर बल दे रहा: PM मोदी
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर बल दे रहा: PM मोदीSocial Media

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर बल दे रहा, उसका कमिटमेंट इस वर्ष दिखेगा: PM मोदी

रक्षा क्षेत्र पर बजट के बाद वेबिनार में PM मोदी ने कहा- इस साल के बजट में देश के भीतर ही रिसर्च, डिज़ाइन और डवलपमेंट से लेकर मैन्युफेक्चरिंग तक का एक वाइब्रेंट इकोसिस्टम विकसित करने का ब्लूप्रिंट है।

दिल्‍ली, भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 25 फरवरी को रक्षा क्षेत्र पर बजट के बाद वेबिनार को संबोधित किया।

युद्ध में भारत में बने हथियारों ने निभाई बड़ी भूमिका :

रक्षा क्षेत्र पर बजट के बाद वेबिनार को संबोधित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- दूसरे विश्व युद्ध में भारत में बने हथियारों ने बड़ी भूमिका निभाई। हांलाकि, बाद के वर्षों में हमारी ताकत कमजोर होती गई। बीते कुछ वर्षों से भारत अपने रक्षा क्षेत्र में जिस आत्मनिर्भरता पर बल दे रहा है। उसका कमिटमेंट आपको इस वर्ष के बजट में भी दिखेगा। गुलामी के कालखंड में भी और आजादी के तुरंत बाद भी हमारी डिफेंस मैन्यूफेक्चरिंग की ताकत बहुत थी। इस साल के बजट में देश के भीतर ही रिसर्च, डिज़ाइन और डवलपमेंट से लेकर मैन्युफेक्चरिंग तक का एक वाइब्रेंट इकोसिस्टम विकसित करने का ब्लूप्रिंट है। रक्षा बजट में लगभग 70% सिर्फ domestic industry के लिए रखा गया है।

मैं देश की सेनाओं की भी सराहना करूंगा कि वो भी डिफेंस सेक्टर में भारत की आत्मनिर्भरता का महत्व समझते हुए बड़े निर्णय लेते हैं। जब हम बाहर से अस्त्र-शस्त्र लाते हैं, तो उसकी प्रक्रिया इतनी लंबी होती है कि जब वो हमारे सुरक्षाबलों तक पहुंचते हैं, तब तक उसमें से कई Outdated हो चुके होते हैं। इसका समाधान भी 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' और 'मेक इन इंडिया' में ही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

PM मोदी ने कहा कि, ''आज हमारी फौज के पास भारत में बने साजो-सामान होते हैं तो उनका आत्मविश्वास, उनका गर्व भी नई ऊंचाई पर पहुंचता है। इसमें हमें सीमा पर डटे जवानों की भावनाओं को भी समझना चाहिए। भारत में बनी चीजों को लेकर सैनिकों में अलग स्वाभिमान होता है। इसलिए हमें हमारे रक्षा उपकरणों के लिए अपने सैनिकों की भावना का आदर करना चाहिए। ये हम तभी कर सकते हैं जब हम आत्मनिर्भर होंगे।''

  • भारत की जो IT की ताकत है, वो हमारा बहुत बड़ा सामर्थ्य है। इस ताकत को हम अपने रक्षा क्षेत्र में जितना ज्यादा इस्तेमाल करेंगे, उतनी ही सुरक्षा में हम आश्वस्त होंगे। जैसे सायबर सेक्योरिटी अब सिर्फ डिजिटल वर्ल्ड तक सीमित नहीं रह गई है। ये राष्ट्र की सुरक्षा का विषय बन चुका है।

  • पहले के समय में बाहर की कंपनियों से जो सामान खरीदा जाता था उसमें अक्सर भांति-भांति के आरोप लगते थे। हर खरीद से विवाद पैदा होता था। अलग-अलग manufacturer के बीच जो कंपीटिशन होता है, उससे भ्रष्टाचार के दरवाजे भी खुलते हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान से हमें इसके भी समाधान मिलते हैं।

  • जब पूरी निष्ठा के साथ संकल्प लेकर हम आगे बढ़ते हैं तो क्या परिणाम आते हैं, इसका एक बेहतरीन उदाहरण हमारी ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियां हैं। पिछले साल हमने 7 नई डिफेंस पब्लिक अंडरटेकिंग्स का निर्माण किया था। आज ये तेज़ी से business का विस्तार कर रही हैं, नए मार्केट में पहुंच रही हैं।

  • ये भी बहुत सुखद है कि बीते 5-6 सालों में डिफेंस एक्सपोर्ट में हमने 6 गुना वृद्धि की है। आज हम 75 से भी ज्यादा देशों को मेड इन इंडिया डिफेंस equipments और services दे रहे हैं।

  • मेक इन इंडिया को सरकार के प्रोत्साहन का परिणाम है कि पिछले 7 सालों में Defence Manufacturing के लिए 350 से भी अधिक, नए industrial लाइसेंस issue किए जा चुके हैं। जबकि 2001 से 2014 के 14 वर्षों में सिर्फ 200 लाइसेंस जारी हुए थे।

  • Trial, Testing और Certification की व्यवस्था का Transparent, Time-bound, pragmatic और निष्पक्ष होना एक vibrant defence industry के विकास के लिए ज़रूरी है। इसके लिए एक Independent System, समस्याओं को दूर करने में उपयोगी सिद्ध हो सकता है।

  • ये देशभक्ति का काम है, ये देश सेवा का काम है। मुनाफे के बारे में बाद में सोचिए, देश को ताकतवर कैसे बनाया जाए, पहले इसे सोचिए। आज हमारी सेना के तीनों अंग, बड़ी उमंग और उत्साह के साथ इस काम के लिए प्रोत्साहन दे रहे हैं।

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