PM मोदी का दावा- 2025 तक 25 शहरों में मेट्रो चलाने का प्लान

दिल्‍ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन का उद्‌घाटन किया। इस ड्राइवरलेस ट्रेन का सफर 37 किलोमीटर का होगा, जिसे PM मोदी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
PM मोदी का दावा- 2025 तक 25 शहरों में मेट्रो चलाने का प्लान
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दिल्‍ली, भारत। देश की राजधानी दिल्‍ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 28 दिसंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश की पहली पूर्ण-स्वचालित चालकरहित (ड्राइवरलेस) मेट्रो ट्रेन को दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन पर हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस कार्यक्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हुए।

भारत तेजी से स्मार्ट सिस्टम की तरफ आगे बढ़ रहा :

इसके बाद PM मोदी ने अपने संबोधन में कहा- मुझे आज से लगभग 3 साल पहले मजेंटा लाइन के उद्घाटन का सौभाग्य मिला था। आज फिर इसी रुट पर देश की पहली ऑटोमेटिड मेट्रो का उद्घाटन करने का अवसर मिला। ये दिखाता है कि भारत कितनी तेजी से स्मार्ट सिस्टम की तरफ आगे बढ़ रहा है। आज नेशनल कॉमन मॉबिलिटी कार्ड से भी मेट्रो जुड़ रही है। पिछले साल अहमदाबाद से इसकी शुरुआत हुई थी। आज इसका विस्तार दिल्ली मेट्रो की एयर पोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर हो रहा है।

कुछ दशक पहले जब शहरीकरण का असर और शहरीकरण का भविष्य, दोनों ही बिल्कुल साफ था तो उस समय एक अलग ही रवैया देश ने देखा। भविष्य की जरुरतों को लेकर उतना ध्यान नहीं था, आधे-अधूरे मन से काम होता था, भ्रम की स्थिति बनी रहती थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

PM मोदी द्वारा कही गईं बातें-

  • इस सोच से अलग, आधुनिक सोच ये कहती है शहरीकरण को चुनौती ना मानकर एक अवसर की तरह इस्तेमाल किया जाए। एक ऐसा अवसर जिसमें हम देश में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर बना सकते हैं। एक ऐसा अवसर जिससे हम Ease of Living बढ़ा सकते हैं। सोच का ये अंतर शहरीकरण के हर आयाम में दिखता है।

  • 2014 में सिर्फ 5 शहरों में मेट्रो रेल थी। आज 18 शहरों में मेट्रो रेल की सेवा है। वर्ष 2025 तक हम इसे 25 से ज्यादा शहरों तक विस्तार देने वाले हैं।

  • RRTS- दिल्ली मेरठ RRTS का शानदार मॉडल दिल्ली और मेरठ की दूरी को घटाकर एक घंटे से भी कम कर देगा। मेट्रोलाइट- उन शहरों में जहां यात्री संख्या कम है वहां मेट्रोलाइट वर्जन पर काम हो रहा है। ये सामान्य मेट्रो की 40 प्रतिशत लागत से ही तैयार हो जाती है।

  • मेट्रो नियो - जिन शहरों में सवारियां और भी कम है वहां पर मेट्रो नियो पर काम हो रहा है। ये सामान्य मेट्रो की 25 प्रतिशत लागत से ही तैयार हो जाती है। इसी तरह है वॉटर मेट्रो- ये भी आउट ऑफ द बॉक्स सोच का उदाहरण है।

  • मेट्रो सर्विसेस के विस्तार के लिए मेक इन इंडिया महत्वपूर्ण है। मेक इन इंडिया से लागत कम होती है, विदेशी मुद्रा बचती है और देश में ही लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलता है। रोलिंग स्टॉक के मानकीकरण से हर कोच की लागत अब 12 करोड़ से घटकर 8 करोड़ पहुंच गयी है।

  • आज चार बड़ी कंपनियां देश में ही मेट्रो कोच का निर्माण कर रही हैं। दर्जनों कंपनिया मेट्रो कंपोनेंट्स के निर्माण में जुटी हैं। इससे Make in India के साथ ही, आत्मनिर्भर भारत के अभियान को मदद मिल रही है।

  • आधुनिकीकरण के लिए एक ही तरह के मानक और सुविधाएं उपलब्ध कराना बहुत जरूरी है। राष्ट्रीय स्तर पर कॉमन मोबिलिटी कार्ड इसी दिशा में एक बड़ा कदम है। आप जहां कहीं से भी यात्रा करें, आप जिस भी public transport से यात्रा करें, ये एक कार्ड आपको integrated access देगा।

  • आज तमाम व्यवस्थाओं को एकीकृत करके देश की ताकत को बढ़ाया जा रहा है, एक भारत-श्रेष्ठ भारत को मजबूत किया जा रहा है। वन नेशन, वन मोबिलिटी कार्ड की तरह ही बीते वर्षों में हमारी सरकार ने देश की व्यवस्थाओं का एकीकरण करने के लिए अनेक काम किए हैं।

वन नेशन पर बोले PM मोदी-

  • वन नेशन, वन फास्टैग से देशभर के हाइवे पर ट्रैवल सीमलेस हुआ है।

  • वन नेशन, वन टैक्स यानि GST से देशभर में टैक्स का जाल समाप्त हुआ है।

  • वन नेशन, वन पावर ग्रिड से देश के हर हिस्से में पर्याप्त और निरंतर बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है। बिजली का नुकसान कम हुआ है।

  • वन नेशन, वन गैस ग्रिड से, उन हिस्सों की Seamless Gas Connectivity सुनिश्चित हो रही है, जहां गैस आधारित जीवन और अर्थव्यवस्था पहले सपना हुआ करता था।

  • वन नेशन, वन हेल्थ एश्योरेंस स्कीम यानि आयुष्मान भारत से देश के करोड़ों लोग, पूरे देश में कहीं भी इसका लाभ ले रहे हैं।

  • वन नेशन, वन राशनकार्ड, से एक स्थान से दूसरे स्थान जाने वाले नागरिकों को नया राशनकार्ड बनाने के चक्करों से मुक्ति मिली है।

  • इसी तरह नए कृषि सुधारों और e-NAM जैसी व्यवस्थाओं से वन नेशन, वन एग्रीकल्चर मार्केट की दिशा में देश आगे बढ़ रहा है।

37 किलोमीटर का होगा ड्राइवरलेस ट्रेन का सफर :

जनकपुरी वेस्ट से बॉटनिकल गार्डन के बीच फेज-3 में 37 किलोमीटर लंबी मैजेंटा नई मेट्रो लाइन पर आज से देश की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो चलेगी। इस ड्राइवरलेस ट्रेन का सफर 37 किलोमीटर का होगा। जनकपुरी पश्चिम से बॉटनिकल गार्डन तक मेट्रो की 37 किलोमीटर लंबी मैजेंटा लाइन पर यह सुविधा शुरू की जा रही है।

बता दें कि, भारत भी अब उन चुनिंदा देशों में शामिल होने वाला है, जहां बिना ड्राइवर के मेट्रो ट्रेनें चलाई जा रही हैं। DMRC के द्वारा शुरू की गई ड्राइवर लेस मेट्रो देश के लिए एक अनूठी पहल है। आधुनिक तकनीक के बेहद शानदार प्रयोग के रूप में दिल्ली में ये मेट्रो चलाई जा रही है।

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