असम, भारत। असम में आगामी चुनावों के माहौल में राज्य के लोगों को कई परियोजनाओं की सौगात मिल रही है। अब आज 18 फरवरी काे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए असम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कई विकास पहल शुरू की।
असम में ‘महाबाहु-ब्रह्मपुत्र’ का शुभारंभ :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में ‘महाबाहु-ब्रह्मपुत्र’ का शुभारंभ करने के साथ-साथ आज दो पुलों (धुबरी फूलबारी पुल और मजुली पुल) की भी आधारशिला रखी। इसके बाद अपने संबोधन में कई बातें कहीं।
महाबाहु-ब्रह्मपुत्र के आशीर्वाद से इस दिशा में तेजी से कार्य हो रहा :
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- ब्रह्मपुत्र पर कनेक्टिविटी से जुड़े जितने काम पहले होने चाहिए थे, उतने पहले नहीं हुए। इसकी वजह से असम और नार्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी एक चुनौती बनी रही। महाबाहु ब्रह्मपुत्र के आशीर्वाद से अब इस दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है। बीते वर्षों में केंद्र और असम की डबल इंजन सरकार ने इस पूरे क्षेत्र की भौगोलिक और सांस्कृतिक दोनों प्रकार की दूरियों को कम करने का प्रयास किया है।
मजूली में बन चुका असम का पहला हैलीपोड :
PM मोदी ने बताया- मजूली में असम का पहला हैलीपोड भी बन चुका है। अब मजूलीवासियों को सड़क का तेज और सुरक्षित विकल्प मिलने जा रहा है। आपकी वर्षों पुरानी मांग आज पुल के भूमि पूजन के साथ पूरी होनी शुरू हो गई है। कालीबाड़ी घाट से जोरहाट को जोड़ने वाला 8किलोमीटर का ये पुल मजूलीवासियों की जीवन रेखा बनेगा। ब्रह्मपुत्र और बराक सहित असम को अनेक नदियों को जो सौगात मिली है उसे समृद्ध करने के लिए आज महाबाहु ब्रह्मपुत्र कार्यक्रम शुरु किया गया है। ये कार्यक्रम ब्रह्मपुत्र के जल से इस पूरे क्षेत्र में वॉटर कनेक्टिविटी को सशक्त करेगा।
बता दें कि, प्रस्तावित धुबरी फूलबाड़ी पुल एनएच-127 बी पर स्थित होगा, जो एनएच-27 (पूर्व-पश्चिम गलियारे) में श्रीरामपुर से निकलता है, और मेघालय में एनएच-106 पर नोंगस्टोइन पर समाप्त होता है। लगभग 4,997 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह पुल असम में धुबरी को मेघालय के फूलबाड़ी, तुरा, रोंग्राम और रोंगजेंग से जोड़ेगा। असम और मेघालय के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करेगा, जो नदी के दो किनारों के बीच यात्रा करने के लिए नौका सेवाओं पर निर्भर थे।
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