Mann Ki Baat: PM मोदी के मन की बात का 107वां एपिसोड, राष्‍ट्र को संबोधित कर दिया यह संदेश...

देश के साथ मन की बात कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्‍ट्र को संबोधित कर रहे है... यह उनके मन की बात का 107वां एपिसोड है...
Mann Ki Baat: PM मोदी के मन की बात का 107वां एपिसोड
Mann Ki Baat: PM मोदी के मन की बात का 107वां एपिसोडRaj Express

हाइलाइट्स :

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम का आज 107वां एपिसोड

  • मन की बात कार्यक्रम के तहत राष्‍ट्र को किया संबोधित

  • राष्ट्र निर्माण में सबका साथ, तभी सबका विकास- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

Mann Ki Baat: आज 26 नवंबर को महीने का आखिरी रविवार है, ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के साथ मन की बात कार्यक्रम के तहत राष्‍ट्र को संबोधित कर रहे है। आज उनके मन की बात का 107वां एपिसोड है।

26 नवंबर, आज का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है :

मन की बात में PM मोदी ने कहा, आज 26 नवंबर को हम कभी भी भूल नहीं सकते हैं। आतंकियों ने मुंबई को, पूरे देश को थर्रा कर रख दिया था, लेकिन ये भारत का सामर्थ्य है कि हम उस हमले से उबरे और अब पूर हौसले के साथ आतंक को कुचल भी रहे हैं। मुंबई हमले में अपना जीवन गंवाने वाले सभी लोगों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं। 26 नवंबर को आज का ये दिन, एक और वजह से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। 1949, आज के ही दिन संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था। मैं सभी देशवासियों को संविधान दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं और हम सब मिलकर के नागरिकों के कर्तव्यों को प्राथमिकता देते हुए विकसित भारत के संकल्प को जरूर पूरा करेंगे।

समय, परिस्थिति, देश की आवश्यकता को देखते हुए अलग-अलग सरकारों ने अलग-अलग समय पर संशोधन किए। लेकिन ये भी दुर्भाग्य रहा कि संविधान का पहला संशोधन, Freedom of Speech और Freedom of Expression के अधिकारों में कटौती करने के लिए हुआ था । वहीं संविधान के 44 वें संशोधन के माध्यम से, Emergency के दौरान की गई गलतियों को सुधारा गया था। यह भी बहुत प्रेरक है कि संविधान सभा के कुछ सदस्य मनोनीत किए गए थे, जिनमें से 15 महिलाएं थी। ऐसी ही एक सदस्य हंसा मेहता जी ने महिलाओं के अधिकार और न्याय की आवाज बुलंद की थी। उस दौर में भारत उन कुछ देशों में था, जहां महिलाओं को संविधान से Voting का अधिकार दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

राष्ट्र निर्माण में सबका साथ, तभी सबका विकास :

उन्‍होंने कहा, राष्ट्र निर्माण में जब सबका साथ होता है, तभी सबका विकास भी हो पाता है। मुझे संतोष है कि संविधान निर्माताओं के उसी दूरदृष्टि का पालन करते हुए, अब भारत की संसद ने 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' को पास किया है। बीते कुछ दिनों के भीतर ही दिवाली, भैया दूज और छठ पर देश में चार लाख करोड़ से ज्यादा का कारोबार हुआ है और इस दौरान भारत में बने उत्पादों को खरीदने का जबरदस्त उत्साह लोगों में देखा गया। Vocal For Local का ये अभियान पूरे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देता है। Vocal For Local अभियान रोजगार की गारंटी है। ये लगातार दूसरा साल है जब दीपावली के अवसर में cash देकर कुछ सामान खरीदने का प्रचलन धीरे-धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। यानी, अब लोग ज्यादा से ज्यादा Digital Payment कर रहे हैं। ये भी बहुत उत्साह बढ़ाने वाला है।

Intelligence, Idea और Innovation आज भारतीय युवाओं की पहचान है। इसमें Technology के Combination से उनकी Intellectual Properties में निरंतर बढ़ोतरी हो, ये अपने आप में देश के सामर्थ्य को बढ़ाने वाली महत्वपूर्ण प्रगति है। आपको ये जानकर अच्छा लगेगा कि 2022 में भारतीयों के Patent आवेदन में 31 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।

उन्‍होंने बताया कि, झारखण्ड, ओडिशा और बंगाल के जन-जातीय इलाकों में एक बहुत प्रसिद्ध नृत्य है, जिसे 'छऊ' के नाम से बुलाते हैं। 15 से 17 नवम्बर तक 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना के साथ श्रीनगर में 'छऊ' पर्व का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सबने 'छऊ' नृत्य का आनंद उठाया। स्वच्छ भारत अभियान ने साफ-सफाई और सार्वजनिक स्वच्छता को लेकर लोगों की सोच बदल दी है। ये पहल आज राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बन चुकी है, जिसने करोड़ों देशवासियों के जीवन को बेहतर बनाया है। इस अभियान ने अलग-अलग क्षेत्र के लोगों, विशेषकर युवाओं को सामूहिक भागीदारी के लिए भी प्रेरित किया है।

मन की बात की प्रमुख बातें-

  • तमिलनाडु के कोयम्बटूर में रहने वाले लोगानाथन जी भी बेमिसाल हैं। बचपन में गरीब बच्चों के फटे कपड़ों को देखकर वे अक्सर परेशान हो जाते थे। इसके बाद उन्होंने ऐसे बच्चों की मदद का प्रण लिया और अपनी कमाई का एक हिस्सा इन्हें दान देना शुरू कर दिया। जब पैसे की कमी पड़ी तो लोगानाथन जी ने Toilets तक साफ़ किये, ताकि जरूरतमंद बच्चों की मदद हो सके।

  • 21वीं सदी की बहुत बड़ी चुनौतियों में से एक है- जल सुरक्षा। जल का संरक्षण करना, जीवन को बचाने से कम नहीं हैं। जब हम सामूहिकता की इस भावना से कोई काम करते हैं तो सफलता भी मिलती है। इसका एक उदाहरण देश के हर जिले में बन रहे 'अमृत सरोवर' भी है।

  • 27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा का पर्व है। इसी दिन देव दीपावली भी मनाई जाती है। इस बार मैं काशी तो नहीं जा पा रहा हूं, लेकिन 'मन की बात' के माध्यम से बनारस के लोगों को अपनी शुभकामनाएं जरूर भेज रहा हूं। कल पूर्णिमा के दिन ही गुरुनानक देव जी का भी प्रकाश पर्व है। मैं 'मन की बात' के सभी श्रोताओं को गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व की बहुत-बहुत शभकामनाएं देता हूं।

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