शीर्ष अदालत ने सीमित किए केंद्र सरकार के अधिकार
शीर्ष अदालत ने सीमित किए केंद्र सरकार के अधिकारSocial Media

पीएम, नेता प्रतिपक्ष और मुख्य न्यायाधीश की सिफारिश पर राष्ट्रपति करेंगे CEC और EC की नियुक्ति : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि लोकतंत्र में, चुनाव की शुद्धता बनाए रखनी चाहिए वरना इसके विनाशकारी परिणाम होंगे।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार के अधिकारों को सीमित करते हुए कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और चुनाव आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति, प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और मुख्य न्यायाधीश की समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और चुनाव आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति के लिए सरकार की शक्ति को सीमित करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को व्यवस्था दी कि इन पदों पर नियुक्तियां प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और भारत के मुख्य न्यायाधीश की समिति की सलाह पर की जाएगी। न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने एक सर्वसम्मत फैसले में कहा कि यह नियम तब तक कायम रहेगा जब तक कि इस मुद्दे पर संसद द्वारा कानून नहीं बना दिया जाता। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि लोकतंत्र में, चुनाव की शुद्धता बनाए रखनी चाहिए वरना इसके विनाशकारी परिणाम होंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा पूरी तरह निष्पक्ष होना चाहिए चुनाव :

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने उनकी नियुक्ति के लिए एक स्वतंत्र तंत्र की मांग करने वाली याचिकाओं के एक समूह को आंशिक रूप से अनुमति देते हुए कहा हम घोषणा करते हैं कि मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और चुनाव आय़ुक्तों के पद पर नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा मंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और मुख्य न्ययाधीश की समिति की सिफारिश पर की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष जैसा कोई पद नहीं है तो संख्या के लिहाज से सदन की सबसे बड़ी पार्टी के नेता, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की सलाह पर इन नियुक्तियों पर निर्णय लिया जाएगा।

जब तक संसद में कानून नहीं बनता ऐसे ही होगी नियुक्ति :

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 324 (2) में कहा गया है कि सीईसी और ईसी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह से की जाएगी, जब तक कि संसद चयन, सेवा की शर्तों और कार्यकाल के लिए मानदंड तय करने वाला कानून नहीं बनाती है, तब तक समिति द्वारा दी गई सलाह पर इन पदों पर नियुक्ति की जाएगी।

चुनाव आयुक्तों को भी दी जानी चाहिए सुरक्षा :

इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर फैसला सुनाने वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ में जस्टिस अजय रस्तोगी, अनिरुद्ध बोस, हृषिकेश रॉय और सीटी रविकुमार भी शामिल हुए थे। अपनी अलग सहमति वाली राय में न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी ने यह भी कहा कि सीईसी को हटाने के लिए उपलब्ध सुरक्षा चुनाव आयुक्तों पर भी लागू होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न कराने के लिए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया को किसी भी बाह्य हस्तक्षेप से बचाने के उपाय करने जरूरी हैं। शीर्ष कोर्ट ने कहा ऐसा करना लोकतंत्र को बचाए रखने के लिए बेेहद जरूरी है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com