पंजाब से बड़ी संख्या में किसानों का शनिवार-रविवार को दिल्ली कूच
पंजाब से बड़ी संख्या में किसानों का शनिवार-रविवार को दिल्ली कूचसांकेतिक चित्र

पंजाब से बड़ी संख्या में किसानों का शनिवार-रविवार को दिल्ली कूच

केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली सीमा पर चल रहे किसानों के धरने और आंदोलन को और मजबूत करने के लिये पंजाब के हजारों किसान के जत्थे धरना स्थल की ओर रवाना हो चुके हैं।

चंडीगढ़। केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली सीमा पर चल रहे किसानों के धरने और आंदोलन को और मजबूत करने के लिये पंजाब के हजारों किसान के जत्थे धरना स्थल की ओर रवाना हो चुके हैं।

शनिवार को लगभग 15 हजार किसानों ने संगरूर जिले की खनौरी सीमा से दिल्ली ओर प्रस्थान किया। इनमें बच्चे, महिलाएं और पुरूष शामिल हैं। इन लोगों का शुक्रवार रात से ही खनौरी सीमा पर पहुंचना शुरू हो गया था। वहीं 27 दिसम्बर रविवार को डबवाली सीमा से लगभग 15 हजार किसान दिल्ली के लिये रवाना होंगे। दिल्ली कूच आहवान संयुक्त किसान मोर्चा ने की है। मोर्चा किसानों आंदोलन के खिलाफ कथित दुष्प्रचार की काट के लिये कृषि कानूनों की सच्चाई जनता तक ले जाने के लिये पंजाब समेत देशभर में हिंदी और पंजाबी में लगभग दस लाख पुस्तकें वितरित करने का फैसला लिया है।

दिल्ली कूच को सफल बनाने के लिए दिल्ली चलो अभियान समिति का भी गठन किया गया है। भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के प्रदेशाध्यक्ष जोगिन्दर सिंह उगराहां, महासचिव सुखदेव सिंह काकोरी कलां और राज्य सचिव शिंगारा सिंह मान के अनुसार दिल्ली कूच का फैसला किसानों के दिल्ली सीमा पर चल रहे धरने और आंदोलन के एक माह पूरे पर लिया गया है। इन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की मांगों को लेकर गम्भीर नहीं दिखाई देती है ऐसे में अब आंदोलन व्यापक रूप लेगा। यह संगठन केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में अब तक पंजाबी और हिंदी भाषा में ढाई लाख से ज्यादा पर्चे घर-घर वितरित कर चुका है। किसान संगठन आंदोलन के लिये समर्थन जुटाने के लिये राज्य में बैठकें और रैलियां भी आयोजित कर रहे हैं।

वहीं विदेशों में बैठे प्रवासी पंजाबियों ने भी किसान आंदोलन का समर्थन करते हुये बड़ी संख्या में पंजाब पहुंचने तथा आंदोलन में शामिल होने का ऐलान किया है। ये लोग 30 दिसम्बर को सिंघु सीमा पर किसानों के आंदोलन के साथ जुड़ेंगे। वहीं आंदोलन से राजनीतिक लाभ लेने के लिये अनेक राजनीतिक दल और इनके प्रवासी भारतीय समेत विभिन्न प्रकोष्ठ भी सक्रिय हो गये हैं। ये दल अपने अपने तरीके से किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं।

डिस्क्लेमर : यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। इसमें राज एक्सप्रेस द्वारा कोई संशोधन नहीं किया गया है।

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