उदयपुर,राजस्थान। भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी साबित होने तक आरोपियों के नाम उजागर नहीं करने के एसीबी के आदेश पर उठे विवाद के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अगर उनकी मर्जी हो तो वह अपराधियों को सार्वजनिक रूप से परेड और मुंडन कराने के लिए तैयार हैं। एसीबी कार्यवाहक प्रमुख हेमंत प्रियदर्शी ने अपने विभाग को भ्रष्टाचार के मामलों में आरोपियों के नाम उजागर करने से रोक दिया था।
हेमंत प्रियदर्शी का किया बचाव-
एसीबी कार्यवाहक प्रमुख हेमंत प्रियदर्शी के विवादित आदेश का बचाव करते हुए सीएम गहलोत ने कहा "अगर मेरा बस चलता, तो मैं बलात्कारियों, गैंगस्टरों और ऐसे सभी लोगों का सिर मुंडवाता और सार्वजनिक रूप से परेड करवाता।" “हालांकि मैं जयपुर पहुंचने के बाद (एसीबी) के आदेश की जांच करवाऊंगा, मेरी जानकारी के अनुसार, यह सुप्रीम कोर्ट की तीन-न्यायाधीशों की पीठ के एक आदेश के अनुसार जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि जब तक आरोप साबित नहीं हो जाते, आरोपियों के नामों का आधिकारिक तौर पर खुलासा नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन एसीबी द्वारा पकड़े गए लोगों की पहचान प्रकाशित करने पर मीडिया पर कोई सरकारी प्रतिबंध नहीं है।"
पिछली सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
सीएम गहलोत ने कहा “वसुंधरा राजे जी के कार्यकाल के दौरान पारित बिल ने मीडिया को ऐसी रिपोर्ट प्रकाशित करने से रोक दिया था। उनकी सरकार को अंततः उस बिल को वापस लेना पड़ा। एसीबी का यह आदेश उस बिल की तरह नहीं है।"
इससे पहले दिन में पाली में पत्रकारों से बात करते हुए गहलोत ने एसीबी के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि "दोषी साबित हुए बिना किसी व्यक्ति को अपमान क्यों सहना चाहिए। “कई मामलों में, कर्मचारियों या अधिकारियों को झूठा फंसाया जाता है। हमने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि किसी व्यक्ति को तब तक अपमान का सामना न करना पड़े जब तक कि यह अदालत में साबित नहीं हो जाता कि उसने भ्रष्टाचार किया है।" राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो के कार्यवाहक प्रमुख हेमंत प्रियदर्शी पर घूसखोरों को बचाने के आरोप भी लगाए जा चुके हैं।
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