लेह में राजनाथ सिंह
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लद्दाख: लेह में राजनाथ सिंह ने श्योक सेतु सहित 75 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का किया उद्घाटन

राजनाथ सिंह ने कहा, आज़ादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में, राष्ट्र को 75 infrastructure projects समर्पित करना, BRO की नई सोच, नया उत्साह, और देश के प्रति ज़िम्मेदारी की भावना को दिखाता है।

लद्दाख। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज लद्दाख के लेह में श्योक सेतु सहित 75 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस दौरान उनके साथ डीजी बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी भी मौजूद थे।

देश की सोच में एक बड़ा परिवर्तन आया है:

लेह में श्योक सेतु सहित 75 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा- आज, Border roads organization द्वारा निर्मित, 75 infrastructure projects के एक साथ उद्घाटन के अवसर पर, आप सभी के बीच उपस्थित होने पर मुझे बहुत खुशी हो रही है। आज़ादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में, राष्ट्र को 75 infrastructure projects समर्पित करना, BRO की नई सोच, नया उत्साह, और देश के प्रति ज़िम्मेदारी की भावना को दिखाता है। BRO ही नहीं, बल्कि मैं देख रहा हूँ, कि पिछले कुछ सालों में समूचे देश की सोच में एक बड़ा परिवर्तन आया है।

आज जिस श्योक नदी के किनारे हम सब उपस्थित हुए हैं, मुझे बताया गया, कि इसे 'River of death' यानी 'मृत्यु की नदी' भी कहा जाता है। पर इस नदी पर अत्यंत कठिन परिस्थितियों में पुल का निर्माण कर, आप सभी ने इस इलाके में नया जीवन भर दिया है। अपनी शुरूआत से ही, दूरदराज के इलाकों में roads, tunnels और अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण कर, राष्ट्र की प्रगति में BRO अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर रहा है। पर पिछले छह-सात सालों में, BRO ने जो उपलब्धियाँ हासिल की हैं, वह अपने आप में अभूतपूर्व हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे यह भी कहा कि, "आज लोकार्पित होने वाले 75 infrastructure projects के निर्माण से, हमारे पश्चिमी, उत्तरी और north-east के दूर-दराज के इलाकों में, Military और Civil transport में बड़ी सुविधा मिलेगी। मैं देख रहा था, कि ये projects राजस्थान से लेकर, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, West-Bengal, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश तक फैले हुए हैं।"

  • सीमाई इलाकों के विकास की कुछ ख़ास जरूरतें हैं, जिन पर हमने ध्यान दिया, और उन पर जमीनी स्तर पर काम भी कियाI हमने देखा, कि इन इलाकों में over-all development की जरूरत है, जो बिना connectivity के संभव नहीं हो सकता है।

  • जहाँ एक ओर हमने देश के आंतरिक हिस्सों में ‘भारतमाला’ जैसी परियोजनाओं के तहत roads, highways, express-ways का निर्माण किया, नए railway tracks और airfields की संख्या बढ़ाई, वहीँ सीमाई इलाकों में भी roadways, railways, highways, waterways और Airways का भी तेज़ गति से निर्माण किया।

  • यहाँ पर लगभग सात दशकों तक विकास की वह स्थिति नहीं आ पाई, जो देश के बाकी हिस्सों में आ गई थी। बुनियादी सुविधाओं का विकास नहीं तो शिक्षा नहीं, स्वास्थ्य नहीं, उद्योग-धंधे और रोजगार के अवसर नहीं, और समृद्धि नहीं।

  • मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है, कि देर आए, दुरुस्त आए। देर से ही सही, पर जम्मू-कश्मीर में भी विकास की धारा बह निकली है। सरकार के अथक प्रयासों से इस इलाके में उम्मीदों की एक नई सुबह हुई है।

  • मैं हमारी Armed forces, Department of Defence और MoD को भी इन उपलब्धियों के लिए बधाई देता हूँ। मैं आप सभी से सदैव, नवनिर्माण में रत रहने का आह्वान करता हूँ। हम सभी हमेशा कुछ नया करते रहें, और राष्ट्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाएँ, यही हमारा उद्देश्य होना चाहिए।

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