राज एक्सप्रेस। कोरोना वायरस के खतरे से भारत की जनता को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे भारत में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित कर दिया है, जिसका आज तीसरा दिन है। लॉकडाउन के चलते पूरा भारत बंद है, जिसका सीधा असर इकॉनमी पर पड़ रहा है, तो वहीं सभी तरह की आर्थिक गतिविधियां रुक गई हैं। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण द्वारा 1.7 लाख करोड़ के पीएम गरीब कल्याण पैकेज का ऐलान किए जाने के ठीक एक दिन बाद आज 27 मार्च को उपजी आर्थिक तबाही के हालातों को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी मिशन मोड में आकर आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कांफ्रेंस कर कई बड़े ऐलान किये हैं। आइए जानते हैं...
कोरोना महामारी के संकट के बीच बैंकों के पास अधिक नकदी सुनिश्चित करने के लक्ष्य के साथ RBI ने सभी बैंकों के लिए अनिवार्य कैश रिवर्स रेश्यो (CRR) को 4% से घटाकर 3% किये जाने का फैसला किया है, जो 28 मार्च से लागू होगा।
RBI ने बैंकों को कैश रिवर्स रेश्यो (CRR) सीमा में एक साल के लिए राहत देने का ऐलान किया है। इसके अलावा, रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) में भी 0.90% की कटौती की गई है, जिससे रिवर्स रेपो रेट घटकर 4% हो गई है।
RBI गवर्नर ने रेपो रेट (Repo Rate) में बड़ी कटौती कर 0.75% यानी 75 बेसिस अंक घटाकर 4.4% कर दिया है।
इसके अलावा, रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) में भी 0.90% की कटौती की गई है, जिससे रिवर्स रेपो रेट घटकर 4% हो गई है।
आरबीआई ने अपने एक बड़े फैसले में सभी टर्म लोन पर 3 महीने का मोरोटोरियम लगा दिया है, ऐसे में डिफॉल्ट होने की स्थिति में कर्जदार की क्रेडिट हिस्ट्री में नहीं दिखेगी, तो वहीं दूसरी ओर उधार देने वाली कंपनियों व बैंकों को कार्यशील पूंजी पुनर्भुगतान पर 3 महीने के लिए ब्याज में छूट दी जाएगी।
आरबीआई गवर्नर ने ये भी कहा है कि, "इस कदम से सिस्टम में 3.74 लाख करोड़ रुपये आएगा, आरबीआई नीति दर से जुड़ी फ्लोटिंग दर पर 1 लाख करोड़ रुपये तक के 3 साल के लिए लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशन (LTRO) की नीलामी आयोजित करेगा।"
साथ ही ये भी बताया कि, LTRO यानी लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशन एक ऐसा टूल है, जिसके तहत रिज़र्व बैंक मौजूदा रेपो रेट (Repo Rate) पर बैंकों को 1 से 3 साल के लिए पूंजी देकर इसके बदले बैंक समान ब्याज दर पर कोलेटरल के तौर पर सरकारी सिक्योरिटीज खरीदते हैं।
कोरोना के देखते हुए MPC ने निर्धारित समय से पहले बैठक की है। 24-27 मार्च तक MPC की बैठक हुई, जिसमें MPC ने 4:2 के अनुपात में रेट कटौती का फैसला लिया है। RBI ने ब्याज दरों, LAF और REVERSE REPO दर में कटौती की है।
RBI गवर्नर - शक्तिकांत दास
हमारा फोकस फाइनेंशियल स्थिरता पर है। H2 में 4.4% ग्रोथ हासिल करना चुनौतीपूर्ण रहेगा। कोरोना की वजह से मांग में काफी कमी आई है। कोरोना से ग्रोथ और महंगाई अनुमानों में काफी बदलाव संभव है। मौजूदा समय जैसी अस्थिरता कभी नहीं देखी गई है। घरेलू इकोनॉमी को सुरक्षा देना समय की मांग है, जिसको ध्यान में रखते हुए लोन री-पेमेंट नियमों में ढील दी जा रही है। सभी बैंकों के CRR में 1% तक कटौती की गई है। सभी बैंकों का CRR 1% से घटाकर 3% किया जा रहा है।
RBI गवर्नर - शक्तिकांत दास
बता दें कि, RBI की 'मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू' 3 अप्रैल को होने वाला था, लेकिन कोरोना के चलते मौजूदा हालत को देखते हुए इसे जल्दी कर दिया गया।
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