संतों ने भी की समान नागरिक संहिता और समान शिक्षा नीति की मांग
संतों ने भी की समान नागरिक संहिता और समान शिक्षा नीति की मांगSocial Media

संतों ने भी की समान नागरिक संहिता और समान शिक्षा नीति की मांग

देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग के बीच संत समाज ने भी सबके लिए एक जैसा कानून बनाने तथा समान शिक्षा प्रणाली की जरूरत पर बल दिया है।

गाजियाबाद। देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग के बीच संत समाज ने भी सबके लिए एक जैसा कानून बनाने तथा समान शिक्षा प्रणाली की जरूरत पर बल दिया है। काशी के सुमेरू पीठाधीश्वर जगतगुरु नरेंद्रानंद सरस्वती ने यहां प्रसिद्ध दूधेश्वनाथ पीठ में श्रीमहंत गौरी गिरि जी महाराज की स्मृति में सोमवार को आयोजित संत सनातन कुंभ को संबोधित करते हुए कहा कि देश में सभी नागरिकों के साथ एक जैसा व्यवहार हो और सबको समान अवसर मिले इसके लिए समान कानून संहिता की आवश्यकता है। देश में जब तक सभी नागरिकों के लिए एक जैसा कानून नहीं होगा तब तक देश तरक्की नहीं कर सकता है।

उन्होंने कहा कि समान नागरिक कानून के साथ ही सभी के लिए एक जैसी शिक्षा की भी जरूरत है। उनका कहना था कि असमान शिक्षा के कारण देश में आजादी के बाद से ही असमानता बढ़ रही है और आज यह चरम पर है। सभी नागरिकों को समानरूप से आगे बढ़ने का अवसर मिले इसके लिए समान नागरिक संहिता और समान शिक्षा प्रणाली लागू करने की आवश्यकता है।समारोह को संबोधित करते हुए जूना अखाड़े के प्रमुख प्रेम गिरि महाराज ने कहा कि देश और समाज को बचाने के लिए धर्म को बचाना जरूरी है और धर्म को बचाना सबकी जिम्मेदारी है। धर्म रहेगा तो देश भी बचेगा और देश के नागरिक बचे रहेंगे। महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि बाबा दूधेश्वरनाथ मंदिर में हर साल आयोजित इस सनातन कुंभ के माध्यम से श्रीमहंत नारायणगिरि महाराज जिस तरह से अपने गुरु श्रीमहंत गौरि गिरि महाराज को याद करते हैं, वह पूरे समाज के लिए प्रेरणा का विषय है।

संतों ने मजहबी कट्टरता को खत्म करने की जरूरत पर भी बल दिया और कहा कि इस तरह की प्रवृत्ति देश तथा समाज के लिए खतरनाक है और समय रहते इसे रोका जाना आवश्यक है। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने संत समागम में आये सभी संतों का आभार जताया और उन्हें स्मृति चिन्ह तथा शॉल भेंट किये। इस दौरान विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया जिसमें हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।

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