इंटरनेट बना ‘क्राइम इन पार्टनर’
इंटरनेट बना ‘क्राइम इन पार्टनर’Social Media

श्रद्धा मर्डर केस : आफताब का एक साथी जो कदम-कदम पर करता रहा उसकी मदद

अगर इंटरनेट आफताब की मदद नहीं करता तो शायद श्रद्धा मर्डर केस बहुत पहले ही पूरी दुनिया के सामने आ जाता।

राज एक्सप्रेस। राजधानी दिल्ली में हुआ श्रद्धा मर्डर केस इस समय पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। जिस तरह से आफताब पूनावाला नाम के आरोपी ने अपनी लिव इन पार्टनर श्रद्धा की हत्या कर उसके शरीर को 35 टुकड़ों में काट दिया, उसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। करीब 6 महीने पहले की गई इस हत्या में रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं। फ़िलहाल पुलिस ने इस मामले में आफताब को गिरफ्तार कर लिया है। वैसे इस पूरे मामले को देखा जाए तो आफताब के साथ उसका एक मददगार साथी भी था, जिसने श्रद्धा के साथ रिलेशनशिप बनाने से लेकर उसकी लाश को ठिकाने लगाने और सबूत मिटाने में आफताब की खूब मदद की। आफताब के उस साथी का नाम है ‘इंटरनेट’।

इंटरनेट के जरिए की दोस्ती :

श्रद्धा और आफताब की दोस्ती इंटरनेट के जरिये हुई थी। आफताब खुद को सोशल मीडिया पर फेमिनिस्ट, एलजीबीटीक्यू समर्थक, लिबरल एक्टिविस्ट, फूड ब्लॉगर, शेफ, फोटोग्राफर और एक मददगार शख्स के रूप में पेश करता था। यानी लड़कियों को आफताब के जाल में फंसाने के लिए इंटरनेट उसकी भरपूर मदद करता था।

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मर चुकी श्रद्धा को इंटरनेट ने रखा जिंदा :

अगर इंटरनेट आफताब की मदद नहीं करता तो शायद यह केस बहुत पहले दुनिया के सामने आ जाता। आफताब ने श्रद्धा की हत्या के बाद उसके सोशल मीडिया अकाउंट को एक्टिव रखा। वह श्रद्धा के इंस्टाग्राम अकाउंट से लगातार पोस्ट करता रहता था और मैसेज के जरिए उसके दोस्तों से भी बातचीत करता रहता था। यही कारण है कि उसके दोस्तों को कभी शक ही नहीं हुआ कि श्रद्धा के साथ कुछ अनहोनी घटना घट चुकी है।

पड़ोसियों को आँखों में झोंकी धूल :

आफताब ने अपने पड़ोसियों को गुमराह करने के लिए भी इंटरनेट का सहारा लिया। दरअसल आफताब और श्रद्धा लिव इन में रहते थे। ऐसे में अचानक श्रद्धा के गायब होने से पड़ोसियों को शक हो सकता था। इसके लिए आफताब ने डेटिंग एप के जरिये एक नई लड़की को अपने प्यार के जाल में फंसाया और उसे घर लेकर भी आया।

इंटरनेट से सीखा सबूत मिटाना :

श्रद्धा की लाश के 35 टुकड़े करने के बाद इंटरनेट ने ही उसे खून के धब्बे मिटाने के तरीके भी सुझाए। आफताब ने इंटरनेट के जरिए खून को साफ करने के तरीके खोजे और उन्ही तरीकों से केमिकल के जरिए फर्श को साफ़ भी कर दिया।

लाश को ठिकाने लगाने में इंटरनेट ने की मदद :

श्रद्धा की हत्या के बाद आफताब के सामने सबसे बड़ा सवाल था कि वह लाश को कैसे ठिकाने लगाए कि किसी को पता ना चले। ऐसे में उसे इंटरनेट पर मिली अमेरिकन क्राइम थ्रिलर वेब सीरीज ‘डेक्स्टर’। इस सीरीज को देखकर ही आफताब महीनों तक दो जिंदगी जीता रहा। एक जिंदगी में वह नौकरी करता, सभी से मिलजुलकर रहता वहीं दूसरी जिंदगी में वह श्रद्धा के लाश के टुकड़ों को ठिकाने लगाता।

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