भारत जोड़ो यात्रा के ट्विटर हैंडल ब्लॉक्ड
भारत जोड़ो यात्रा के ट्विटर हैंडल ब्लॉक्डRaj Express

कोर्ट ने ट्विटर से कांग्रेस, बीजेवाई हैंडल को अगली सुनवाई तक ब्लॉक करने को कहा

बेंगलुरु, कर्नाटक : अदालत ने ट्विटर को अपने प्लेटफॉर्म से तीन लिंक हटाने का निर्देश दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी।

बेंगलुरु, कर्नाटक। बेंगलुरु की एक वाणिज्यिक अदालत ने सोमवार को ट्विटर को कांग्रेस (आईएनसी) और भारत जोड़ो यात्रा के ट्विटर हैंडल को फिल्म केजीएफ-अध्याय 2 के साउंड रिकॉर्ड के अवैध उपयोग के संबंध में एमआरटी म्यूजिक की ओर से दायर किए गए कॉपीराइट उल्लंघन के मुकदमे में अगली सुनवाई तक ब्लॉक करने का निर्देश दिया है।

अदालत ने ट्विटर को अपने प्लेटफॉर्म से तीन लिंक हटाने का भी निर्देश दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी।

एमआरटी म्यूजिक ने कांग्रेस और उसकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ अपने कॉपीराइट किए गए काम के कथित अनधिकृत उपयोग के लिए स्थायी हिदायत देने का आदेश देने की भी मांग की है।

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि प्रथम दृष्टया उपलब्ध सामग्री यह स्थापित करती है कि ध्वनि रिकॉर्ड के अवैध रूप से सिंक्रोनाइज संस्करण न केवल वादी के व्यवसाय के लिए अपूरणीय क्षति का कारण बनेगा, बल्कि बड़े पैमाने पर चोरी को भी प्रोत्साहित करेगा।

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अदालत ने कहा, "इस स्तर पर इस अदालत के समक्ष उपलब्ध ये प्रथम द्ष्टया अवैध सिंक्रोनाइज सामग्री यह स्थापित करती है कि यदि इसे प्रोत्साहित किया जाता है, तो वादी (एमआरटी म्यूजिक), जो सिनेमैटोग्राफी फिल्मों, गीतों, संगीत एल्बमों आदि को प्राप्त करने के व्यवसाय में है, को अपूरणीय नुकसान की स्थिति में डाल दिया जाएगा और इसके अलावा बड़े पैमाने पर पायरेसी को बढ़ावा मिलेगा।"

अदालत ने एक पक्षीय निषेधाज्ञा के माध्यम से आदेश सुनाया और इलेक्ट्रॉनिक ऑडिट का निरीक्षण और संचालन करने के लिए एक आयुक्त की नियुक्ति के लिए वादी की प्रार्थना पर सहमति व्यक्त की।

अदालत ने कांग्रेस के ट्विटर अकाउंट और भारत जोड़ो यात्रा के ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब तथा फेसबुक अकाउंट पर उल्लंघन करने वाली सामग्री को अपने पास सुरक्षित रखने पर भी सहमति जतायी। अदालत ने यह तर्क दिया कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो निषेधाज्ञा देने का उद्देश्य विफल हो जाएगा।

इसके बाद न्यायालय ने प्रतिवादियों के खातों का दौरा करने, एक इलेक्ट्रॉनिक ऑडिट करने और उसी की एक सूची तैयार करने के लिए उपलब्ध उल्लंघनकारी सामग्री को संरक्षित करने के लिए स्थानीय आयुक्त के रूप में अपने कंप्यूटर अनुभाग के एक प्रशासक को नियुक्त किया। न्यायालय ने कहा, "यह अदालत आश्वस्त है कि यदि स्थानीय निरीक्षण करने के लिए आयुक्त की नियुक्ति नहीं की जाती है तो निषेधाज्ञा देने का उद्देश्य देरी से विफल हो जाएगा।"

अदालत ने आदेश दिया, "तदनुसार श्री एसएन वेंकटेशमूर्ति, कंप्यूटर अनुभाग, वाणिज्यिक न्यायालय, बेंगलुरु के जिला प्रणाली प्रशासक को प्रतिवादी 1 से 3 के वेबसाइट पर जाने, इलेक्ट्रॉनिक ऑडिट करने और उपरोक्त सोशल मीडिया में उपलब्ध उल्लंघनकारी सामग्री को संरक्षित करने और सूची तैयार करने के लिए स्थानीय आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है। आयुक्त तमाम विवरणों को इस अदालत की प्रणाली और अलग सीडी में स्टोर करेंगे।"

मामले की अगली सुनवाई 21 नवंबर को तय की गई है।

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