SC में दायर याचिका: लोकसभा की 347 सीटों पर हुई मतगणना में गड़बड़ी

दो गैर-सरकारी संस्थाओं ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर चुनाव आयोग से मांगा जवाब। किसी भी चुनाव के परिणाम घोषित करने से पहले उपलब्ध कराए सही डेटा, गड़बड़ियों की जांच करे।
लोकसभा 2019 के चुनावों की मतगणना में हुई भारी गड़बड़ी
लोकसभा 2019 के चुनावों की मतगणना में हुई भारी गड़बड़ीएडीआर

राज एक्सप्रेस। गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स(एडीआर) और कॉमन कॉज़(Common Cause) ने सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर चुनाव आयोग से 17वीं लोकसभा के चुनाव में हुई विसंगतियों का जवाब मांगा है।

इस याचिका में दावा किया गया कि, विशेषज्ञों के दल द्वारा की गई रिसर्च में ये सामने आया है कि साल 2019 में हुए लोकसभा चुनावों की 347 सीटों की मतगणना में भारी गड़बड़ी है और चुनाव आयोग ने इस पर कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है।

यह याचिका 15 नवंबर 2019 को दायर की गई। जिसमें कहा गया कि भारतीय चुनाव आयोग ने इस साल हुए लोकसभा चुनाव के परिणाम अस्थायी आंकड़ों के आधार पर घोषित किए थे। जिसमें न तो मतगणना सही तरह से हुई, न ही विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में हुई गड़बड़ियों का ही हल निकला।

याचिका में सर्वोच्च न्यायालय से ये दरख्वास्त की गई है कि, वो भारतीय चुनाव आयोग को किसी भी चुनाव के परिणाम घोषित करने से पहले सही डेटा उपलब्ध कराने के निर्देश दें। साथ ही 2019 लोकसभा चुनावों के मतदान और मतगणना में हुई गड़बड़ियों की जांच करे।

एडीआर ने दावा किया कि, मतगणना के दौरान मतों की कुल संख्या और ईवीएम में पड़े मतों की संख्या में अंतर पाया गया है। कुल 542 सीटों पर हुए चुनावों में 347 सीटों पर यह गड़बड़ी पाई गई, इनमें से 6 ऐसी सीट्स हैं जहां मतों की संख्या जीतने वाले प्रत्याशी को मिले मतों से भी ज़्यादा है।

जनहित याचिका में कहा गया कि, फरवरी 2019 में चुनाव आयोग ने एक चुनाव कराने के लिए एक मैन्युअल जारी किया था। इसमें ईवीएम-वीवीपैट से चुनाव कराने की जानकारी थी, इसके कानूनी उपयोग की जानकारी भी थी। साथ ही मतगणना के लिए निर्देश भी थे लेकिन इस मैन्युअल में मतगणना में पाई जाने वाली गड़बड़ियों की जांच के लिए कोई जानकारी उपलब्ध नहीं थी।

याचिका में यह दावा भी किया गया कि इस साल पहली बार 'माय वोटर ऐप' शुरू किया गया था। जिसका काम था कि तत्कालीन समय में कहां कितने प्रतिशत मतदान हुआ इसकी जानकारी देना। इसने चुनाव के पहले 6 चरणों में जानकारी दी लेकिन 7वें चरण में केवल मतदाता प्रतिशत बताया। इससे पहले की समस्त जानकारी चुनाव आयोग द्वारा हटा ली गई थी।

लाइव लॉ वेबसाइट के मुताबिक, यह दावे एडीआर द्वारा विशेषज्ञों से कराई गई रिसर्च के आधार पर किए गए हैं। इस रिसर्च में मतगणना और चुनाव के दौरान पड़े मतों की संख्या में गड़बड़ी पाई गई। मुख्य तौर पर यह दावे हैं-

  1. कुल 542 सीटों पर हुए चुनाव में 347 सीटों की मतगणना में गड़बड़ी पाई गई। 150 सीटों पर हुई मतगणना सही है।

  2. यह गड़बड़ी 1 से 1,01,323 मतों तक की है। यह कुल मतों का 10.49 प्रतिशत है।

  3. इनमें से 6 ऐसी सीटें हैं, जहां मतों की गड़बड़ी जीत के अंतर से भी अधिक है।

  4. कुल 7,39,104 मतों की गड़बड़ी पाई गई है।

  5. याचिकाकर्ता के विश्लेषण में किसी भी एक राजनैतिक दल के सम्बन्ध में ये गड़बड़ियां नहीं पाई गई हैं।

सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका को आप यहां पढ़ सकते हैं-

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