PM ने किया वीर सावरकर एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन
PM ने किया वीर सावरकर एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटनRaj Express

अंडमान-निकोबार द्वीप समूह का होगा आर्थिक विकास, PM ने किया वीर सावरकर एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन

अंडमान-निकोबार में आज PM मोदी ने वीर सावरकर एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया और और अपने संबोधन में कही यह बातें...

हाइलाइट्स :

  • PM मोदी ने पोर्ट ब्लेयर एयरपोर्ट पर नए टर्मिनल भवन का किया उद्घाटन

  • नया टर्मिनल भवन 710 करोड़ रुपये की लागत से हुआ तैयार

  • अंडमान-निकोबार द्वीप समूह का आर्थिक विकास होगा

दिल्ली, भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार को अंडमान और निकोबार में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पोर्ट ब्लेयर के वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया।

वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, टर्मिनल की प्रतिदिन की क्षमता 4,000 पर्यटकों को संभालने की है, जबकि इस एकीकृत टर्मिनल के चालू होने के बाद नई क्षमता प्रतिदिन 11,000 पर्यटकों को संभालने की होगी। ज्यादा फ्लाइट्स और ज्यादा पर्यटक आने का सीधा मतलब है ज्यादा से ज्यादा रोजगार। पोर्ट ब्लेयर की इस नई टर्मिनल बिल्डिंग से Ease of Travel बढ़ेगा, Ease of Doing Business बढ़ेगा और कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी। ये दल उन्हीं कामों को प्राथमिकता देते थे, जिसमें इनका खुद का भला हो, इनके परिवार का भला हो। नतीजा यह हुआ कि हमारे आदिवासी क्षेत्रों और दीपों की जनता विकास से वंचित रही, विकास के लिए तरसती रही।

लंबे समय तक भारत में विकास का दायरा कुछ बड़े शहरों और कुछ क्षेत्रों तक सीमित रहा। कुछ दलों की स्वार्थ भरी राजनीति के कारण विकास का लाभ देश के दूर-दराज वाले इलाकों तक पहुंचा ही नहीं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

  • हमारे से पहले की सरकार के 9 साल में अंडमान निकोबार को करीब 23,000 करोड़ रुपये का बजट अलॉट किया गया था। जबकि हमारी सरकार के दौरान अंडमान निकोबार के विकास के लिए 9 वर्षों में करीब 48 हजार करोड़ रुपये का बजट दिया गया है।

  • पिछली सरकार में अंडमान निकोबार में करीब 28 हजार घरों को पानी के कनेक्शन से जोड़ा गया था। हमारी सरकार में यहां के करीब 50 हजार घरों में पानी का कनेक्शन पहुंचाया गया है।

  • मेरा सौभाग्य है कि वर्ष 2018 में मैंने अंडमान में उसी स्थान पर तिरंगा लहराया जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने झंडा फहराया था। ये हमारी ही सरकार है जिसने रॉस आइलैंड को नेताजी सुभाष का नाम दिया। ये हमारी ही सरकार है जिसने हेवलॉक और नील आइलैंड को स्वराज और शहीद आइलैंड का नाम दिया है।

  • आजादी के 75 वर्षों में हमारा भारत कहीं से कहीं पहुंच सकता था। हम भारतीयों के सामर्थ्य में कभी कोई कमी नहीं रही है, लेकिन सामान्य भारतीय के इस सामर्थ्य के साथ भ्रष्टाचारी और परिवारवादी पार्टियों ने अन्याय किया।

  • आज देश के लोग 2024 के चुनाव में फिर एक बार हमारी सरकार वापस लाने का मन बना चुके हैं, निर्णय ले चुके हैं। ऐसे में भारत की बदहाली के जिम्मेदार कुछ लोग अपनी दुकान खोलकर बैठ गए हैं। इन्हें देखकर मुझे एक कविता की कुछ लाइनें याद आ गई है, जो अवधी भाषा में लिखी गई है- गाइत कुछ है, हाल कुछ है, लेबल कुछ है, माल कुछ है। 24 के लिए 26 होने वाले राजनीतिक दलों पर ये बिल्कुल सटीक बैठता है।

  • ये लोग देश के लोकतंत्र और संविधान को अपना बंधक बनाना चाहते हैं। इनके लिए मैं ये ही कहना चाहूंगा - नफरत है घोटाले हैं, तुष्टीकरण है मन काले हैं, परिवारवाद की आग के दशकों से देश हवाले है। इनके लिए देश के गरीबों के बच्चों का विकास नहीं बल्कि अपने बच्चों और भाई-भतीजों का विकास मायने रखता है। इनकी एक ही विचारधारा और एजेंडा है - अपना परिवार बचाओ, परिवार के लिए भ्रष्टाचार बढ़ाओ। ये जो जमात इकट्ठी हुई है, उनके कुनबे में बड़े से बड़े घोटालों पर, अपराधों पर इनकी जुबान बंद हो जाती है। जब किसी एक राज्य में इनके कुशासन की पोल खुलती है, तो दूसरे राज्यों के ये लोग फौरन उसके बचाव में तर्क देने लगते हैं। कहीं बाढ़ घोटाला होता है, किसी का अपहरण होता है तो कुनबे के सारे लोग चुप हो जाते हैं। कुछ दिन पहले ही पश्चिम बंगाल में हुए पंचायत चुनाव में सरेआम हिंसा हुई, लगातार खून-खराबा हो रहा है, इस पर भी इन सबकी बोलती बंद है।

  • कांग्रेस और लेफ्ट के अपने कार्यकर्ता वहां खुद को बचाने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस और लेफ्ट के नेताओं ने अपने स्वार्थ में वहां अपने कार्यकर्ताओं को भी मरने के लिए छोड़ दिया है। राजस्थान में बेटियों से अत्याचार हो या परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हों, इन्हें कुछ दिखाई नहीं पड़ता। परिवर्तन की बातें करके जनता से विश्वासघात करके जब करोड़ों का शराब घोटाला करते हैं, तो ये कुनबा फिर उन्हें कवर देने लगता है।

  • तमिलनाडु में भ्रष्टाचार और घोटाले के अनेक मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन इनके कुनबे के सारे दलों ने पहले ही सबको क्लीनचिट दे दी है। इन लोगों की साजिशों के बीच हमें देश के विकास के लिए खुद को समर्पित रखना है।

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