निश्चलानंद महाराज को चुनौती देना, मजाक उड़ाना अहंकार का प्रतीक - बीजेपी नेता उमा भारती

BJP Leader Uma Bharti : राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर वरिष्ठ बीजेपी नेता उमा भारती ने कहा, "अयोध्या में राम मंदिर बनना शाश्वत आनंद का विषय है।
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हाइलाइट्स :

  • बीजेपी वरिष्ठ नेता उमा भारती ने दिग्विजय सिंह पर कैसा तंज।

  • निश्चलानंद महाराज को अयोध्या आने के लिए किया आमंत्रित।

  • उमा भारती ने कहा, हमने 500 वर्षों तक बहुत संघर्ष किया।

लखनऊ, उत्तर प्रदेश। पुरी शंकराचार्य निश्चलानंद महाराज को चुनौती देना, मजाक उड़ाना अहंकार का प्रतीक है। अहंकार मुक्त होकर बात करनी चाहिए। अगर निश्चलानंद महाराज को निमंत्रण मिला है तो उन्हें अयोध्या जरूर आना चाहिए। 500 वर्षों के संघर्ष के बाद यह सौभाग्य सभी को मिला है। यह बात बीजेपी वरिष्ठ नेता उमा भारती ने कही है। उमा भारती इस समय लखनऊ में हैं। उन्होंने दिग्विजय सिंह द्वारा राम मंदिर पर उठाए गए सवाल पर भी तंज कसा।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर वरिष्ठ बीजेपी नेता उमा भारती ने कहा, "अयोध्या में राम मंदिर बनना शाश्वत आनंद का विषय है लेकिन एक बात से में आहत हूँ। वो बात यह है कि, अगर पुरी शंकराचार्य निश्चलानंद महाराज ने कुछ कहा है, तो उन्होंने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि आदि शंकराचार्य ने शास्त्रों के माध्यम से वैदिक धर्म की पुन: स्थापना की थी।हमारे लोकतंत्र में शास्त्रों में असहमति का हमेशा सम्मान किया गया है।

उन्होंने आगे कहा कि, निश्चलानंद महाराज को चुनौती देना अहंकार का प्रतीक है...मैं निश्चलानंद महाराज से कहना चाहती हूं कि, आपने कहा है कि निमंत्रण मिला है तो आइए। हमने 500 वर्षों तक बहुत संघर्ष किया है। अब आपके आशीर्वाद से सब कुछ ठीक हो रहा है...अगर अनुष्ठानों में कुछ कमी है तो हमें बताएं। हम इसे ठीक कर देंगे... मेरा आपसे (पुरी शंकराचार्य निश्चलानंद महाराज) अनुरोध है कि, कृपया राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जरूर आएं।"

राम मंदिर में स्थापित मूर्ती पर कांग्रेस नेता दिग्विजय के बयान पर बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने कहा कि, "आप किसकी बात कर रहे हैं? ऐसे लोगों के बारे में जो बेवजह बोलते रहते हैं और हमारा समय बर्बाद करते हैं।" दरअसल दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर पर सवाल किया था कि, भगवान राम बड़े ये मोदी जी? हिंदू धर्मशास्त्र में हिंदुओं को कौन मार्ग दिखाये शंकराचार्य जी या चंपत राय जी? दिग्विजय सिंह ने कहा था कि, राम जन्म भूमि मंदिर में भगवान राम की मूर्ति बाल स्वरूप हो कर माँ कौशल्या की गोद में होना चाहिए। लेकिन जो मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है वह तो बाल स्वरूप की नज़र नहीं आती है।

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