पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंहSocial Media

पर्यटकों के लिए प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों पर मिलेगी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं : जयवीर सिंह

लखनऊ, उत्तर प्रदेश : पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश में आयोजित 03 दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित किया।
Summary

नई पर्यटन नीति-2022 में 10,000 करोड़ रूपये का निवेश एवं अगले पांच वर्षों में 25 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य। पर्यटन से संबंधित अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर 940 करोड़ रूपये की व्यवस्था।

लखनऊ, उत्तर प्रदेश। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि उ.प्र. में पर्यटन की असीमित संभावनायें एवं निवेशकों की रूचि को देखते हुए बड़े पैमाने पर अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आगामी पांच वर्षों में 30 प्रतिशत घरेलू तथा 20 प्रतिशत विदेशी पर्यटकों के वृद्धि की संभावना है। जिससे 25 लाख लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रक्रियाधीन पर्यटन नीति 2022 के तहत 10,000 करोड़ रूपये से अधिक निवेश का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को एक जिला एक पर्यटन केन्द्र के तहत प्राप्त किया जाएगा।

पर्यटन मंत्री आज होटल डी-पोलो क्लब स्पा रिजार्ट, धर्मशाला, हिमांचल प्रदेश में पर्यटन एवं अवस्थापना सुविधाओं के विकास विषय पर आयोजित 03 दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन के लिए केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री किशन रेड्डी तथा केन्द्रीय पर्यटन विभाग के अधिकारियों को बधाई दी। इस राष्ट्रीय सम्मेलन में विभिन्न प्रदेशों के पर्यटन मंत्री, केन्द्रशासित प्रदेशों के एलजी, प्रशासक, वरिष्ठ अधिकारी, भारत सरकार, पर्यटन मंत्रालय के उच्चाधिकारी, राज्यों के पर्यटन विभागाध्यक्ष एवं सेवाक्षेत्र के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि उ.प्र. देश का सबसे बड़ा राज्य है। यहां पर हर जनपद में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए धार्मिक, ऐतिहासिक, पुरातात्विक एवं पौराणिक स्थल मौजूद हैं। इन स्थानों पर पर्यटकों के पसंद के हिसाब से अवस्थापना सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है। जयवीर सिंह ने कहा कि उ.प्र. में सड़क, रेल, वायु तथा जल मार्ग के माध्यम से सभी धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थलों को जोड़ने के लिए अवस्थापना विकास के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में 940 करोड़ रूपये का प्राविधान किया गया है। पर्यटन के विकास की दृष्टि से प्रदेश को 12 सर्किट में बांटा गया है। सभी सर्किटों पर बुनियादी सुविधाओं के विकास पर कार्य तेजी से चल रहा है। बहुत से कार्य पूर्णता के अंतिम चरण में हैं।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि ब्रज परिपथ में मथुरा, वृन्दावन, आगरा, रामायण परिपथ में लखनऊ, प्रयागराज के बीच के सभी स्थान एवं वन इको टूरिज्म, साहसिक पर्यटन स्थल, जल विहार, हेरिटेज आर्क के रूप में आगरा, लखनऊ एवं वाराणसी को जोड़कर बनाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त महाभारत मेरठ, हस्तिनापुर, जैन परिपथ, सूफी परिपथ आदि शामिल हैं। इसके अलावा बौद्ध परिपथ के अंतर्गत लुम्बिनी, बोध गया, नालन्दा, राजगिरी, बैशाली, सारनाथ, श्रावस्ती, कुशीनगर, कौशाम्बी जैसे स्थलों को जोड़ा गया है। जयवीर सिंह ने कहा कि भारत की बौद्ध संस्कृति का प्रभाव दुनिया के अधिकांश देशों में है। इन देशो के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बौद्ध आस्था से जुड़े सभी स्थानों पर विश्वस्तरीय सुविधायें उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके अतिरिक्त हेरिटेज, टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए बुन्देलखण्ड के 31 किलों को चिन्हित किया गया है। पर्यटन की दृष्टि से इन्हें सजाने एवं संवारने के लिए सेन्टर फॉर इनवायरनमेंटल प्लानिंग एण्ड टेक्नोलॉजी (सीईपीटी) विश्वविद्यालय अहमदाबाद से सहयोग लिया जा रहा है।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित स्वदेश दर्शन स्कीम की नई गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश की वैभवशाली सांस्कृतिक विरासत को देखते हुए विन्ध्याचल, नैमिषारण्य, प्रयागराज, चित्रकूट, संगिसा, आगरा, कानपुर, झांसी, महोबा, गोरखपुर एवं कुशीनगर को अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किये जाने के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में इको टूरिज्म बोर्ड के गठन के साथ वेलनेस टूरिज्म के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके साथ ही ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त उ.प्र. पर्यटन एवं संस्कृति प्रोत्साहन परिषद का गठन किया गया है। जयवीर सिंह ने कहा कि उ.प्र. में पर्यटन की अनंत संभावनायें हैं। इस क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने तथा रोजगार सृजित करने के उद्देश्य से विभिन्न संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। इसके साथ ही अध्यात्मिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, ऐतिहासिक, पुरातात्विक महत्व के स्थलों पर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधायें विकसित की जा रही हैं। भगवान श्रीराम की अयोध्या नगरी, कृष्ण की मथुरा एवं काशी कॉरीडोर को अत्याधुनिक बनाया जा रहा है। श्री जयवीर सिंह ने कहा कि पर्यटन सेक्टर का अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उ.प्र. की अर्थव्यवस्था को एक अरब डॉलर बनाने का लक्ष्य रखा है। जिसमें पर्यटन का अहम योगदान होगा। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष जी-20 सम्मेलन में पर्यटन विभाग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेगा।

इस अवसर पर केन्द्रीय पर्यटन सचिव अरविन्द सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत किया, इसके पश्चात केन्द्रीय पर्यटन रक्षा मंत्री अजय भट्ट, एफएआईटीएच फेडरेशन के चेयरमैन नकुल आनन्द, अध्यक्ष भारतीय पर्यटन विकास निगम संबित पात्रा ने सम्बोधित किया। इसके अलावा असम के पर्यटन मंत्री, प्रमुख सचिव पर्यटन गुजरात तथा पर्यटन सचिव दादरा एवं नागर हवेली, दमन द्वीव ने भी अपने विचार रखे। उ.प्र. के प्रमुख सचिव पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम एवं अन्य अधिकारी इस सम्मेलन में मौजूद थे।

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