सामाजिक सरोकारों को साकार कर रहा मुक्त विश्वविद्यालय : राज्यपाल
सामाजिक सरोकारों को साकार कर रहा मुक्त विश्वविद्यालय : राज्यपालRaj Express

सामाजिक सरोकारों को साकार कर रहा मुक्त विश्वविद्यालय : राज्यपाल

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश : मुक्त विश्वविद्यालय सिर्फ शिक्षा ही नहीं सामाजिक सरोकारों में भी आम जनमानस को शिक्षित करने एवं सपनों को साकार करने में अहम भूमिका निभा रहा है।

हाइलाइट्स :

  • मुक्त विश्वविद्यालय में आगामी वर्षों में छात्र संख्या 1 लाख से अधिक होनी चाहिए।

  • अध्यापकों को बच्चों को जागरूक करना चाहिए।

  • अच्छे विचारों को सदैव ग्रहण करना चाहिए।

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज का 18 वां दीक्षान्त समारोह मंगलवार को प्रेक्षागृह में आयोजित किया गया। दीक्षांत समारोह में महिला सशक्तिकरण का अनूठा संगम देखने को मिला। जहां मंच महिला शक्ति से सुशोभित हो रहा था।

दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय सिर्फ शिक्षा ही नहीं सामाजिक सरोकारों में भी आम जनमानस को शिक्षित करने एवं सपनों को साकार करने में अहम भूमिका निभा रहा है। विश्वविद्यालय के पदक विजेताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें घर जाकर अपनी मां को प्रणाम करना चाहिए क्योंकि मां अपने बच्चों के हित में अपना सर्वस्व न्योछावर कर देती है, वैसे ही शिक्षकों को भी समाज हित में आगे आना चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में और वृद्धि होनी चाहिए। मुक्त विश्वविद्यालय में आगामी वर्षों में छात्र संख्या 1 लाख से अधिक होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का दायित्व होना चाहिए कि समाज के प्रत्येक वंचित वर्ग को शिक्षा के साथ सर्वांगीण विकास के समान अवसर मिले।

राज्यपाल श्रीमती पटेल ने मुक्त विश्वविद्यालय को निर्देशित किया कि भारत सरकार द्वारा पिछले 5 वर्षों में दिए गये पद्म पुरस्कार प्राप्त व्यक्तियों के जीवन वृत्त से संबंधित बुकलेट तैयार कराये। जिसमें पुरस्कार प्राप्त करने वाले सामान्य व्यक्तियों के संघर्षशील व्यक्तित्व एवं उनके कार्यों का विवरण शामिल हो। जिससे भावी पीढ़ी उनके कार्यों से प्रेरणा ले सके।

श्रीमती पटेल ने कहा कि अध्यापकों को बच्चों को जागरूक करना चाहिए। उन्होंने भिक्षावृत्ति को समाप्त करने के लिए भारत के सभी कुलपतियों का आह्वान किया कि यदि सभी कुलपति 100 बच्चों को अंगीकृत कर लें तो उनका जीवन बेहतर बनाया जा सकता है।

दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने धीरूभाई अंबानी के जीवन से जुड़ी एक कहानी का उल्लेख करते हुए कहा कि हमेशा बड़े लोगों की बातें माननी चाहिए। उन्होंने बताया कि धीरूभाई अंबानी ₹10 कमाते थे और ₹5 की चाय इसलिए पीते थे क्योंकि उस जगह वह लोगों के उन्नत विचारों को ग्रहण करने जाया करते थे। उन्होंने कहा कि अच्छे विचारों को सदैव ग्रहण करना चाहिए।

दीक्षांत भाषण देते हुए मुख्य अतिथि प्रोफेसर शशि कला वंजारी, कुलपति, राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान, एनआईपीईए, नई दिल्ली ने कहा कि हमें युवा पीढ़ी का निर्माण करना है जो भारत का स्वर्णिम भविष्य लिख सके। भारत विश्व की प्राचीनतम समृद्ध संस्कृति और सभ्यता वाला देश है। प्राचीन भारत एक उन्नत ज्ञान आधारित समाज था जहां गुरुकुल के रूप में शिक्षा की गौरवशाली परंपरा थी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के घोषणा भारत को एक सशक्त ज्ञान आधारित राष्ट्र बनाने तथा इसे वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक एवं क्रांतिकारी कदम है।

कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया तथा कुलपति प्रतिवेदन तथा 1 वर्ष की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने स्नातकोत्तर वर्ग में विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक विद्याशाखाओं के 07 टापर्स को प्रदान किए।

जिसमें मानविकी विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक राम लखन महाविद्यालय, घोसी, मऊ अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत एमए (पत्रकारिता एवं जनसंचार) के छात्र राम बिलास भारती को, समाज विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक मां शुकली देवी डिग्री कॉलेज, सलेमपुर, देवरिया अध्ययन केंद्र से पंजीकृत एमए (समाज कार्य) की छात्रा कु. अंजना पाण्डेय को, प्रबन्धन अध्ययन विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, विश्वविद्यालय यमुना परिसर, शांतिपुरम, प्रयागराज अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत एम. बी. ए. की छात्रा शशि बिंद को, कंप्यूटर एवं सूचना विज्ञान विद्या शाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, विश्वविद्यालय यमुना परिसर, शांतिपुरम, प्रयागराज अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत एमसीए के छात्र दीपक बघेल को, शिक्षा विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, डी सी एस के पी जी कॉलेज मऊ अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत एमए (शिक्षाशास्त्र) की छात्रा स्मृति पाण्डेय को, विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, चंद्रदीप सिंह स्मारक महाविद्यालय, रसड़ा, बलिया अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत एमएससी (जैव रसायन) के छात्र यशराज सिंह को, स्वास्थ्य विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक श्री बाबा साधव राम महाविद्यालय आजमगढ़ अध्ययन केंद्र से पंजीकृत एमएससी (गृह विज्ञान) की छात्रा नीलम को दिया गया।

इसी प्रकार राज्यपाल ने स्नातक वर्ग में विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक विद्याशाखाओं के 07 टापर्स को दिये। जिसमें मानविकी विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, राम लगन गर्ल्स डिग्री कॉलेज, मऊ अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत स्नातक (बीए) के छात्र अवधेश कुमार सिंह को, समाज विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, राम लगन महाविद्यालय, घोसी, मऊ अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत स्नातक (बीए) के छात्र दिवाकर राव को, प्रबन्धन अध्ययन विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, राम लगन महाविद्यालय, घोसी, मऊ अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत स्नातक (बीकॉम) की छात्रा ऐरम फातिमा को, कम्प्यूटर एवं सूचना विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक सुकदेव प्रसाद त्रिपाठी महाविद्यालय कुशीनगर अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत स्नातक (बीसीए) के छात्र अक्षय पटेल को, शिक्षा विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक देव इंद्रावती महाविद्यालय, कटेहरी, अंबेडकर नगर अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत स्नातक (बीएड) की छात्रा गारिमा यादव को, विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, सरदार पटेल स्मारक महाविद्यालय,लालपुर, अंबेडकर नगर अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत स्नातक बी.एस-सी. की छात्रा आकांक्षा वर्मा को, स्वास्थ्य विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय, गोरखपुर अध्ययन केंद्र अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत स्नातक बी.एस-सी. ह्यूमन न्यूट्रिशन की छात्रा कु रीतिका को प्रदान किया।

कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने 11 मेधावी शिक्षार्थियों को दानदाता स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। जिनमें बाबू ओमप्रकाश गुप्त स्मृति स्वर्ण पदक, देव इन्द्रावती महाविद्यालय, कटेहरी, अम्बेडकरनगर अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत बीएड की छात्रा गारिमा यादव को, जोहरा अहमद मिर्जा स्मृति स्वर्ण पदक विश्वविद्यालय यमुना परिसर, शांतिपुरम, प्रयागराज अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत एम सी ए की छात्रा अंजलि शुक्ला को, श्री कैलाशपत नेवेटिया स्मृति स्वर्ण पदक विश्वविद्यालय मुख्य परिसर अध्ययन केन्द्र, प्रयागराज से पंजीकृत एम बी ए की छात्रा शशि बिंद को, स्व0 अनिल मीना चक्रवर्ती स्मृति स्वर्ण पदक स्नातक वर्ग में राम लखन महाविद्यालय घोसी मऊ अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत स्नातक (बी ए) के छात्र दिवाकर राव को, स्व. अनिल मीना चक्रवर्ती स्मृति स्वर्ण पदक स्नातकोत्तर वर्ग में मां शुकली देवी डिग्री कॉलेज, सलेमपुर, देवरिया अध्ययन केंद्र से पंजीकृत एम ए (समाज कार्य) की छात्रा कु. अंजना पाण्डेय को, प्रो. एम.पी. दुबे पर्यावरण/गांधी चिन्तन एवं शान्ति अध्ययन उत्कृष्टता स्वर्ण पदक, राम लगन गर्ल्स डिग्री कॉलेज, मऊ अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत बी.ए. के छात्र अवधेश कुमार सिंह को, प्रो. एम.पी. दुबे दिव्यांग मेधा स्वर्ण पदक टीडी कॉलेज जौनपुर अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत बीएड के छात्र दीपक सिंह को, महान राष्ट्रकवि श्रद्धेय पं. सोहन लाल द्विवेदी स्मृति स्वर्णपदक गांधी शांति निकेतन डिग्री कॉलेज, गौहनिया, प्रयागराज अध्ययन केंद्र से पंजीकृत एम ए (हिन्दी) की छात्रा हेमलता को, स्वर्गीय प्रो. सुशील प्रकाश गुप्ता स्मृति स्वर्ण पदक देव इंद्रावती महाविद्यालय, कटेहरी, अंबेडकर नगर अध्ययन केंद्र से पंजीकृत बी एड की छात्रा गारिमा यादव को, श्रीमती शिवपति द्विवेदी स्मृति स्वर्ण पदक श्री बाबा साधवराम महाविद्यालय, आजमगढ़ अध्ययन केंद्र से पंजीकृत एम ए गृह विज्ञान की छात्रा नीलम को तथा संतोष कुमार दीक्षित स्मृति स्वर्ण पदक महिला वर्ग में श्री बाबा साधवराम महाविद्यालय,आजमगढ़ अध्ययन केंद्र से पंजीकृत एम ए (गृह विज्ञान) की छात्रा नीलम को दिया गया।

राज्यपाल के निर्देश पर दीक्षान्त समारोह के पूर्व आयोजित दीक्षोत्सव के कार्यक्रम सेमिनार, काव्य लेखन, देशभक्ति गीत, निबंध लेखन, भाषण प्रतियोगिता, पारंपरिक खेल, महिला सम्मेलन, स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम एवं खेलकूद प्रतियोगिता के विजेताओं को दीक्षान्त समारोह के अवसर पर कुलाधिपति श्रीमती पटेल द्वारा पुरस्कृत किया गया। दीक्षान्त समारोह के अवसर पर चुनिंदा 10 आंगनबाड़ी केंद्रों को विश्वविद्यालय की तरफ से कुलाधिपति श्रीमती पटेल ने किट भेंट किया । इसके अतिरिक्त 30 अन्य आंगनबाड़ी केंद्रों को भी किट प्रदान किया गया।

इस अवसर पर कुलाधिपति श्रीमती पटेल ने उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान से विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पी पी दुबे, प्रोफेसर पी के पांडेय एवं प्रोफेसर रुचि बाजपेई को सम्मानित किया । कुलाधिपति के समक्ष विशेष विद्यालय के श्रवण एवं बौद्धिक दिव्यांग बच्चों द्वारा समूह नृत्य का प्रस्तुतीकरण किया गया। कुलाधिपति ने नृत्य प्रस्तुतीकरण करने वाले दिव्यांग बच्चों एवं शोभा यात्रा के समय घोष की प्रस्तुति करने वाले भारत स्काउट एंड गाइड के बच्चों को उपहार भेंट किया।

दीक्षांत समारोह के अवसर पर कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल शोध प्रविधि पर मूक्स (मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज) का शुभारंभ किया। इसके साथ ही कुलाधिपति श्रीमती पटेल ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा संपादित पुस्तकों का विमोचन किया। संचालन प्रोफेसर पीके पांडेय ने किया।

दीक्षांत समारोह के उपरांत कुलाधिपति एवं राज्यपाल ने पदक विजेता शिक्षार्थियों से उनकी रुचि के विषय में बातचीत की। इसके उपरांत राज्यपाल श्रीमती पटेल ने विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह अधिकारियों एवं शिक्षकों के साथ समीक्षा बैठक की एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

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