नोएडा में सुपरटेक ट्विन टावर जमींदोज, कई मीटर तक फैला धूल का गुबार
उत्तर प्रदेश, भारत। उत्तर प्रदेश के नोएडा में लाखों करोड़ों रूपए खर्च कर 40-40 मंज़िला गगनचुंबी ट्विन टावर को बनाया गया, जो आज 28 अगस्त को कुछ ही सेकंड में मलबे की ढेर में तब्दील हो चुका है। दरअसल, सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के ट्विन टावर धमाके के बाद जमींदोज हो चुका है।
कई मीटर तक फैला धूल का गुबार :
बताया जा रहा है कि, आज रविवार को करीब ढाई बजे के बाद एक धमाकों से कुछ ही सेकंड में 300 करोड़ की लागत से तैयार किए गए ट्विन टावर को ध्वस्त कर दिया गया। ट्विन टावर ध्वस्त होने के बाद कई मीटर तक धूल का गुबार फैल गया और देखते ही देखते नोएडा में 'मशरूम ऑफ डस्ट' छाया रहा। कई किलोमीटर दूर तक लोगों को 3700 किलीग्राम बारूद के धमाके की आवाज सुनाई दी और लोगों ने इन धमाकों की धमक को महसूस किया। ऐसे में आस-पास जमे धूल को स्थिर करने के लिए पानी को स्प्रे करने के लिए एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
पूरे प्लान के साथ काम किया और टावर गिराया :
नोएडा पुलिस आयुक्त ने बताया- पूरे प्लान के साथ काम किया गया और टावर को गिराया गया। सुरक्षा के पूरे इंतज़ाम थे जिस कारण से सब कुछ सही से हुआ। हम अवशेष और बचे हुए विस्फोटकों का आकलन करने के लिए साइट पर जा रहे हैं यदि वे वहां छोड़े गए हैं।
नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा कि, ''आस-पास की हाउसिंग सोसाइटियों को कोई नुकसान नहीं हुआ है। अभी कुछ मलबा सड़क की तरफ आया है। हमें एक घंटे में स्थिति का बेहतर अंदाजा हो जाएगा।''
हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं लेकिन निर्माण पर खर्च किए गए पैसे को बचाने के लिए इस इमारत को सरकार को सौंप दिया जाना चाहिए था। सरकार इस टावर में शहर के बेघर लोगों का पुनर्वास कर सकती थी। इतना पैसा बर्बाद करने के बजाय ट्विन टावर को अस्पताल में बदला जा सकता था।
एक्टिव सिटीजन टीम के संस्थापक सदस्य आलोक सिंह
सुपरटेक लिमिटेड का 500 करोड़ रुपए बर्बाद :
सुपरटेक लिमिटेड के चेयरमैन आरके अरोड़ा की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, ''हमने एपेक्स और सेयेन नाम के इन दो टावरों में स्टील, सीमेंट, रेत, लेबर, लोन और अन्य खर्चों सहित निर्माण सामग्री में 450 करोड़ रुपए का खर्च किया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के बाद सुपरटेक लिमिटेड का 500 करोड़ रुपए बर्बाद हो गया। ट्विन टावर ब्लास्ट से उनकी चल रही किसी भी परियोजनाओं के निर्माण पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बाकी इमारतों का निर्माण कार्य चलता रहेगा। समय पर इमारतों की डिलीवरी देने के लिए कंपनी प्रतिबद्ध है पिछले 7 वर्षों के दौरान हमारे पास 40,000 से अधिक फ्लैट वितरित करने का मजबूत रिकॉर्ड है। इस साल के अंत तक सुपरटेक लिमिटेड ने 7000 फ्लैट वितरित करने का लक्ष्य रखा है।''
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।