दिल्ली, भारत। उत्तर प्रदेश में जब दंगे आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चल रहे थे। तब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो इस पर कोर्ट ने यूपी सरकार से हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था। ऐसे में आज उत्तर प्रदेश के विशेष सचिव गृह राकेश कुमार मालपानी ने सुप्रीम कोर्ट में सबूत संलग्नक सहित 63 पेज का हलफनामा दाखिल किया है।
हलफनामे में योगी सरकार ने कहा :
इस दौरान उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने तोड़फोड़ को कानूनी ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए हलफनामे में कहा- अवैध निर्माण के खिलाफ तोड़फोड़ नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है। जमीयत तोड़फोड़ को दंगों से जोड़ रहा है, नोटिस बहुत पहले जारी किए गए थे। अलग कानून के तहत दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. जमीयत पर जुर्माना लगाकर याचिका खारिज की जाए। प्रयागराज में जावेद मोहम्मद के घर के खिलाफ कार्रवाई पर्याप्त अवसर देकर- इसका दंगे से कोई संबंध नहीं- कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किया गया।
हलफनामे में कहा गया है कि, ''बुलडोजर चलाकर अवैध रूप से निर्मित संपत्ति ढहाई गई है। ये प्रक्रिया तो काफी पहले से चल रही है। लिहाजा ये आरोप गलत हैं कि, सरकार और प्रशासन हिंसा के आरोपियों से बदले निकाल रहा है।''
याचिकाकर्ता झूठा आरोप लगा रहा है :
इतना ही नहीं यूपी की योगी सरकार द्वारा यह आरोप भी लगाया गया है कि, ''याचिकाकर्ता झूठा आरोप लगा रहा है कि एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। कोई भी प्रभावित पक्ष अदालत के सामने नहीं है। नियमों के मुताबिक कार्रवाई की गई है, जमीयत उलेमा ए हिन्द ने जो आरोप यूपी सरकार पर लगाये हैं वे गलत और बेबुनियाद हैं। इस मामले में कोई भी प्रभावित पक्ष कोर्ट में नहीं आया।''
बता दें कि, यूपी सरकार के इस हलफनामे के साथ जावेद अहमद के घर पर लगा राजनीतिक दल का साइन बोर्ड, नोटिस सभी चीजें प्रमाण के रूप में कोर्ट भेजी गई हैं।
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