डेस्टिनेशन वेडिंग से कमाई की योजना
डेस्टिनेशन वेडिंग से कमाई की योजनाRaj Express

वैवाहिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाएंगे UP के 100 से अधिक स्थान, डेस्टिनेशन वेडिंग से कमाई की योजना

उत्तर प्रदेश को 10 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य के तहत नई पर्यटन नीति-2022 में इस तरह की पहल की गई है। मंत्रिमंडल की बैठक में बहुत जल्द इस संबंध में प्रस्ताव लाए जाने की उम्मीद है।

राज एक्सप्रेस। राजस्थान के महलों में देशी-विदेशी जोड़ों के विवाह (डेस्टिनेशन वेडिंग) से होने वाली भारी आय को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने भी राज्य के प्रसिद्ध किलों, महलों और ऐतिहासिक स्‍थलों को ‘वैवाहिक पर्यटन स्थल (Destination Wedding Tourism)' के रूप में विकसित करके कमाई करने की योजना बनाई है। उत्तर प्रदेश को 10 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था (One Trillion Dollar Economy) बनाने के लक्ष्य के तहत नई पर्यटन नीति-2022 में इस तरह की पहल की गई है। मंत्रिमंडल की बैठक में बहुत जल्द इस संबंध में प्रस्ताव लाए जाने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (पर्यटन एवं संस्कृति) मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया उत्तर प्रदेश में राजसी ठाठ-बाट और सांस्कृतिक विरासत के जरिये शादी को यादगार बनाने वाले बहुत ही आकर्षक स्थल मौजूद हैं। आगरा का ताजमहल (Taj Mahal) जहां प्यार का प्रतीक है, वहीं मथुरा-वृंदावन को आध्यात्मिक प्रेम की नगरी माना जाता है।

Destination Wedding से होगी अच्छी खासी कमाई

मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया चुनार किले से लेकर बाजीराव-मस्तानी के अगाध प्रेम से जुड़ा महोबा का ‘मस्तानी महल' और बुंदेलखंड के विभिन्न किले भी लोकप्रिय ‘डेस्टिनेशन वेडिंग' के रूप में उभर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन महलों और किलों को ‘वैवाहिक पर्यटन स्थल' के रूप में विकसित करने जा रहे हैं, ताकि लोग प्रेम की अटूट गाथा के गवाह स्थलों पर वैवाहिक बंधन में बंध सकें। एक अधिकारी ने बताया राजस्थान में नवंबर 2022 से मार्च 2023 के बीच लगभग 40 हजार ‘डेस्टिनेशन वेडिंग' हुईं। प्रदेश में एक सत्र में इस तरह की शादियों से औसतन 2,500 करोड़ रुपये का कारोबार होता था, जो कोविड-19 महामारी के कारण प्रभावित हुआ था। अब यह धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है।

विवाह के लिए आगरा व वाराणसी पसंदीदा स्थान

पर्यटन विभाग का आकलन है कि बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए आगरा और वाराणसी आते रहे हैं, लेकिन कोविड-19 की दस्तक के बाद से प्रदेश में विदेशी पर्यटकों की आमद कम हो गई है। ‘डेस्टिनेशन वेडिंग' का आकर्षण भी घट गया है। प्रमुख सचिव ने बताया, अब स्थिति सामान्य हो रही है। ऐसे में विभाग ने राज्य में 100 स्थानों को ‘वैवाहिक पर्यटन स्थल' के रूप में विकसित करने के लिए चिन्हित किया है। हालांकि, अगले साल तक मुख्य रूप से मिर्जापुर के चुनार किला, लखनऊ की छत्तर मंजिल, बरसाना के जल महल और झांसी के बरुआ सागर समेत 10 ऐतिहासिक-पौराणिक स्थलों पर ‘डेस्टिनेशन वेडिंग' की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। मेश्राम ने कहा हम मंत्रिमंडल के समक्ष यह प्रस्ताव पेश करने के लिए तैयार हैं।

धरोहरों के संंरक्षण से अर्थव्यवस्था को मिलेगी ताकत

पीपीपी (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) आधारित इस प्रस्ताव के तहत, उपेक्षा के कारण खंडहर में तब्दील हो रहे किलों, महलों और धरोहरों की मूल वास्तुकला में किसी भी तरह का बदलाव किए उन्हें ‘वैवाहिक पर्यटन स्थल' के रूप में विकसित किया जाएगा। मेश्राम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा उत्तर प्रदेश, खासतौर से बुंदेलखंड की धरोहरों को संरक्षित करने के साथ ही अर्थव्यवस्था में उनका योगदान बढ़ाने की है। पर्यटन विभाग के एक उप-निदेशक ने बताया सिर्फ राजस्‍थान ही नहीं, बल्कि अन्‍य राज्‍यों में भी कई वैवाहिक पर्यटन स्थल आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। मिसाल के तौर पर मध्य प्रदेश के ओरछा में किलों और महलों में खूब शादियां होती हैं।

वैवाहिक पर्यटन से होगी कमाई लोगों को मिलेगा रोजगार

यूपी के बुंदेलखंड में कई बार मनचाही तारीख पर बुकिंग न मिलने पर जोड़े निकटवर्ती बरुआसागर किला को भी ‘डेस्टिनेशन वेडिंग' के लिए चुनते हैं। झांसी-खजुराहो मार्ग पर करीब साढ़े सात एकड़ में फैले बरुआसागर किले के बारे में बताया जाता है कि झांसी की रानी गर्मियों के दिनों में यहां अपना दरबार लगाती थीं। ऑल इंडिया टेंट डीलर वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष विजय कुमार ने प्रदेश सरकार की पहल की सराहना करते हुए कहा, उत्तर प्रदेश जैसे विशाल राज्य को ‘वैवाहिक पर्यटन स्थल' के रूप में विकसित करने से परिवहन, फोटोग्राफी, ज्‍वेलरी, कपड़ा, हलवाई, बैंड-बाजा, टेंट, मैरिज लॉन, इवेंट मैनेजमेंट, सजावट, आर्केस्ट्रा, कैटरिंग और होटल आदि उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।

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