इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय
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इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में 400% फीस बढ़ोतरी के खिलाफ तीन दिनों से छात्र आमरण अनशन पर

आमरण अनशन स्थल पर पांच छात्रों ने सिर मुंडवाया, बढ़ी हुई फीस वापसी तक संघर्ष जारी रखने का किया ऐलान। युवा मंच ने जारी की अपील, हठधर्मिता छोड़ छात्रों से तत्काल संवाद व वार्ता करें इविवि प्रशासन।

प्रयागराज, उत्तरप्रदेश। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में 400%फीस बढ़ोतरी के खिलाफ छात्रों का आंदोलन लगातार बढ़ता ही जा रहा हैं। बढ़ी फीस के खिलाफ तीन दिनों से छात्र विश्वविद्यालय परिसर में आमरण अनशन पर बैठे हुए है, वहीं आमरण अनशन के तीसरे दिन आमरण अनशन स्थल पर पांच छात्रों ने सिर मुंडवा कर फीस वापसी तक संघर्ष जारी रखने का ऐलान किया है। वहीं दूसरी ओर युवा मंच ने आंदोलन का समर्थन करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन तथा केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से हठधर्मिता छोड़ फीस वापस करने की अपील की है।

युवा मंच ने इविवि फीस वृद्धि आंदोलन के समर्थन में अपील जारी की है। विश्वविद्यालय प्रशासन और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से अपील की गई है कि हठधर्मिता छोड़ तत्काल छात्रों से संवाद व वार्ता की जाए और छात्रों की वाजिब मांगों को हल किया जाए। युवा मंच संयोजक राजेश सचान की ओर से जारी अपील में कहा गया है कि देश में नागरिकों को शिक्षा मुहैया कराना सरकार का संवैधानिक दायित्व है, यह सरकार व राज्य की जवाबदेही है, इसलिए फीस बढ़ाकर इसका भार छात्रों पर डालना कतई उचित नहीं है। जहां तक विश्वविद्यालय में संसाधनों की कमी की बात है उसे फीस वृद्धि से पूरा करने की जगह सरकार को चाहिए कि फालतू खर्चों पर रोक लगाए। इसके अलावा कारपोरेट घरानों पर संपत्ति कर लगाकर शिक्षा का बजट बढ़ा कर विश्वविद्यालयों के लिए जरूरी बजट का प्रबंध आसानी से किया जा सकता है।

उन्होंने आगे कहा कि दो दशक पहले आईआईटी आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में इसी तरह से फीस बढ़ोत्तरी की गई। आज इन संस्थानों में लाखों रुपए फीस की वजह से किसान, मध्यवर्गीय पृष्ठभूमि के छात्रों का प्रवेश लगभग नामुमकिन हो गया है। अगर इसी तरह सरकार शिक्षा मुहैया कराने की संवैधानिक जवाबदेही से पल्ला झाड़ लिया तो भविष्य में उच्च शिक्षा आम लोगों के लिए हासिल करना मुमकिन नहीं होगा।

उन्होंने बताया कि फीस वृद्धि आंदोलन के समर्थन में युवा मंच द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कैंपेन चलाया जा रहा है। युवामंच के अनिल सिंह ने कहा युवामंच छात्रों के साथ खड़ा है फीस वृद्धि हर हाल में वापस होना चाहिए बढ़ी हुई फीस इस बात का संकेत है कि गरीब मध्यम वर्ग दलित आदि शिक्षा से वंचित करने का कुचक्र है हम यह कुचक्र बर्दाश्त नहीं करेंगे बढ़ी हुई फीस वापस लेना ही पड़ेगा।

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