यूपी बोर्ड की उर्दू की पाठ्य पुस्तक में नहीं हुआ है संशोधन
यूपी बोर्ड की उर्दू की पाठ्य पुस्तक में नहीं हुआ है संशोधनRaj Express

Uttar Pradesh : यूपी बोर्ड की उर्दू की पाठ्य पुस्तक में नहीं हुआ है संशोधन

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश : यूपी बोर्ड के सचिव ने कहा कि एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों से यूपी बोर्ड के पाठ्य पुस्तकों की तुलना करना गलत।

हाइलाइट्स :

  • यूपी बोर्ड द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के आधार पर ही पाठ्य वस्तु का निर्माण किया गया है।

  • यूपी बोर्ड द्वारा प्रकाशित विषयों की पाठ्यवस्तु की तुलना किया जाना औचित्यपूर्ण नहीं है।

  • कुछ रचनाकारों को उत्तर प्रदेश के पाठ्यक्रम से हटाए जाने की खबरें भ्रामक।

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने उर्दू विषय में कुछ रचनाकारों को पाठ्यक्रम से हटाए जाने की खबरों को पूरी तरह से भ्रामक बताया है। यूपी बोर्ड के सचिव दिव्य कांत शुक्ल ने आज विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि यूपी बोर्ड द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के आधार पर ही पाठ्य वस्तु का निर्माण किया गया है। एनसीईआरटी नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित उर्दू, हिंदी और संस्कृत विषय की पाठ्यवस्तु से यूपी बोर्ड द्वारा प्रकाशित इन विषयों की पाठ्यवस्तु की तुलना किया जाना औचित्यपूर्ण नहीं है।

उन्होंने कहा है कि एनसीईआरटी की उर्दू विषय की पाठ्य पुस्तकों में सम्मिलित कुछ रचनाकारों को माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के पाठ्यक्रम से हटाए जाने की भ्रामक खबरें प्रकाशित हो रही हैं जबकि इन रचनाकारों की रचनाएं पूर्व से ही माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के पाठ्यक्रम में सम्मिलित नहीं थी।

माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्य कांत शुक्ल ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के उर्दू विषय के वर्तमान पाठ्यक्रम में फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की रचनाएं कक्षा 10 मे, मुंशी प्रेमचंद की रचनाएं कक्षा 11 में और अकबर इलाहाबादी की रचनाएं कक्षा 11 और 12 में शामिल हैं।

यूपी बोर्ड के सचिव ने बताया है कि शैक्षिक सत्र 2022- 23 से पहले हिंदी, उर्दू और संस्कृत विषयों की पाठ्य पुस्तकों का लेखन निजी प्रकाशकों द्वारा माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के आधार पर किया जाता था। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार के 7 अप्रैल 2022 के शासनादेश के क्रम में कक्षा 9, 10, 11 और 12 की हिंदी, उर्दू और संस्कृत विषय की पाठ्य पुस्तकों का लेखन माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के आधार पर विषय विशेषज्ञों के माध्यम से कराया गया है। इन विषयों की प्रचलित पाठ्य पुस्तकों में प्राप्त विसंगतियों का निवारण किया गया है। छात्रों के बौद्धिक स्तर को ध्यान में रखते हुए कक्षा वार कठिनाई स्तर के अनुरूप विषय विशेषज्ञों के माध्यम से अभ्यास कार्य कराया गया है।

उन्होंने बताया कि इसी क्रम में कठिन शब्दों का सरलीकरण किया गया है और क्लिष्ट व विस्तृत पाठों को संक्षिप्त भी किया गया है। यूपी बोर्ड द्वारा इन विषयों के स्वीकृत पाठ्यक्रम में कोई परिवर्तन न करते हुए उसे यथावत रखा गया है।

यूपी बोर्ड के सचिव दिव्य कांत शुक्ल ने बताया कि उर्दू विषय में माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम की एनसीईआरटी की उर्दू विषय की पाठ्य पुस्तकों से तुलना किए जाने के कारण भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है। उन्होंने बताया है कि एनसीईआरटी की उर्दू विषय की पाठ्य पुस्तकों में सम्मिलित कुछ रचनाकारों को माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के पाठ्यक्रम से हटाए जाने की खबर पूरी तरह से झूठी और गलत है। उन्होंने यह भी कहा है कि पूर्व में ही इन रचनाकारों की रचनाएं माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के पाठ्यक्रम में सम्मिलित नहीं थी।

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