उन्नाव कांड: विरोध का कैसा तरीका, मासूम बेटी को किया आग के हवाले

उन्नाव कांड का गुस्सा पूरे उत्तर प्रदेश में, घटना के बाद से लोगों के दिलों में गुस्सा फूट रहा है। हाल ही में उन्नाव कांड के खिलाफ प्रदर्शन कर रही एक महिला ने बेटी को लगाई आग।
एक महिला ने बेटी को लगाई आग
एक महिला ने बेटी को लगाई आगSocial Media

राज एक्सप्रेस। उन्नाव कांड का गुस्सा पूरे उत्तर प्रदेश में, घटना के बाद से लोगों के दिलों में गुस्सा फूट रहा है। हाल ही में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के बाहर उन्नाव कांड के खिलाफ प्रदर्शन कर रही एक महिला ने बेटी को लगाई आग हालांकि वक्त रहते ही उसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया और बच्ची को इलाज के लिए इमरजेंसी वार्ड में भेज दिया।

सूत्रों के अनुसार

मिली जानकारी के मुताबिक उन्नाव दुष्कर्म मामले की पीड़िता की मौत हो जाने के बाद इसके विरोध में एक महिला सफदरजंग अस्पताल के बाहर प्रदर्शन कर रही थी। इसी दौरान एक महिला ने अपनी 6 साल की बेटी पर पेट्रोल डालकर आग लगाने की कोशिश की, पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया और बच्ची का इलाज चल रहा है।

बलात्कार पीड़िता के गांव में सन्नाटा

उत्तर प्रदेश में उन्नाव की बलात्कार पीड़िता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मृत्यु होने के बाद गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। पीड़िता के शव के किसी भी समय गांव पहुंचने की संभावना को देखते हुये पुलिस का पहरा सख्त कर दिया गया है। गांव में सुरक्षा बलों के अलावा मीडियाकर्मियों का जमावड़ा लगा हुआ है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के संभावित आगमन के मद्देनजर जिला प्रशासन सतर्क है। मौके पर एडिशनल एसपी विनोइ कुमार पांडे और एडीएम राकेश सिंह के अलावा पुलिस क्षेत्रधिकारी गौरव त्रिपाठी मौजूद हैं।

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

घर के दरवाजे पर गुमसुम बैठे पिता के चेहरे पर गम और गुस्सा साफ दिख रहा है। बुजुर्ग पिता ने न्याय और सरकारी मदद मिलने के सवाल पर कहा ‘‘ मेरी बिटिया जीना चाहती थी और आरोपियों को सजा दिलाना चाहती थी। मुझे रूपया पैसा मकान कुछ नहीं चाहिये। मुझे इसका लालच नहीं है। बस जिन लोगों ने बेटी को इस हालत में पहुंचाया है, उन्हे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिये।’’

बुजुर्ग पिता ने कहा

उनके परिवार को दिलासा देने न विधायक आये और न ही कोई अधिकारी ही आया। साथ ही कहा कि, आरोपियों ने पैसे दे देकर हमें न्याय से वंचित कराया। मेरा मुकदमा भी नहीं लिखा गया था। अदालत के आदेश पर मुकदमा लिखा गया था। पुलिस लापरवाही न करती तो यह हालात न बनते। परिजनों से अंतिम संस्कार के बावत बात करने पर उन्होंने बताया कि, कुछ पता नहीं चल रहा है। साथ ही एसडीएम बीघापुर दया शंकर पाठक ने कहा अभी कुछ बता नहीं सकते हैं। जब जानकारी होगी बताया जायेगा।

गौरतलब है कि पिछले मुकदमे की पैरवी के सिलसिले में रायबरेली जाने के लिये भोर पहर घर से निकली पीड़िता को रास्ते में आरोपियों ने जलाकर मारने की कोशिश की थी। आरोपियों के चंगुल से छूटते ही वह जलती हुई घटनास्थल से करीब 1800 मीटर तक बचाने की गुहार लगाते हुए भागी थी। बाद में पुलिस ने स्थानीय सुमेरपुर अस्पताल में भर्ती कराया था जहां उसने आरोपियों के नाम अपने बयान में सार्वजनिक किये थे। यहां से उसे जिला अस्पताल और फिर ट्रामा सेन्टर भेजा गया था। बाद में उसे एयर लिफ्ट कर दिल्ली बेहतर इलाज के लिए ले जाया गया था। जहां उसने बीती रात साढ़े ग्यारह बजे के करीब अंतिम सांस ली। पुलिस ने सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

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