विधि विधान पूर्वक Shri Kedarnath Dham के कपाट शीतकाल के लिए बन्द
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विधि विधान पूर्वक Shri Kedarnath Dham के कपाट शीतकाल के लिए बन्द

Uttarakhand में स्थित भगवान शिव के ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग बाबा केदारनाथ मन्दिर (धाम) के कपाट गुरुवार को भैया दूज के पावन अवसर पर प्रात: आठ बजकर 30 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो गये।

श्री केदारनाथ धाम/देहरादून। उत्तराखंड में स्थित भगवान शिव के ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग बाबा केदारनाथ मन्दिर (धाम) के कपाट गुरुवार को भैया दूज के पावन अवसर पर प्रात: आठ बजकर 30 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार आज प्रात: तीन बजे मंदिर खुल गया। चार बजे से कपाट बंद करने की पूजन प्रक्रिया शुरू हो गयी। पुजारी टी गंगाधर लिंग ने भगवान केदारनाथ के स्वयंभू ज्योर्तिलिंग को श्रृंगार रूप से समाधि रूप दिया। ज्योर्तिलिंग को बाघंबर, भृंगराज फूल,भस्म, स्थानीय शुष्क फूलों- पत्तों आदि से ढ़क दिया गया। इसके साथ ही भकुंट भैरव नाथ के आह्वान के साथ ही गर्भगृह तथा मुख्य द्वार को जिला प्रशासन के अधिकारियों की उपस्थिति में बंद किया गया। इसके साथ ही पूरब द्वार को भी सीलबंद किया गया। इस अवसर के ढाई हजार से अधिक श्रद्धालु साक्षी बने। इस वर्ष यहां कुल 15,61,882 (पंद्रह लाख एकसठ हजार आठ सौ बयासी) तीर्थयात्रियों ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किये है।

उत्तराखंड में स्थित भगवान शिव के ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग बाबा केदारनाथ मन्दिर (धाम) के कपाट गुरुवार को भैया दूज के पावन अवसर पर प्रात: आठ बजकर 30 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार आज प्रात: तीन बजे मंदिर खुल गया। चार बजे से कपाट बंद करने की समाधि पूजन प्रक्रिया शुरू हो गयी। पुजारी टी गंगाधर लिंग ने भगवान केदारनाथ के स्वयंभू ज्योर्तिलिंग को श्रृंगार रूप से समाधि रूप दिया। ज्योर्तिलिंग को बाघंबर, भृंगराज फूल,भस्म, स्थानीय शुष्क फूलों- पत्तों आदि से ढ़क दिया गया। इसके साथ ही भकुंट भैरव नाथ के आह्वान के साथ ही गर्भगृह तथा मुख्य द्वार को जिला प्रशासन के अधिकारियों की उपस्थिति में बंद किया गया। इसके साथ ही पूरब द्वार को भी सीलबंद किया गया। इस अवसर के ढाई हजार से अधिक श्रद्धालु साक्षी बने। इस वर्ष यहां कुल 15,61,882 (पंद्रह लाख एकसठ हजार आठ सौ बयासी) तीर्थयात्रियों ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किये है।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न हो रही है। श्री केदारनाथ धाम के कपाट बन्द होने के अवसर पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई पंकज मोदी, मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार, जिला प्रशासन पुलिस के अधिकारी, केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त सचिव, मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, यात्रा मजिस्ट्रेट गोपाल राम बिनवाल, तहसीलदार दीवान सिंह राणा कार्याधिकारी आरसी तिवारी, धर्माधिकारी औंकार शुक्ला, केदारनाथ सभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला, मंदिर समिति मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़, आदि मौजूद रहे।

इस अवसर पर सेना की 11 मराठा लाईट इ़फ्रंट्री रूद्रप्रयाग के बैंड की भक्तिमय धुनों तथा बाबा केदार की जय उदघोष से केदारनाथ धाम गुंजायमान रहा। मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि सामूहिक सहयोग समन्वय से यात्रा का सफलतापूर्वक समापन हुआ है। उन्होंने पर्यटन विभाग, धर्मस्व विभाग, प्रदेश सूचना विभाग, मीडिया जगत के सभी प्रतिनिधियों, न्यूज चैनलों, चिकित्सा विभाग, सेना आईटीबीपी, सभी जिला प्रशासन, जिला पुलिस प्रशासन, आपदा प्रबंधन, एसडीआरएफ, सीमा सड़क संगठन, पीडब्ल्यूडी, परिवहन, विद्युत,संचार, पेयजल, खाद्य आपूर्ति, जिला पंचायत, स्थानीय निकायों, श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति, श्री गंगोत्री मंदिर समिति, श्री यमुनोत्री मंदिर समिति, श्री हेमकुंट साहिब गुरुद्वारा ट्रस्ट, तीर्थ पुरोहित समाज,निजी वाहन कंपनियों, सुलभ इंटरनेशनल सहित यात्रा व्यवस्था से जुड़े सभी एजेंसियों तथा यात्रा प्रशासन संगठन का आभार व्यक्त किया।

कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ के लिए प्रस्थान हुई। आज पंचमुखी डोली प्रथम पड़ाल राम पुर पहुंचेगी। कल 28 अक्टूबर शुक्रवार को देवडोली श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी प्रवास करेगी तथा 29 अक्टूबर शनिवारको श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। इसी के साथ इस वर्ष श्री केदारनाथ यात्रा का समापन हो जायेगा तथा पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जायेगी।

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