राजनाथ सिंह ने 35 परियोजनाओं का उद्घाटन कर कहा- 2023 में 125 प्रोजेक्‍ट को पूरा कर BRO ने एक नया रिकॉर्ड बनाया

उत्तराखंड में राजनाथ सिंह ने आज 35 बीआरओ परियोजनाओं का उद्घाटन किया और कार्यक्रम को संबोधित कर अपने संबोधन में कही ये बातें...
राजनाथ सिंह ने 35 परियोजनाओं का उद्घाटन किया
राजनाथ सिंह ने 35 परियोजनाओं का उद्घाटन कियाRaj Express
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हाइलाइट्स :

  • उत्तराखंड दौरे पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

  • राजनाथ सिंह ने 35 बीआरओ परियोजनाओं का किया उद्घाटन

  • 2023 में 125 प्रोजेक्‍ट को पूरा कर BRO ने एक नया record बनाया है: राजनाथ सिंह

उत्तराखंड, भारत। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आज शुक्रवार को उत्तराखंड दौरे पर है। इस दौरान उन्‍होंने जोशीमठ में 35 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया। दरअसल, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सात राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 35 बीआरओ परियोजनाओं के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर अपने संबोधन में कहा, आज आप सबके बीच उपस्थित होने पर मुझे बड़ी खुशी हो रही है। 670 करोड़ की लागत से, 35 BRO Infrastructure projects को, राष्ट्र को समर्पित करना मेरे लिए गर्व और सम्मान का क्षण है। बीते कुछ समय से BRO ने, infrastructure के मामले में जिस efficiency से कार्य किया है, वह अभूतपूर्व है।

BRO का काम मुख्यतः भारत के सीमावर्ती इलाकों पर केंद्रित है :

राजनाथ सिंह ने कहा, ''2023 में तो 125 projects को पूरा कर, BRO ने एक नया record बनाया है। एक रक्षा मंत्री के रूप में, मुझे BRO की परियोजनाओं को बड़े करीब से देखने का, जानने का, समझने का अवसर मिला है। प्रत्येक उद्घाटन, BRO की commitment और उनकी मेहनत का प्रतीक बनकर उभरा है, ऐसा मैं कह सकता हूँ। आप सभी तो जानते हैं कि, BRO का काम मुख्यतः भारत के सीमावर्ती इलाकों पर केंद्रित है। और सीमावर्ती इलाकों में infrastructure development के लिए राज्यों का सहयोग मिलना बेहद आवश्यक होता है।''

इस दिशा में उत्तराखंड के लोकप्रिय मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जी ने जिस तरह से बढ़-चढ़कर काम किया है, जिस तत्परता के साथ उन्होंने उत्तराखंड में BRO के हर project में  साथ निभाया है, उसके लिए मैं मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त करता हूं। भारत के सीमावर्ती इलाकों में BRO ने जिस प्रकार से basic infrastructure का निर्माण किया है, सड़कों, पुलों इत्यादि के माध्यम से जिस तरह से, एक जगह को दूसरे जगह से जोड़ने का काम किया है, वह कोई साधारण बात नहीं है। मेरी दृष्टि में यह connectivity सिर्फ भौगोलिक क्षेत्रों को ही नहीं, बल्कि लोगों के दिलों को जोड़ने में भी सहायक हुई है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

  • आज भारत के सीमावर्ती इलाकों के किसी सुदूर गांव में बैठा हुआ व्यक्ति, सड़कों या पुलों के माध्यम से खुद को भारत के बाकी क्षेत्रों से जुड़ा हुआ महसूस करता है, तो इसमें BRO का बहुत बड़ा योगदान है। आज यह मानसिकता बदली है। आज हम इस बात में यकीन करते हैं, कि पक्की सरकारी नौकरी वाले लोग, outsourcing वाले लोग, casually काम कर रहे लोग, इन सबके सम्मिलित प्रयासों से ही कोई संस्था आगे बढ़ती है, तथा देश आगे बढ़ता है।

  • BRO में भी एक बड़ी संख्या में casual paid labourers काम करते हैं। इसलिए इस बदली हुई मानसिकता का सबसे ज्यादा सकारात्मक प्रभाव उनके ऊपर भी पड़ा है। जब कोई व्यक्ति उत्तर प्रदेश से, बिहार से, झारखंड से, छत्तीसगढ़ से या फिर देश के किसी भी क्षेत्र से casual paid labourer के रूप में BRO से आकर जुड़ता है, तो उसे बिल्कुल नहीं लगना चाहिए कि वह पक्की सरकारी नौकरी वाला नहीं है, इसलिए वह इस संस्था का हिस्सानहीं है।

  • मैं खुद भी, व्यक्तिगत स्तर पर यह प्रयास करता हूं, कि मैं इनके लिए अपनी तरफ से जितना संभव हो सके उतना करूं। चाहे वर्तमान DG, BRO हों, या फिर इनके पहले जो DG, BRO थे, ये लोग जब भी मेरे पास आते हैं, तो मैं इनसे इस बारे में जरूर बात करता हूं कि, हमारी पंक्ति में खड़े जो आखिरी लोग हैं, जो casual paid labourers हैं, उनके लिए हम क्या कर सकते हैं? उनके जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए तथा उनके समग्र कल्याण सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। हाल ही में हमने, सेना के समान ही, BRO के permanent civilian personnel के लिए भी जोखिम और कठिनाई भत्ता सुनिश्चित किया है।

  • हमने causual labourers की ex-gratia compensation को 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख तक कर दिया है। कुछ ही दिनों पहले मैंने BRO के हमारे casual paid labourers के लिए, 10 लाख रुपए के insurance की व्यवस्था करने वाले provision को भी मंजूरी दी है। मुझे पूरा विश्वास है कि सरकार द्वारा हमारे कर्मियों के लिए उठाए गए यह कदम BRO में हमारे armed forces के employees, Civilian employees और casual paid labourers, सभी के मनोबल को ऊँचा करने में सहायक होंगे।

  • प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार की सोच ही पिछले सरकारों से एकदम अलग है। उनके लिए सीमावर्ती इलाक़े और वहाँ का इंफ्रास्ट्रक्चर मायने नहीं रखता था क्योंकि उनके लिए बॉर्डर एरिया देश का अंतिम इलाक़ा होता था। हमारी सोच है कि बॉर्डर एरिया हमारे देश का चेहरा है। इसलिए हम सीमाओं पर भी विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर बना रहे हैं।

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