देश को क्यों पड़ी नई संसद की जरूरत?
देश को क्यों पड़ी नई संसद की जरूरत?Syed Dabeer Hussain - RE

पैसे की बर्बादी या कुछ और? जानिए पुरानी संसद के होते हुए देश को क्यों पड़ी नई संसद की जरूरत?

कांग्रेस समेत 19 विपक्षी पार्टियों ने नई संसद के उद्घाटन समारोह से पूरी तरह किनारा कर किया। दरअसल यह दल संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति से ना कराने को लेकर नाराज थे।

राज एक्सप्रेस। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कल देश को नई संसद भवन (New Parliament) सौंपी। इस दौरान उद्घाटन समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, राज्यसभा के उपाध्यक्ष डॉ. हरिवंश समेत सरकार के तमाम मंत्री, सांसद, राजनेता, बिजनसमैन और कई देशों के राजदूत भी पहुंचे। हालांकि कांग्रेस समेत 19 विपक्षी पार्टियों ने इस समारोह से पूरी तरह किनारा किया। दरअसल यह दल संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति से ना कराने को लेकर नाराज थे। वहीं कई राजनेता नए संसद भवन की जरूरतों पर ही सवाल खड़ा कर रहे हैं। तो चलिए जानते हैं कि आखिर पुरानी संसद के होते हुए देश को नई संसद भवन बनाने की जरूरत क्यों पड़ी।

सांसदों के बैठने की जगह नहीं

दरअसल मौजूदा समय में लोकसभा के कुल सांसदों की संख्या 545 जबकि राज्यसभा के सांसदों की संख्या 245 है। पुरानी संसद में लोकसभा और राज्यसभा में इतने ही सांसदों के बैठने की जगह है। वहीं साल 2026 में परिसीमन के बाद लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों की संख्या में इजाफा होना तय है। ऐसे में पुरानी संसद में सांसदों के बैठने की जगह ही नहीं बचेगी।

सुरक्षा भी एक वजह

दरअसल पुरानी संसद भवन में आधुनिक अग्नि मानदंडों को पूरा नहीं किया गया है। किसी भी आपातकालीन स्थिति में वहां से निकलने की व्यवस्था भी अपर्याप्त और असुरक्षित है। इसके अलावा पुरानी संसद में प्राकृतिक रोशनी भी कम आ पाती थी। साथ ही जब पुरानी संसद भवन बनाई गई थी, तब दिल्ली भूकंपीय क्षेत्र-2 में आता था, लेकिन अब यह भूकंपीय क्षेत्र-4 में आता है। ऐसे में नई संसद को भूकंप के हिसाब से बनाया गया है। इसका इस्तेमाल करीब 150 वर्षों तक किया जा सकेगा।

जगह की कमी

दरअसल संसद भवन में सांसदों के अलावा सैंकड़ों की संख्या में कर्मचारी भी होते हैं, जो संसद की गतिविधि सुचारू रूप से चलाने में मदद करते हैं। कर्मचारियों के काम करने के लिहाज से भी पुरानी संसद भवन छोटी पड़ गई थी। नई संसद भवन में इस कमी को पूरा कर दिया गया है।

आधुनिक होगी संसद

पुरानी संसद भवन को उस समय के हिसाब से बनाया गया था जबकि उसके बाद दुनिया काफी बदल चुकी है। ऐसे में नई संसद भवन को आधुनिक बनाया गया है। इसमें संविधान हॉल, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक लाइब्रेरी, कैफे, डाइनिंग एरिया, कमेटी मीटिंग के कमरे, बड़े पार्किंग एरिया, वाआईपी लाउंज, हाईटेक इक्विपमेंट, ऑडियो वीडियो सिस्टम जैसी चीज़ों का खास ध्यान रखा गया है। यही नहीं नई संसद भवन पूरी तरह से पेपरलेस होगी। सांसदों की हर सीट पर डिजिटल सिस्टम और टच स्क्रीन लगाई गई है। इस सिस्टम को सांसद अपने मोबाइल से भी कनेक्ट कर सकेंगे।

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