बंगाल CM ने फिर नहीं मानी केंद्र की बात-मुख्य सचिव को दिल्‍ली भेजने से इंकार
बंगाल CM ने फिर नहीं मानी केंद्र की बात-मुख्य सचिव को दिल्‍ली भेजने से इंकारSocial Media

बंगाल CM ने फिर नहीं मानी केंद्र की बात-मुख्य सचिव को दिल्‍ली भेजने से इंकार

बंगाल की CM ममता बनर्जी ने मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को कार्यमुक्त करने से इंकार करते हुए केंद्र से इस फैसले को वापस लेने, पुनर्विचार करने और आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया।

बंगाल, भारत। केंद्र और बंगाल की सरकार के बीच टकराव बढ़ता ही जा रहा, पहले ममता का PM मोदी को इंतजार कराना और अब मोदी सरकार द्वारा चीफ सेक्रेटरी को दिल्‍ली बुलाएं जाने पर इंकार कर दिया और इस सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर भी लिखा है।

CM बनर्जी ने PM मोदी को लिखे लेटर में कहा :

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को कार्यमुक्त करने से इनकार कर दिया है और इस बारे में CM ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर भी लिखा है, जिसमें उन्‍होंने कहा- पश्चिम बंगाल सरकार ऐसे मुश्किल दौर में अपने मुख्य सचिव को कार्यमुक्त नहीं कर सकती है। पश्चिम बंगाल सरकार ऐसी मुश्किल घड़ी में अपने मुख्य सचिव को रिहा नहीं कर सकती और न ही रिहा कर रही है।

पुनर्विचार और आदेश रद्द करने का किया अनुरोध :

CM ममता बनर्जी ने PM मोदी को लिखे अपने इस पत्र में केंद्र के इस फैसले को वापस लेने, पुनर्विचार करने और आदेश को रद्द करने का भी अनुरोध किया।

बताते चलें कि, केंद्र सरकार की ओर से 28 मई को राज्य सरकार को पत्र लिखकर अलपन बंदोपाध्याय को मुक्त करने का अनुरोध किया गया था। केंद्र द्वारा बंदोपाध्याय को दिल्ली बुलाने का आदेश चक्रवाती तूफान यास पर PM मोदी के साथ CM ममता बनर्जी की बैठक में देर से पहुंचने के कुछ घंटों के बाद दिया था।

31 मई को बंगाल के मुख्य सचिव हो रहे थे रिटायर्ड :

बता दें कि, 31 मई को ही बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय अपने इस पद से रिटायर्ड भी हो रहे थे, लेकिन 24 मई को ही राज्य में कोविड-19 महामारी से निपटने में मदद के लिए बंदोपाध्याय का कार्यकाल 3 महीने के लिए बढ़ाने का आदेश जारी किया गया था।

हालांकि, इससे पहले यह आशंका जताई थी कि, केंद्र के लिए बंगाल के मुख्य सचिव को सेवानिवृत्त होने के दिन दिल्ली बुलाने के आदेश का पालन मुश्किल हो सकता है। साथ ही जानकारों का कहना था कि, कानून के जानकारों ने राज्य सरकार अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए उन्हें कार्यमुक्त करने से इंकार कर सकती है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com