बंगाल की राजनीति में शोक की लहर- TMC के वरिष्ठ नेता सुब्रत मुखर्जी अलविदा
पश्चिम बंगाल, भारत। पश्चिम बंगाल की राजनीति में शोक की लहर है, क्योंकि इस राज्य के एक सदाबहार शख्सियत सुब्रत मुखर्जी, जो पश्चिम बंगाल के मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे। वे इस दुनिया के अलविदा कह चले है, उनका कल गुरूवार को 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
एसएसकेएम अस्पताल गईं थी ममता बनर्जी :
दरअसल, कल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने कालीघाट आवास पर काली पूजा कर रही थी, इसके बाद वे कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल गईं और फिर उन्होंने खुद नेता के मौत की खबर की पुष्टि की। एसकेएम अस्पताल पहुंचीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा-
जीवन में बहुत त्रासदी देखी है लेकिन ये बहुत बड़ी क्षति है। मैं यकीन नहीं कर सकती हूं कि, वह अब हमारे साथ नहीं हैं। वह पार्टी के एक समर्पित नेता थे। यह मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
अनुभवी राजनेता और पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री श्री सुब्रत मुखर्जी के निधन से मुझे गहरा दुख और दुख हुआ है। मेरी संवेदनाएं उनके शोक संतप्त परिवार के सदस्यों, प्रशंसकों और समर्थकों के साथ हैं। उनकी आत्मा को शाश्वत शांति मिले। ओम शांति
विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी
सभागार रबींद्र सदन ले जाया जाएगा मुखर्जी का पार्थिव शरीर :
तो वहीं, CM ममता बनर्जी ने यह भी बताया कि, ''मुखर्जी के पार्थिव शरीर को सरकारी सभागार रबींद्र सदन ले जाया जाएगा, जहां शुक्रवार को लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे। इसके बाद पार्थिव शरीर को बालीगंज ले जाया जाएगा और फिर उनके पैतृक आवास ले जाया जाएगा।''
सुब्रत मुखर्जी एक जननेता थे, विद्यार्थी जीवन से राजनीति में आए। उनकी खुद की एक अलग जगह थी, वो एक अनुभवी मंत्री के नाते पिछले 10-12 साल से ममता बनर्जी की सरकार में काम कर रहे थे। उनका सारी पार्टी के नेताओं के साथ एक अलग संबंध था।
BJP नेता दिलीप घोष
राज्य के अन्य मंत्री फिरहाद हकीम ने बताया- तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता की इस हफ्ते की शुरूआत में 'एंजियोप्लास्टी' हुई थी और दिल का दौरा पड़ने के बाद रात 9 बजकर 22 मिनट पर उनका निधन हो गया।
बता दें कि, सूत्रों की ओर से यह पता चला कि, ''मुखर्जी को 24 अक्टूबर को सांस लेने में परेशानी के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुखर्जी की एक नवंबर को 'एंजियोप्लास्टी' हुई थी और उनके दिल की धमनियों में दो स्टेंट डाले गए थे। वह मधुमेह, फेफड़े की बीमारी और वृद्धावस्था की अन्य बीमारियों से पीड़ित थे। नारद स्टिंग टेप मामले में गिरफ्तार होने और जेल भेजे जाने के बाद, कोलकाता के पूर्व मेयर को मई में इसी तरह की बीमारियों की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह जमानत पर जेल से बाहर थे।''
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