मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से बढ़ता है आत्‍मबल
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से बढ़ता है आत्‍मबलSocial Media

नवरात्रि के दूसरे दिन संसार में ऊर्जा का प्रवाह करने वाली मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से बढ़ता है आत्‍मबल

चैत्र नवरात्रि का आज गुरुवार को दूसरा दिन है, इस दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। इनकी कृपा से मनुष्य को आंतरिक शांति प्राप्त होती है। तो आइये जानते है, माता ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि-

Chaitra Navratri 2023 : नौ अलग-अलग रूपों के साथ मां दुर्गा की आराधना के पावन पर्व चैत्र नवरात्रि का आज 23 मार्च को दूसरा दिन है। इस दिन ज्ञान और तप की देवी माता ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है।

ब्रह्मचारिणी की पूजा से बढ़ता है आत्‍मबल :

मान्यता है कि, मां ब्रह्माचारिणी की शक्तियाें से संसार में ऊर्जा का प्रवाह होता है, इन्‍हीं की कृपा से मनुष्य को आंतरिक शांति अर्जित होती है। जो भी व्‍यक्ति शांत और सच्चे मन से देवी के इस स्‍वरूप की श्रद्धापूर्वक पूजा-पाठ करतना है, उसका आत्‍मबल बढ़ता है और उसके अंदर तप, त्याग, संयम, सदाचार आदि गुण प्रबल होते हैं।

देवी मां ब्रह्माचारिणी के नाम के अर्थ के बारे में जानें तो, इनके नाम का अर्थ ही काफी खास है। ब्रह्म का मतलब- तपस्या और चारिणी का मतलब-आचरण बताया गया है।

द्वितीया तिथि का शुभ मुहूर्त

नवरात्रि पर चैत्र शुक्ल द्वितीया तिथि का आरंभ एक दिन पहले रात 8:20 मिनट से शुरू हो गया है और इस दौरान मां ब्रह्मचारिणी की आराधना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:22 मिनट से लेकर 7:54 तक का है।

ऐसा है माता ब्रह्मचारिणी का स्‍वरूप :

माता ब्रह्मचारिणी के स्‍वरूप के बारे में बात करें तो मां ब्रह्मचारिणी के वस्त्र सफ़ेद, उनके दाएं हाथ में अष्टदल की माला व बाएं हाथ में कमंडल है। कहा जाता है कि, माता ने भोलेनाथ को पति के रूप में पाने के लिए हजारों साल कठोर तप किया था। इस कारण उन्हें तपश्चारिणी यानि ब्रह्मचारिणी कहा जाता है। उन्‍हें साक्षात ब्रह्म का स्वरूप बताया गया है और वे इस लोक के समस्त चर और अचर जगत की विद्याओं की ज्ञाता हैं।

मां ब्रह्मचारिणी के मंत्र व पूजा विधि :

देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा करते वक्‍त अपने हाथों में पहले एक फूल लेकर उनका ध्यान करें। सर्वप्रथम दीप जलाएं और गंगा जल से अभिषेक कर, माता को अर्ध्य दें। इसके बाद अब माता को अक्षत, सिन्दूर, पुष्प आदि अर्पित कर नीचे दिए गए कोई एक मंत्र बोलें-

 या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
ॐ दधाना कपाभ्यामक्षमालाकमण्डलू,देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा
ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः
 

इसके बाद देवी मां को प्रसाद भोग लगाकर आचमन करवाएं, फिर पान सुपारी भेंट कर दक्षिणा चढ़ाए। इसके बााद घी व कपूर मिलाकर मां देवी की आरती करें। पूजा के बाद बाद क्षमा प्रार्थना करना न भूलें। पूजा व क्षमा प्रार्थना के बाद सभी को प्रसाद बांटे।

यह भी पढ़े-

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से बढ़ता है आत्‍मबल
नौ दुर्गा के आगमन से नववर्ष का आरंभ- जानें मां शैलपुत्री की पूजा विधि व शुभ मुहूर्त

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com