नारायण मूर्ति ने एंप्लॉयीज से 70 घंटे काम करने के लिए कहा।
लोगों ने इसे अमानवीय बताया।
ओवरवर्क करने से प्रोडक्टिविटी में आती है कमी।
दिल पर पड़ता है बुरा असर।
राज एक्सप्रेस। इन दिनों इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति सुर्खियों में हैं। पिछले दिनों उन्होंने सुझाव दिया था कि देश के युवाओं को भारत के विकास के लिए सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहिए। उनकी इस टिप्पणी के बाद एक नया विवाद खड़ा हो गया है। लगभग हर कोई उनकी आलोचना कर रहा है। इस पर हेल्थ एक्सपर्ट्स ने अपनी अलग अलग राय दी है। वहीं एम्प्लॉयीज भी उनकी यह सलाह मानने को तैयार नहीं है। उनके मुताबिक काम के साथ-साथ प्राइवेट लाइफ भी बैलेंस करनी होती है, ऐसे में 70 घंटे काम करने का मतलब है अपनी लाइफ और हेल्थ दोनों को इग्नोर करना। तो आइए जानते हैं क्या कहते हैं देश के अलग-अलग एक्सपटर्स।
पिछले दिनों खुद सुधा मूर्ति ने बताया कि नारायण मूर्ति हफ्ते में 80-90 घंटे काम करते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, हर व्यक्ति के काम करने की क्षमता अलग-अलग होती है। बात अगर नारायण मूर्ति की करें, तो आज उनकी उम्र 77 साल है। उनके फिट और एक्टिव रहने का सबसे बड़ा सीक्रेट है उनका स्वस्थ खान पान। और ये आज का खानपान नहीं है, बल्कि उन्होंने जो अपने बचपन और यंग एज में खाया है, उसका असर साफ उनके शरीर पर दिखाई देता है। हालांकि, एक स्टडी के मुताबिक हर सप्ताह 50 घंटे काम करने के बाद प्रोडक्टिविटी घटती है। इसके अलावा सप्ताह में एक पूरे दिन की छुट्टी न लेने से प्रति घंटा आउटपुट में कमी भी आती है।
सप्ताह में 6 दिन 70 घंटे काम करने का मतलब है हर दिन 12 घंटे लगातार काम करना। क्या हेल्थ और फिटनेस के लिहाज से ऐसा करना ठीक है। डॉक्टर्स कहते हैं कि इसका किसी व्यक्ति की हेल्थ और वर्क लाइफ बैलेंस पर प्रभाव पड़ सकता है। वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ.कमलेश उदेनिया कहते हैं कि हफ्ते में 48 घंटे से ज्यादा काम नहीं करना चाहिए। हमारा दिमाग एक घंटे तक अच्छी तरह से काम कर सकता है। इसलिए जो लोग 8 घंटे लगातार काम करते हैं, उन्हें भी हर एक घंटे में थोड़ा रेस्ट लेना चाहिए। इससे उन्हें काम करने के लिए एनर्जी मिल जाती है।
बैंगलुरू के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. दीपक कृष्णमूर्ति ने ट्विटर पर लिखा है कि “इस तरह के वर्किंग आवर्स पूरी एक जनरेशन को बीमारियों का शिकार बना सकते हैं। आप सप्ताह में 6 दिन 12 -12 घंटे तक लगातार काम करते हैं, तो बाकी बचे 12 घंटे में 8 घंटे की नींद, 4 घंटे बेंगलुरु जैसे शहर में भागदौड़ , बाकी बचे दो घंटे में ब्रश करना, शौच करना नहाना और खाना शामिल होता है। ध्यान रखें, इसमें व्यक्ति के पास न तो किसी से मिलने का समय है और न ही अपने परिवार के लिए समय है। इसके अलावा वह पास वर्कआउट के लिए भी समय नहीं निकाल पाता अैार एंटरटेनमेंट तो भूल ही जाओ। यह बताने की जरूरत नहीं है कि कंपनियां लोगों से इतना काम कराने के बाद भी समय पर ईमेल और कॉल का जवाब देने की अपेक्षा करती हैं।
2016 में, इंवेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स में एक 22 वर्षीय इंडियन इंटर्न की मल्टीनेशनल बैंक में ओवरवर्क करने से मौत हो गई। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट से पता चला कि व्हार्टन बिजनेस स्कूल के ग्रेजुएट ने अपने पिता से फोन कॉल के जरिए जॉब से रिजाइन देने की बात कही थी और बताया था कि वे दो दिन से साेए नहीं हैं।
जो लोग लंबे समय तक काम करते हैं, उन्हें थकान हो सकती है। ऐसे लोग जॉब से संतुष्ट नहीं हो पाते और वर्क लाइफ बैलेंस भी स्ट्रेसफुल होता जाता है। काम करने के घंटे बढ़ने से वे शारीरिक और मानसिक थकान से जूझते हैं।
WHO और ILO का अनुमान है कि, 2016 में, कम से कम 55 घंटे काम करने से 398,000 लोगों की स्ट्रोक से और 347,000 लोगों की हृदय रोग से मौत हो गई। 2000 और 2016 के बीच, लंबे समय तक काम करने के कारण हृदय रोग से होने वाली मौतों की संख्या में 42% और स्ट्रोक से 19% की वृद्धि हुई। बता दें कि प्रति सप्ताह 55 घंटे या उससे अधिक काम करना एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा है।
ऑफिस में ज्यादा समय तक काम करने से मोटापा बढ़ सकता है, क्योंकि ये लोग फास्ट फूड पर ज्यादा निर्भर रहते हैं।
मस्कुस्केलेटल समस्याएं हो सकती है।
मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं जैसे चिंता और अवसाद।
नींद न आना।
कर्नाटक में फैक्ट्री फ्लोर पर लागू लेबर लॉ में हाल ही में रोजाना 12 घंटे तक काम करने की अनुमति देने के लिए बदलाव किया गया था। लेकिन इसे सप्ताह में 48 घंटे तक ही सीमित रखा गया, इसके बाद कंपनियों को ओवरटाइम कराने के लिए अलग से सैलरी देनी होगी। आईटी फर्मों पर लागू नहीं होने वाला यह संशोधन खुद ही गंभीर आलोचना का शिकार हो गया है। ट्रेड यूनियन लीडर्स का कहना है कि सप्ताह में 70 घंटे का काम न केवल शोषण है बल्कि अवैध भी है।
हालांकि, अब तक किसी ने भी 70 घंटे काम करने का अनुभव नहीं लिया होगा, लेकिन जो लोग टारगेट पूरा करने के लिए ओवरवर्क करते हैं, उन्हें अपनी सेहत का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। यहां कुछ सुझाव दिए गए है, जिन्हें फॉलो करके आप खुद को बीमारियों से बचा सकते हैं।
उन एक्टिविटीज के लिए समय निकालें, जो आपको रिलेक्स और फ्रेश फील कराती हैं।
हर दिन कम से कम 7-8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। ताकि आपको शरीर और दिमाग को आराम मिले।
अपने दिमाग को आराम देने के लिए काम के बीच में छोटे छोटे ब्रेक लेते रहें।
बीच-बीच में स्ट्रेचिंग और डीप ब्रीदिंग से भी बहुत फायदा हो सकता है।
पौष्टिक भोजन खाएं और हाइड्रेटेड रहें।
जरूरी हो, तो ना कहना सीखें।
जो लोग आवेर वर्क करते हैं, उन्हें नियमित रूप से हेल्थ चेकअप कराते रहना चाहिए।
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