छाछ है सुपर हेल्‍दी ड्रिंक, ऐसे बनाकर पिएंगे, तो मिलेगा ज्‍यादा फायदा

ज्‍यादातर लोग दही में पानी डालकर उसे ब्‍लेंड कर जीरा और नमक डालते हैं और छाछ की तरह पी लेते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, यह छाछ बनाने का सही तरीका नहीं है। तो जानें इसे बनाने का सही तरीका।
ऐसे बनाकर पिए छाछ
ऐसे बनाकर पिए छाछRaj Express

हाइलाइट्स :

  • गर्मियों में पेट को ठंडक देती है छाछ।

  • छाछ पीने से भोजन जल्‍दी पचता है।

  • दही से मक्‍खन निकालने के बाद बनती है छाछ।

  • हाई बीपी वाले लोग छाछ पीने से बचें।

राज एक्सप्रेस। छाछ या बटर मिल्‍क को सुपर हेल्‍दी ड्रिंक माना जाता है। सदियों से लोग स्‍वास्‍थ्‍य लाभ के लिए इसका सेवन करते आ रहे हैं। खासतौर से गर्मी के दिनों में पेट को ठंडक देने के लिए छाछ पीने की सलाह दी जाती है। यह न केवल स्‍वादिष्‍ट है, बल्कि इसमें ढेर सारे पोषक तत्‍व भी मौजदू हैं। यह पाचन से लेकर हड्डियों के स्‍वास्‍थ्‍य को ठीक बनाए रखती है। बता दें कि छाछ को बिना फैट वाले दूध को लैक्टिक एसिड पैदा करने वाले बैक्टीरिया के साथ फर्मेंट करके बनाया जाता है। एक डेयरी प्रोडक्‍ट होने के कारण, इसमें कैल्शियम, राइबोफ्लेविन और विटामिन बी12 पर्याप्‍त मात्रा में होता है। केवल 100 मिलीलीटर छाछ 40 कैलोरी ऊर्जा देती है। लेकिन छाछ के सभी फायदे आपको तभी मिलेंगे, जब आप इसे सही तरीके से बनाएंगे। आयुर्वेद कंसल्‍टेंट डॉ.सुगंधा शर्मा कहती हैं कि भारत में लोग अब भी छाछ बनाने का सही तरीका नहीं जानते। आमतौर पर लोग दही में पानी डालकर उसे ब्लेंड करके जीरा और नमक डालकर पी जाते हैं। पर छाछ को ऐसे नहीं बनाया जाता। यहां जानते हैं कैसे बनाई जाती है छाछ।

तीनों दोषाें को खराब करता है यह तरीका

एक्‍सपर्ट कहती हैं कि अगर आप भी छाछ बनाने के लिए यही तरीका फॉलो करते हैं। यह ब्लिकुल गलत है। छाछ हमेशा मक्‍खन निकालने के बाद ही बनती है। दही में पानी डालकर मथने से सिर्फ घोल बनता है, जो अनहेल्‍दी है। यह आपके वात, कफ और पित्त तीन दोषों को एकसाथ खराब करता है।

यह है छाछ बनाने का सही तरीका

सबसे पहले दही जमाएं। अब दही को ब्‍लेंड करके इसमें से मक्‍खन निकालें। अब जो बचा हुआ भाग है, इसे हम बटरमिल्‍क या छाछ कहते हैं। आप इस तरह से रोज छाछ बनाकर पिएंगे, तो आपकी गट हेल्‍थ में सुधार होगा।

छाछ पीने के फायदे

हड्डियों को मजबूत बनाए

दूध से निकाला गया छाछ कैल्शिश्‍म और फास्फोरस का बेहतर सोर्स है। यह न केवल हड्डियों के स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार करता है, बल्कि हड्डियों से जुड़ी बीमारियों को रोकने में भी प्रभावी है। छाछ में मौजूद कैल्शियम ओरल हेल्‍थ के लिए वरदान है।

कोलेस्ट्रॉल लेवल घटाए

संतुलित आहार के साथ छाछ का सेवन जरूर करना चाहिए। यह बॉडी में बैड कोलेस्‍ट्राॅल लेवल को कम कर सकता है।

ब्‍लड शुगर लेवल कंट्रोल करे

कई स्‍टडीज बताती हैं कि संतुलित आहार के साथ रोजाना कुछ मात्रा में छाछ पीने से बैड कोलेस्ट्रॉल के संचय को कम करके ब्‍लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।

एनर्जी बूस्‍ट करे

छाछ में राइबोफ्लेविन होता है, जो बॉडी में एनर्जी प्रोड्यूस करने के लिए जरूरी है। इसलिए, एक गिलास छाछ पीकर कोई भी व्‍यक्ति दिनभर ऊर्जावान बना रह सकता है।

इन लोगों के लिए हानिकारक है छाछ

बता दें कि छाछ आसानी से अवशोषित हो जाती है। यहां तक की लैक्‍टोज इंटॉलेरेंज लोग भी इसे आसानी से डाइजेस्ट कर सकते हैं। लेकिन, चूंकि य‍ह एक डेयरी प्रोडक्‍ट है, इसलिए इसमें सोडियम बहुत ज्‍यादा होता है, जो हाईब्‍लड प्रेशर वाले लोगों के लिए नुकसानदायक है। इसके अलावा छाछ में कैलोरी की मात्रा बहुत ज्‍यादा होती है। इसलिए कैलोरी डेफिशिट डाइट फॉलो कर रहे लोगों को इसे लेकर सावधानी बरतनी चाहिए।

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