सर्दियों में सेहत का खजाना है काली तिल, जानें डाइट में कैसे करें शामिल
हाइलाइट्स :
सर्दियाें में शरीर को ऊर्जा देता है काला तिल।
पाचन के लिए बेहतर है काला तिल।
ब्लड प्रेशर लेवल को संतुलित रखता है।
काले तिल का सेवन सलाद और लड्डू के रूप में कर सकते हैं।
राज एक्सप्रेस। तिल का बीज लोगाें की सर्दियों का अहम हिस्सा है। सर्दियाें में सफेद तिल का सेवन लड्डू, गजक और तिल के लड्डू के रूप में किया जाता है। इसे खाने से न केवल शरीर को गर्माहट मिलती है, बल्कि इन दिनों में यह एनर्जी बूस्टर का भी काम करती है। ये तो हुई सफेद तिल की बात, लेकिन क्या आपने कभी काले तिल का सेवन किया है। इसके बारे में लोग जानते तो हैं, लेकिन इसका उपयोग करने से बचते हैं। जबकि सफेद तिल की तरह की काला तिल भी हमारे खाने के स्वाद को बढ़ा देता है। पोषक तत्वों से भरपूर यह बीज हमारी सेहत के लिए बहुत लाभकारी हैं। इसमें कैल्शियम, फाइबर, आयरन, फास्फोरस, जैसे पोषक पाए जाते हैं, जो शरीर को ऊर्जा देने के लिए जरूरी हैं। ठंड के दिनों में पाचन से जुड़ी समस्या से लेकर मूड को बेहतर बनाने तक में काली तिल की अहम भूमिका होती है। तो आइए, जानते हैं काली तिल के स्वास्थ लाभाें के बारे में। साथ ही जानेंगे अपने आहार में इसे शामिल कैसे करें।
दिल को स्वस्थ रखे
सर्दियों में काले तिल का सेवन करने से दिल को स्वस्थ रखा जा सकता है। इसमें पॉलीअनसैचुरेटेड फैट और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो बैड कोलेस्ट्रॉल के साथ हृदय रोग के खतरे को कम करने में मदद करते हैं।
हड्डियों को मजबूत बनाए
अगर सर्दियों में आपकी हड्डियों में दर्द और सूजन बढ़ जाती है,तो काले तिल का सेवन करना बहुत जरूरी है। इसमें कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में होता है। किसी भी रूप में इसका उपयोग हड्डियों का घनत्व बढ़ता है, साथ ही इससे आप ऑस्टियोपोरोसिस जैसी कंडीशन से भी बच सकते हैं। 40 से ज्यादा उम्र की महिलाओं को काले तिल का सेवन जरूर करना चाहिए।
पाचन को बेहतर बनाए
पाचन शक्ति को बढ़ावा देने के लिए फाइबर का सेवन बहुत जरूरी है। काले तिल में फाइबर बहुत अच्छी मात्रा में होता है। सर्दियों में इसका रोज सेवन करने से मल त्याग में आसानी होती है साथ ही कब्ज की समस्या भी दूर होती है।
ब्लड शुगर कंट्रोल करे
पोषक तत्वों से भरपूर इन बीजों में मौजूद फाइबर शुगर के अवशोषण को धीमा कर देता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल में अचानक से होने वाली वृद्धि को रोका जा सकता है।
ब्रेस्ट फीडिंग मदर्स के लिए फायदेमंद
अगर आप ब्रेस्ट फीडिंग मदर हैं, तो आपको काले तिल को अपने आहार का हिस्सा बनाना चाहिए। इसमें कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, कॉपर, विटामिन बी, प्रोटीन और अनसैचुरेटेड फैट होता है, जो स्तन के दूध की आपूर्ति को बढ़ाने में कारगर है।
डाइट में ऐसे शामिल करें काला तिल
खाने में कुरकुरापन और स्वाद बढ़ाने के लिए आप काले तिल का उपयोग यहां बताए गए कई तरीकों से कर सकते हैं।
काले तिल का सेवन आप सलाद के साथ कर सकते हैं। कच्ची तिल को रोस्ट करके एक एयर टाइट कंटेनर में स्टोर करके रखें। जब भी आप सलाद खाएं, ऊपर से काली तिल डालें। इसके अलावा सब्जी , नूडल्स और चावल पर इसे डालने से इनका स्वाद बढ़ जाता है।
आप चाहें, तो काली तिल के लड्डू बनाकर खा सकते हैं। इन्हें बनाना बेहद आसान है। डायबिटीज है, तो चीनी के जगह इसमें गुड़ मिलाएं।
स्मूदी में काले तिल का इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे न केवल स्मूदी का टेस्ट बढ़ेगा बल्कि आपकी सेहत भी बनेगी।
काले तिल का उपयोग आप पराठे या तंदूरी रोटी बनाते समय कर सकते हैं। ये पौष्टिक होते हैं और सादी सी चपाती में बेहतर स्वाद भी जोड़ते हैं।
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