Constipation Awareness Month
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Constipation Awareness Month: कई बीमारियों की बड़ी वजह बन सकता है मामूली कब्‍ज, आप भी जानिए इनके बारे में

साल के दिसंबर माह को कब्‍ज जागरूकता माह के रूप में घोषित किया गया है। कब्‍ज एक ऐसी समस्‍या है, जिसमें लोगों को मल त्‍यागने में कठिनाई होती है। यह आपको लंबे समय तक असहज कर सकता है।
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हाइलाइट्स :

  • कब्‍ज होने की कई वजह हैं।

  • जीवनशैली में बदलाव करने से ठीक हो सकती है समस्‍या।

  • यूटीआई का कारण हो सकता है कब्‍ज।

  • कब्‍ज से हो सकता है एनल फिशर।

राज एक्सप्रेस। बिगड़ते खान-पान और दिन ब दिन बदतर हो रही लाइफस्टाइल के कारण कब्‍ज की समस्‍या बहुत कॉमन हो गई है। पानी न पीना, अनहेल्‍दी और मिर्च मसाले खाना, एक्‍सरसाइज न करना कब्‍ज की कुछ मुख्‍य वजह हैं। किसी को कब्‍ज हो, तो उसे शौच करने में परेशानी होती है। इसमें कुछ लोगों को खाना ठीक से नहीं पचता, जबकि कुछ लोग हर वक्‍त गैस की समस्या से परेशान रहते हैं। यही वजह है कि कब्ज से जूझ रहे व्‍यक्ति को खानपान का बहुत ख्‍याल रखना पड़ता है। हेल्थकेयर फर्म एबॉट के एक गट हेल्‍थ सर्वे के निष्‍कर्षों के अनुसार, 22 प्रतिशत भारतीय वयस्‍क इस स्थिति से पीड़ित है, जिसमें 13 प्रतिशत को गंभीर कब्ज की शिकायत है। वहीं 6 प्रतिशत भारतीय आबादी अन्य बीमारियों की गिरफ्त में हैं, जो कब्ज से जुड़ी हैं। भले ही यह आपको एक छोटी और मामूली समस्‍या लगे, लेकिन जब कब्‍ज पुरानी हो जाए, तो कई घातक बीमारियों को जन्‍म दे सकती है। इसलिए जितनी जल्‍दी हो सके, इससे निपटने के उपाय कर लेने चाहिए। यहां उन हेल्‍थ कंडीशन के बारे में बताया गया है, जो कब्‍ज का बुरा नतीजा हैं।

पाइल्‍स

कब्‍ज के चलते शौच करने में बहुत दिक्‍कत आती है। मल त्याग के दौरान थोड़ा सा भी तनाव बवासीर की वजह बन सकता है। इसमें निचले मलाशय में नसें सूज जाती हैं और मस्‍से बनने लगते हैं। कुछ लोगों को बवासीर में खुजली होती है, वहीं कुछ को खून निकलता है। यह काफी दर्दनाक स्थिति है, जिसका एक ही इलाज है सर्जरी। डॉक्‍टर बवासीर में बादी वाली चीजों से परहेज करने के लिए कहते हैं।

एनल फिशर

गुदा में लगने वाला कट एनल फिशर कहलाता है। जिन्‍हें कब्‍ज होता है, उन्‍हें ये दरारें आ जाती हैं। इसमें मल त्‍याग करने में बहुत परेशानी होती है, क्‍योंकि यह दर्दनाक है। कई बार तो व्‍यक्ति ठीक से उठ बैठ भी नहीं पाता। इसके शुरुआती लक्षण दिखने पर खूब सारा पानी पीना शुरू कर देना चाहिए। कोशिश करें कि पेट ठीक से साफ हो जाए, ताकि कब्ज ना रहे।

रेक्‍टल प्रोलेप्‍स

यह भी एक गंभीर स्थिति है, जो कब्‍ज से जुड़ी हुई है। जिन लोगों को कब्‍ज की समस्या बनी रहती है, आगे चलकर उन्‍हें रेक्‍टल प्रोलेप्‍स हो सकता है। इसमें मलाशय का एक हिस्सा गुदा के के जरिए बाहर निकलता है। वैसे इसका कोई स्‍पष्‍ट कारण तो नहीं है, लेकिन यह समस्या बच्‍चे के जम से जुड़ी है। दवाओं के बाद सर्जरी ही इसका आखिरी इलाज है।

यूरिनरी ट्रेक्‍ट इंफेक्‍शन

पुरुषों के बजाय महिलाओं में यूटीआई की समस्‍या काफी देखी जाती है। इसमें यूरीन करते समय दर्द और जलन महसूस होती है। यूरिन में इंफेक्शन आमतौर पर किसी तरह के बैक्टीरिया और वायरस के कारण हो सकता है। डॉक्‍टर इस स्थिति में ज्‍यादा से ज्‍यादा पानी पीने और हाइजीन बरतने की सलाह देते हैं।

डाइवर्टिक्युलाइटिस

डाइवर्टिक्युलाइटिस पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या है। इसमें आंत की दीवारों पर छोटे -छोटे पाउच के रूप में संक्रमण फैल जाता है। ये पाउच पाचन नली के किसी भी हिस्‍से में पैदा हो सकते हैं। इसमें डायवर्टिकुला में फोड़े बन जाते हैं और अगर ये आंत की दीवारों तक फैल गए तो Peritonitis नाम का संक्रमण हो सकता है। यह इंफेक्शन जानलेवा है जिसे तुरंत इलाज की जरूरत होती है।

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