एक ही पोजीशन में बैठने से होती है ये बीमारी
एक ही पोजीशन में बैठने से होती है ये बीमारीSyed Dabeer Hussain - RE

एक ही पोजीशन में बैठने से होती है ये बीमारी, हिप्‍स से लेकर पैरों पर पड़ता है असर

डैड बट सिंड्रोम देर तक एक ही पोजीशन में बैठे रहने से हो जाता है। इस दौरान व्‍यक्ति के कूल्‍हे की हड्डी यानी ग्लूटस मेडियस में सूजन आ जाती है, जिससे हिप्‍स और इसके आसपास का हिस्‍सा सुन्‍न हो जाता है।

हाइलाइट्स :

  • लंबे वक्‍त तक बैठे रहने से हो जाता है डेड बट सिंड्रोम।

  • हिप बाेन में सूजन से सुन्‍न हो जाता है हिस्‍सा।

  • पीठ, घुटनों और एड़ियों में दर्द इसके मुख्‍य लक्षण।

  • हर रोज 30 मिनट वॉक करें।

राज एक्सप्रेस। आपने कई बार सुना होगा कि लंबे समय तक बैठे रहना हेल्थ के लिए अच्‍छा नहीं है। कई रिसर्च ने भी साबित किया है कि इससे ह़दय रोग, मोटापा, डायबिटीज और कैंसर जैसी बीमारियां हो जाती हैं। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि एक ही जगह पर लंबे वक्‍त तक बैठे रहने से डैड बट सिंड्रोम भी हो सकता है। इसे स्‍लीपिंग बट सिंड्रोम और मेडिकल भाषा में ग्लूटस मेडियस टेंडिनोपैथी कहते हैं। यह स्थिति आमतौर पर वर्कप्‍लेस पर डेस्‍क जॉब करने वाले , कंप्‍यूटर पर या टीवी देखते हुए काम करने वाले या घंटों तक कार चलाने वालों को बहुत परेशान करती है। इस दौरान ब्‍लड सर्कुलेशन रुक जाता है और हिप्‍स व इसके आसपास का हिस्‍सा सुन्‍न हो जाता है। कहने का मतलब है कि इस दौरान ग्लूटेल मसल्‍स पेल्विस को सपोर्ट करना और शरीर को सही पॉश्‍चर में बनाए रखना भूल जाती हैं । अगर आपको भी यह समस्‍या हो रही है, तो हम यहां आपको डैड बट सिंड्रोम के लक्षण, कारण और उपायों के बारे में बता रहे हैं।

क्‍या है डैड बट सिंड्रोम और लक्षण

जब आप किसी एक जगह बिना उठे देर तक बैठे रहते हैं, तो हिप मसल्‍स पर लगातार दबाव पड़ता है। जिससे इनमें दर्द और सुन्नपन आ जाता है। अगर इस स्थिति का इलाज नहीं किया गया, तो यह शरीर के अन्‍य हिस्‍सों में भी दर्द बढ़ सकती है। पीठ के निचले हिस्से, कूल्हों और घुटनों में दर्द डेड बट सिंड्रोम का नतीजा है। इसमें आपको एक या दोनों पैरों में तेज दर्द के साथ हिप्‍स में खिंचाव, कमर में झनझनाहट जैसी भी महसूस हो सकती है। दोनों हिप्‍स में सूजन भी डेड बट सिंड्रोम का मुख्‍य लक्षण है।

डैड बट सिंड्रोम के कारण

  • एक ही जगह पर लंबे समय तक बैठे रहना।

  • एक्‍सरसाइज और फिजिकल एक्टिविटी ना करना।

  • लंबे समय तक बैठने के बाद तेजी से चलना।

  • बहुत ज्‍यादा दौड़ना या जॉगिंग करना।

डेड बट सिंड्रोम से बचने के उपाय

  • जितना हो सके, पैरों को आराम दें।

  • दर्द वाली जगह पर बर्फ से सेक करें। सूजन कम हो सकती है।

  • ऊंचाई- सोते या बैठते वक्‍त पैरों को ऊंचाई पर रखें।

  • 30 मिनट में अपनी सीट से उठकर थोड़ा वॉक कर लें।

  • हर रोज 30 मिनट की वॉक करें।

  • आलथी-पालथी बनाकर बैठने की आदत डालें।

  • लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का उपयोग करें।

  • रेगुलर एक्‍सरसाइज करें।

  • डेस्‍क वर्क करने वाले या ज्‍यादा देर तक कार चलाने वाले लोग ग्‍लूट स्‍कीवज और हैमस्ट्रिंग स्‍ट्रेच करें।

फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. सोनिया श्रीवास्तव बताती हैं कि कई घंटों तक अपनी सीट पर बैठे रहने से हिप मसल्‍स अपना काम करना भूल जाती हैं। इस वजह से ट्रिगर पॉइंट एक्टिव होने लगते है, जिससे दर्द महसूस होता है। 12 घंटे की जॉब में बीच-बीच में अपने हिप्‍स और थाइज का मूवमेंट करने से डेड बट सिंड्रोम से बचा जा सकता है।

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