कॉपर वॉटर सेहत के लिए फायदेमंद है।
यह वात, कफ और पित्त को संतुलित करता है।
भोजन करने के बाद तांबे का पानी ना पिएं।
तांबे के पानी को फ्रिज में ना रखें।
Copper Charged Water : शरीर को स्वस्थ और हाइड्रेट रखने के लिए पानी पीना बहुत जरूरी है। इससे भी ज्यादा जरूरी है कि आप कितना और किस बर्तन से पानी पी रहे हैं। कोरोना काल के बाद से लोगों ने अपने स्वास्थ्य की अहमियत को न केवल समझा है, बल्कि इसे स्वस्थ रखने के लिए हर संभव कोशिश भी कर रहे हैं। अगर आप भी चाहते हैं कि आपका शरीर लंबे समय तक स्वस्थ बना रहे, तो आप किस बर्तन से पानी पी रहे हैं, यह बहुत मायने रखता है। प्लास्टिक की बोतल से पानी पीना पर्यावरण और शरीर के लिए हानिकारक है। कांच के पानी की बोतलें नाजुक और महंगी होती हैं। ऐसे में तांबे के बर्तन से पानी पीना सही विकल्प है। आजकल लोग दिनभर कॉपर की बोतल में पानी भरकर रख लेते हैं और उसे ही दिनभर पीते रहते हैं। माना जाता है कि तांबे के बर्तन में पानी पीने से शरीर को कई फायदे होते हैं। वो भी तब जब आप इसे सही अनुपात में लें। अगर आप भी इन दिनाें तांबे का पानी पी रहे हैं, तो जानते हैं इस कॉपर चार्ज्ड वॉटर पीने के रूल्स।
तांबे की बोतल में रखा पानी नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट है। आयुर्वेदिक स्टडी के अनुसार, इसे पीने से वात, कफ और पित्त तीनों दोष को संतुलित करने में मदद मिलती है।
तांबे का पानी फंगस, वायरस और बैक्टीरिया पैदा करने वाली कई हानिकारक बीमारियों को खत्म करने के लिए अच्छा समाधान है।
तांबे का पानी शरीर के प्राकृतिक पीएच स्तर को बनाए रखने में भी मदद करता है।
तांबे का पानी थायराइड की समस्या को ठीक कर सकता है।
हृदय रोग के मरीजों को तांबे का पानी पीना चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि शरीर में तांबे की कमी से प्लाक का निर्माण होता है, जो ब्लड वेसेल्स को ब्लॉक करने के लिए जिम्मेदार है।
तांबे के कंटेनर या बर्तन में रखे पानी में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा ज्यादा होती है। यह ट्यूमर पैदा करने वाले फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद कर सकता है।
यदि आप उन लोगों में से हैं जो बहुत ज्यादा समय बाहर धूप में बिताते हैं, तो अपने साथ तांबे की बोतल रखें क्योंकि इसमें मौजूद पानी मेलेनिन प्रोड्यूस करता है। जो आपकी त्वचा को सुरक्षित रखने के लिए बहुत लाभदायक है।
यह कॉपर चार्ज्ड वॉटर आपके शरीर में जमा फैट को पिघलाकर वजन कम करने में हेल्प करता है।
रोजाना एक गिलास तांबे का पानी पीने से हार्मोन संतुलित रहते हैं और सकारात्मक विचारों काे बढ़ावा मिलता है।
तांबे के बर्तन में रखा पानी सही मात्रा में ही लेना चाहिए। WHO एक लीटर पानी के लिए कम से कम 0.47 मिलीग्राम तांबे का सेवन करने का सुझाव देता है। यह हर दिन 10 मिलीग्राम से ज्यादा नहीं होना चाहिए। ऐसे में अगर आपने तांबे की बोतल में पानी 10 घंटे से ज्यादा समय तक रखा है तो इसका सेवन भूलकर भी ना करें। इससे तांबे का पानी जहर बन सकता है। अगर पानी में ज्यादा मात्रा में तांबा मिलाया जाता है, तो यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ.क्षमा गुप्ता के अनुसार, भोजन करने के बाद तांबे का पानी कभी नहीं पीना चाहिए। ऐसा करने से पाचन पर बुरा असर पड़ सकता है। इससे पाचन धीमा हो सकता है या फिर पेट में दर्द की शिकायत हो सकती है।
न्यूट्रिशन एक्सपर्ट डॉ. ज्योत्सना श्रीवास्तव के अनुसार, तांबे का पानी सर्दियों के बजाय गर्मियाें में पीना बेस्ट है। दरअसल, कॉपर बॉटल में रखा पानी ठंडा बना रहता है। गर्मियों में देर तक इसमें रखा पानी पीने से कोई नुकसान नहीं है। लेकिन सर्दियों या बरसात के दिनों में पानी ठंडा है और फिर अगर आप इसे गर्म करते हैं, तो पानी में मौजूद न्यूट्रिएंट खत्म हो जाते हैं। जिसके बाद इस पानी को पीने का कोई फायदा नहीं होता। बल्कि ऐसा करने से उल्टा नुकसान हो सकता है।
नेचुरोपैथी एक्सपर्ट डॉ.आरके कोदवानी कहते हैं कि ऐसा करने की जरूरत नहीं है क्योंकि गर्म पानी किसी भी मेटल के साथ रिएक्ट करता है। गर्म पानी को आप मिट्टी या कांच के बर्तन में रख सकते हैं, लेकिन तांबे के बर्तन में गर्म पानी रखने से मेटल रिएक्शन का खतरा बना रहता है।
फ्रिज में तांबे की बोतल कभी ना रखे। इसे रूम टेंपरेचर पर ही रखे रहने दें।
तांबे के बर्तन चाहे वह ग्लास हो या बोतल या फिर जग दिनभर के इस्तेमाल के बाद बहुत गंदे हो जाते हैं। ऐसा इसलिए क्याेंकि जब तांबा हवा के संपर्क में आता है , तो ऑक्सीडाइज होता है। जिससे यह बहुत गंदा दिखने लगता है। नेचुरोपैथी एक्सपर्ट कहते हैं कि तांबे की बोतल को हर 6 घंटे में क्लीन करना चाहिए। इसे आप नींबू के रस और नमक के मिश्रण से फिर सादे पानी से धोकर साफ कर सकते हैं।
ऐसी बोतल चुनें जो शुद्ध तांबे से बनी हो।
तांबे की पानी की बोतल में साफ पीने का पानी भरें।
पानी कमरे के तापमान पर होना चाहिए।
बोतल को हर 6 घंटे में साफ करें।
तांबे का पानी फ्रिज में ना रखें।
तांबे की बोतल से पानी पीते समय पानी सादा होना चाहिए । मतलब की इसमें कोई अन्य सामग्री न मिलाएं।
अगर आपने लगातार दो महीने तक तांबे के पानी का सेवन किया है, तो एक महीने के लिए ब्रेक दें। इससे शरीर में जमे अतिरिक्त तांबे को बाहर निकालने की प्रक्रिया में मदद मिलेगी।
तांबे की बोतल से पानी पीना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। तांबे के कंटेनर या गिलास में कम से कम 8 घंटे तक संग्रहित किया जाना चाहिए। अच्छे स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए इस पानी का सेवन खाली पेट करने की सलाह दी जाती है।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।