ज्यादा मीठा खाने से बच्चों में बढ़ रहा है इन बीमारियों का खतरा
ज्यादा मीठा खाने से बच्चों में बढ़ रहा है इन बीमारियों का खतराRaj Express

जरूरत से ज्यादा मीठा खाने से बच्चों में बढ़ रहा है इन बीमारियों का खतरा, कंट्रोल करने के लिए अपनाएं ये टिप्‍स

अगर आपका बच्‍चा भी मीठा खाने का शौकीन है, तो उसे सीमित मात्रा में चीनी खिलाएं। ज्यादा चीनी का सेवन बच्चे की सेहत के लिए बहुत हानिकारक साबित हो रहा है।

हाइलाइट्स :

  • 85 प्रतिशत बच्चे अतिरिक्त चीनी का सेवन करते हैं।

  • चीनी से बच्चों में बढ़ रहा मोटापा।

  • चीनी बढ़ा रही डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा।

  • बच्चों को घर का बना खाना खिलाएं।

राज एक्सप्रेस। मीठा तो बड़ों से लेकर बच्चों तक को पसंद होता है। आमतौर पर कुछ भी नमकीन चीज खाने के बाद मीठा खाने की हुडक मचती है। ऐसा केवल बड़ों के साथ ही नहीं होता, बल्कि बच्चों को भी नमकीन खाने के बाद कुछ मीठा चाहिए होता है। लाड़ प्यार में माता-पिता भी बच्‍चों को कभी चॉकलेट, कुकीज केक, कैंडीज खिला देते हैं। कभी-कभी ये चीजें अच्‍छी हैं, लेकिन अगर बच्‍चे को रोजाना इन चीजों को खाने की लत है, तो सतर्क हो जाएं। क्‍योंकि जरूरत से ज्‍यादा चीनी उनकी हेल्‍थ के लिए अच्‍छी नहीं है। आपको जानकर हैरत होगी कि भारत में 85 प्रतिशत बच्‍चे किसी न किसी तरह अतिरिक्त चीनी का सेवन करते हैं। क्योंकि उनके आयु वर्ग के लिए डिज़ाइन की गई लगभग हर चीज मीठी होती है। चीनी में घातक केमिकल होते हैं, जो बच्‍चों के लिए नुकसानदायक हैं। तो चलिए जानते हैं चीनी खाने से बच्चों को कौन-कौन सी हेल्‍थ प्रॉब्लम हो सकती हैं।

मोटापा

ज्‍यादा चीनी बच्‍चों में मोटापे का रिस्‍क बढ़ाती है। दरअसल, जिस तरह का मीठा बच्‍चा खाता है, उसमें कैलोरी की मात्रा बहुत ज्‍यादा पाई जाती है। बता दें कि हाई कैलोरी फूड से बच्‍चे का वजन बढ़ सकता है। समस्या तब और बढ़ जाती है जब बच्‍चा केवल मीठा खाता है और कोई फिजिकल एक्टिविटी नहीं करता।

दांतों में सड़न

बच्‍चा कितना भी क्‍यों ना रोए गाए, आपको उसे ज्‍यादा चीनी खाने से रोकना चाहिए। ज्‍यादा मीठी चीजें दांतों में सड़न पैदा करती हैं। जब चीनी मुंह में बैक्टीरिया के संपर्क में आती है, तो यह एसिड बनाती है , जिससे दांतों के इनेमल नष्‍ट हो जाते हैं और कैविटी बन जाती है।

टाइप 2 डायबिटीज

डायबिटीज केवल बड़ों के लिए ही नहीं बल्कि बच्चों के लिए भी बड़ा खतरा है। इसमें आनुवंशिकी और पर्यावरणीय कारक अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन ज्‍यादा चीनी के सेवन से भी बच्‍चों में टाइप 2 डायबिटीज बढ़ रही है।

पोषक तत्वों की कमी

चीनी से भरपूर खाद्य पदार्थ और पेय अक्सर बच्चे की डाइट में मौजूद हेल्‍दी ऑप्‍शन को रिप्‍लेस कर देते हैं। जिससे शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इससे बच्‍चों का विकास और समग्र स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।

हृदय रोग

आमतौर पर हृदय रोग को वयस्‍कों से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन बच्‍चे भी इसके शिकार हो सकते हैं। हालांकि, इसके कई कारण हैं, लेकिन चीनी भी बच्‍चों में हृदय रोग की वजह बनती है। कम उम्र में बहुत ज्‍यादा चीनी का सेवन ऐसे पैटर्न स्थापित कर रहा है, जो बच्‍चों में हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकते हैं। एक रिसर्च में यह पता चलता है कि जो बच्चे अधिक मीठा खाते हैं, उन बच्चों में हार्ट की बीमारी होने का रिस्‍क मीठा न खाने वाले बच्‍चों की तुलना में ज्‍यादा रहता है।

तो बच्‍चे के लिए कितनी चीनी है जरूरी

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, बच्चों और टीनएजर्स को दिनभर में 25 ग्राम या 6 चम्मच से ज्‍यादा चीनी नहीं खानी चाहिए। 7 से 10 साल तक के बच्चों को प्रतिदिन के हिसाब से 24 ग्राम से ज्‍यादा चीनी नहीं खानी चाहिए। साथ ही 4 से 6 साल के बच्चों को हर‍ दिन 19 ग्राम से ज्‍यादा चीनी खाने से बचना चाहिए।

बच्‍चों में कैसे कंट्रोल करें शुगर

  • चीनी के प्राकृतिक विकल्‍प अपनाएं।

  • फूड लेबल पढ़ें।

  • बच्‍चों को घर पर खाना बनाकर खिलाएं।

  • हेल्‍दी स्‍नैक्‍स खिलाने की कोशिश करें।

  • बच्‍चों को मीठे पेय पदार्थ से दूर रखें।

  • बच्‍चों को बहुत ज्‍यादा चीनी खाने के नुकसान बताएं।

  • फिजिकल एक्टिविटी में इनवॉल्‍व करें। ये सभी चीजें चीनी के असर को कम करने में मदद करेंगी।

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