आप भी पीते हैं जरूरत से ज्‍यादा पानी, तो तुरंत सुधार लें आदत
आप भी पीते हैं जरूरत से ज्‍यादा पानी, तो तुरंत सुधार लें आदतSyed Dabeer Hussain - RE

आप भी पीते हैं जरूरत से ज्‍यादा पानी, तो तुरंत सुधार लें आदत, सेहत को हो सकता है खतरा

शरीर को सुचारू रूप से काम करने के लिए पानी की जरूरत होती है। लेकिन जरूरत से ज्‍यादा पानी का सेवन बॉडी के इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस को बिगाड़ सकता है। जिसे वॉटर पॉइजनिंग या हाइपोनेट्रेमिया कहते हैं।

हाइलाइट्स :

  • पानी स्‍वस्‍थ शरीर की पहली जरूरत है।

  • पानी के ज्‍यादा सेवन से हाइपोनेट्रेमिया का खतरा होता है।

  • शरीर में सूजन और मांसपेशियों में ऐंठन वॉटर टॉक्सिसिटी के लक्षण।

  • पुरूषों को 3.7 लीटर और महिलाओं को 2.7 लीटर पानी पीना चाहिए।

राज एक्सप्रेस। पानी न केवल आपको स्‍वस्‍थ रखता है, बल्कि दिनभर हाइड्रेट रखने के लिए भी अच्‍छा है। मानव शरीर में लगभग 60 प्रतिशत पानी होता है। आपने कई लोगों को कहते भी सुना होगा कि स्‍वस्‍थ रहने के लिए हर दिन 7-8 गिलास पानी पीना चाहिए। हालांकि अति हर चीज की बुरी होती है। हाल ही में सोशल मीडिया चैलेंज को फॉलो करते हुए एक कैनेडियन महिला मिशेल फेयरबर्न ने 12 दिन तक 4 लीटर पानी पी लिया। अब वे हाइपोनेट्रेमिया से जूझ रही हैं। इस बीमारी को वॉटर टॉक्सिसिटी, वॉटर पॉइजनिंग या हाइपोनेट्रेमिया भी कहते हैं। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें ज्यादा पानी पीने से इलेक्‍ट्रोलाइट बैलेंस बिगड़ जाता है। Mayo Clinic के अनुसार, यह स्थिति तब पैदा होती है, जब ब्‍लड का सोडियम लेवल 135 mEq/L से नीचे चला जाता है। जबकि सामान्य ब्लड सोडियम लेवल 135 से 145 mEq/L होना चाहिए। अगर आप भी बिना सोचे समझे खूब पानी पी रहे हैं, तो सावधान हो जाइए और हाइपोनेट्रेमिया के बारे में जरूर जान लीजिए।

क्यों हो जाता है हाइपोनेट्रेमिया

नेशनल किडनी फाउंडेशन के अनुसार जरूरत से ज्‍यादा पानी पीने से ब्‍लड में इलेक्‍ट्रोलाइट जैसे कि सोडियम बहुत पतला हो जाता है। जब सोडियम लेवल बहुत तेजी से कम होता है, तो तरल पदार्थ ब्‍लड स्‍ट्रीम से निकलकर टिशू सेल्‍स में चले जाते हैं, जिससे ये सेल्‍स फूलने लगती हैं और शरीर में सूजन बढ़ने लगती है। आपका मस्तिष्क इतनी ज्‍यादा सूजन को सहन नहीं कर पाता , जिस कारण नर्व्‍स से जुड़ी समस्‍या पैदा होती है। अगर स्थिति कंट्रोल में नहीं है, तो व्‍यक्ति या तो कोमा में चला जाता है या फिर उसकी मौत हो जाती है।

हाइपोनेट्रेमिया का क्या कारण है

द अमेरिकन जर्नल ऑफ मेडिसिन में पब्लिश हुई एक रिसर्च के अनुसार, हाइपोनेट्रेमिया कॉमन इलेक्ट्रोलाइट डिसऑर्डर है। आमतौर पर एथलीटों को इस स्थिति का सामना करना पड़ता है। क्योंकि वे एक्सरसाइज से पहले, इसके दौरान और बाद में बड़ी मात्रा में पानी पीते हैं। हार्मोनल परिवर्तन, हार्ट, लीवर या किडनी फेलियर, क्रॉनिक डायरिया, ज्‍यादा प्‍यास लगना और एंटीडिप्रेसेंट दवाएं लेना हाइपोनेट्रेमिया के मुख्य कारण माने गए हैं।

ज्‍यादा पानी पीने के लक्षण

  • मतली या उल्‍टी

  • सिरदर्द

  • शरीर में सूजन आना

  • हाथ पैर सूज जाना

  • मांसपेशियों में ऐंठन

  • थकान के साथ बेचैनी और चिड़चिड़ापन हाइपोनेट्रेमिया के मुख्‍य लक्षण हैं।

तो दिनभर में कितना पानी पीना चाहिए

यू.एस. नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज की गाइडलाइन कहती है कि पुरूषों को हर दिन 15.5 कप यानी 3.7 लीटर, तो वहीं महिलाओं को हर दिन 11.5 कप यानी 2.7 लीटर तरल पदार्थ पीना चाहिए। वैसे तो आपको हर दिन कितना पानी पीना है, यह आपकी उम्र, लिंग, एक्टिविटी लेवल पर निर्भर करता है।

हाइपोनेट्रेमिया का इलाज कैसे होता है

  • इंट्रावेनस फ्लूइड (इसमें ब्‍लड में सोडियम की कमी नसों के जरिए सोडियम चढ़ाकर पूरी होती है)

  • सोडियम लेवल बनाए रखने वाली दवाएं दी जाती हैं।

  • कई बार डॉक्‍टर डायलिसिस की भी सलाह दे देते हैं।

  • आरओएस, ताजे संतरे का रस और नारियल पानी पी सकते हैं। इनमें सोडियम की मात्रा बहुत अच्छी होती है।

हाइपोनेट्रिमिया गंभीर होने के साथ ही घातक भी है। इससे कोई भी व्‍यक्ति कोमा में जा सकता है। अगर बीमारी का जल्‍द निदान कर लिया जाए, तो उपचार से इसे ठीक किया जा सकता है।

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