हर एनर्जी ड्रिंक हेल्दी नहीं होती।
हाई कैफीन हृदय संबंधी खतरे को बढ़ाती है।
एनर्जी ड्रिंक के स्वस्थ विकल्प हैं नारियल पानी।
12 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं लेना चाहिए एनर्जी ड्रिंक।
राज एक्सप्रेस। एनर्जी ड्रिंक पीना एक फैशन से बन गया है। पिछले कुछ सालों में इसने काफी पॉपुलैरिटी गेन की है। यह सच है कि इसे पीने से इंस्टेंट एनर्जी मिलती है। जिमिंग करने वाले लोग इसे प्री वर्कआउट बूस्टर के तौर पर भी लेते हैं। काम करते वक्त थकान, सुस्ती या कमजोरी महसूस हो, तो इसे जरूर पीना चाहिए। ये तो हुए एनर्जी ड्रिंक के फायदे, लेकिन सवाल यह है कि क्या वास्तव में बाजार में एनर्जी ड्रिंक के नाम से बिकने वाली हर ड्रिंक हेल्दी होती है। कई लोग इसकी सुरक्षा पर सवाल उठाने लगे हैं। यहां तक की पॉपुलर कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ.श्रीराम नेने ने भी अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो शेयर करते हुए एनर्जी ड्रिंक के फायदे और नुकसानों के बारे में बताया है। जिस तरीके से एनर्जी ड्रिंक का सेवन बढ़ता जा रहा है, उस लिहाज से आपके लिए यह जानना जरूरी है कि एनर्जी ड्रिंक में कौन-कौन से ऐसे तत्व होते हैं, जो हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक हैं। साथ ही जानेंगे कि कौन इन्हें ले सकता है कौन नहीं।
फिटनेस एक्सपर्ट पुखराज राजपूत बताते हैं कि एनर्जी ड्रिंक का हेल्दी होना इनमें मौजूद सामग्री पर निर्भर करता है। कुछ में ज्यादा शुगर होती है, कुछ में इलेक्ट्रोलाइट पाए जाते हैं। ऐसे में व्यक्ति को जिस चीज की जरूरत है, उसे उसी हिसाब से एनर्जी ड्रिंक का सेवन करना चाहिए। मान लीजिए किसी व्यक्ति के शरीर में पानी की कमी है, तो उसे इलेक्ट्रोलाइट वाला एनर्जी ड्रिंक लेना चाहिए। वहीं वर्कआउट करने वालों के लिए क्रिएटिनिन वाले एनर्जी ड्रिंक फायदेमंद होते हैं। कुल मिलाकर जब तक आपको पता न हो, कि आपके शरीर को किस चीज की जरूरत है, तो एनर्जी ड्रिंक ना लें।इसके बजाय आप नारियल पानी पी सकते हैं। यह इलेक्ट्रोलाइट से भरपूर है। यह सोडियम लेवल को संतुलित करके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है।
फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने ग्राहकों को सलाह दी है कि वे ऑनलाइन बिकने वाले एनर्जी बूस्टर न खरीदें। एफडीए लैबोरेट्ररी में इस बात की पुष्टि हुई है कि मैनर्स नाम की एनर्जी बूस्टर में टाडाफिल शामिल है, जो एफडीए द्वारा प्रिस्क्राइब दवा सियालिस में एक्टिव कंपोनेंट है, जिसका उपयोग इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के इलाज के लिए किया जाता है। बता दें कि टाडाफिल घटक नाइट्रोग्लिसरीन जैसी कुछ प्रिस्क्रिप्शन दवाओं में पाए जाने वाले नाइट्रेट के साथ मिलकर काम करता है और बीपी लो कर सकता है। डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल या हृदय रोग से पीड़ित लोग अक्सर नाइट्रेट लेते हैं।
एनर्जी ड्रिंक ऐसे पेय पदार्थ हैं जिनमें एनर्जी और मेंटल परफॉर्मेंस को बढ़ाने के गुण होते हैं। रेड बुल, 5-आवर एनर्जी, मॉन्स्टर, एएमपी, रॉकस्टार, एनओएस और फुल थ्रॉटल पॉपुलर एनर्जी ड्रिंक के उदाहरण हैं। लगभग सभी एनर्जी ड्रिंक में मस्तिष्क के कार्य को उत्तेजित करने और सतर्कता व एकाग्रता बढ़ाने के लिए कैफीन होता है। हालांकि, कैफीन की मात्रा हर उत्पाद में अलग-अलग होती है।
आमतौर पर एनर्जी ड्रिंक में कैलोरी और चीनी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है।
विटामिन बी आपके द्वारा खाए गए भोजन को आपके शरीर द्वारा उपयोग की जाने वाली ऊर्जा में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
टॉरिन और एल-कार्निटाइन अमीनो एसिड डेरिवेटिव के उदाहरण हैं। दोनों का उत्पादन शरीर द्वारा होता है।
ज्यादा कैफीन एड करने के लिए ग्वाराना को शामिल किया जाता है, जबकि जिनसेंग ब्रेन फंक्शन पर पॉजिटिव इफेक्ट डाल सकता है।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ चाइल्ड एंड एडोलसेंट साइकिएट्री (एएसीएपी) की सिफारिश है कि 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कैफीन का सेवन नहीं करना चाहिए और 12 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रति दिन 100 मिलीग्राम तक कैफीन का सेवन सीमित करना चाहिए, जो कि ज्यादातर एनर्जी ड्रिंक से बहुत कम है।
आप गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं, तो इसके सेवन से बचें।
सीडीसी के अनुसार, अगर आप शराब का सेवन कर रहे हैं, तो एनर्जी ड्रिंक न लें। यह आपके दिल की सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है।
एनर्जी ड्रिंक खरीदते वक्त लेबल को नोटिस करना बहुत जरूरी है। ऐसा ड्रिंक चुनें, जिसमें शुगर और कैफीन की मात्रा कम हो। आदर्श रूप से, एनर्जी ड्रिंक में कैफीन की मात्रा 400 मिलीग्राम की ऊपरी सीमा से काफी कम होनी चाहिए। क्योंकि आप हर रोज कॉफी, चाय, सोडा और चॉकलेट जैसी चीजों के जरिए भी कैफीन ले ही रहे होते हैं।
आमतौर पर 12-17 आयु वर्ग के 31% बच्चे नियमित रूप से एनर्जी ड्रिंक का सेवन करते हैं। हालांकि, 2011 में अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स की ओर से पब्लिश हुई रिपोर्ट के अनुसार, बच्चों या किशोरों को एनर्जी ड्रिंक का सेवन नहीं करना चाहिए । तर्क यह है कि एनर्जी ड्रिंक में पाया जाने वाला कैफीन बच्चों और टीनएजर को इसके प्रति एडिक्ट बना सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, टीनएजर रोजाना 100 मिलीग्राम से ज्यादा कैफीन का सेवन नहीं कर सकते और बच्चे हर दिन अपने शरीर के वजन के प्रति पाउंड 1.14 मिलीग्राम से कम कैफीन का सेवन कर सकते हैं।
मध्यप्रदेश की इरहोन फाउंडेशन की डायरेक्टर व न्यूट्रिशन एक्सपर्ट डॉ.ज्योत्सना श्रीवास्तव के अनुसार, एनर्जी ड्रिंक का सेवन दिन में एक बार नाश्ते के समय किया जाना चाहिए। जिमिंग करने वाले लोग 500 मिली पानी में दो स्कूप और बच्चे 200 मिली पानी में एक स्कूप प्रोटीन पाउडर डाल सकते हैं। ध्यान रखना चाहिए कि जब आप एनर्जी ड्रिंक ले रहे हैं, तो दिनभर में अन्य कैफीन वाले ड्रिंक्स को लेने से बचें।
एनर्जी ड्रिंक का उद्देश्य आपका फोकस और एकाग्रता बढ़ाना है, लेकिन ये कैफीन और चीनी से भरपूर हैं। इसलिए इनका ज्यादा सेवन करने पर स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। एक्सपर्ट की सलाह है कि एनर्जी ड्रिंक का सेवन सीमित करें और फोकस व एनर्जी लेवल बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहार खाने और पर्याप्त नींद लेने की कोशिश करें।
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