छोड़ दें मैदा खाने की आदत, इन बीमारियों से मिल जाएगी राहत
छोड़ दें मैदा खाने की आदत, इन बीमारियों से मिल जाएगी राहतSyed Dabeer Hussain - RE

सिर्फ एक महीने छोड़ दें मैदा खाने की आदत, इन बीमारियों से मिल जाएगी राहत

कभी सोचा है, अगर आप एक महीने के लिए मैदा खाना छोड़ दें , तो क्‍या होगा। अपनी डाइट से मैदा को हटाने के बाद आपको बेहतर पाचन, वजन घटाने और ब्‍लड शुगर को स्थिर रखने जैसे फायदे मिल सकते हैं।
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हाइलाइट्स :

  • बेकरी आइटम और फास्‍ट फूड में होता है मैदा का उपयोग।

  • मैदा को पचाना कठिन होता है।

  • आहार से मैदा हटाने पर पाचन में होगा सुधार।

  • मैदा छोड़ने से ब्‍लड शुगर स्थिर रहता है।

राज एक्सप्रेस। मैदा ब्रेड और समोसा से लेकर पिज्‍जा व बर्गर जैसे कई स्‍वादिष्‍ट व्‍यंजनों का जरूरी हिस्‍सा है। सॉफ्ट नेचर के कारण इससे बनी कोई भी डिश बहुत टेस्‍टी लगती है। इसलिए घर हो या रेस्‍टोरेंट हर जगह मैदा का इस्‍तेमाल बहुत तेजी से होने लगा है। हालांकि, इसका अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

बता दें कि मैदा में जरूरी पोषक तत्वों और डायट्री फाइबर की कमी होती है, जिससे एंप्‍टी कैलोरी इंटेक बढ़ने लगता है। इससे वजन बढ़ने के साथ ही कई स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्याएं भी शुरू हो जाती है। रजिस्‍टर्ड डायटीशियन डॉ.ज्योत्सना श्रीवास्‍तव बताती हैं कि मैदा से बने किसी भी व्‍यंजन को पचाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। आपने कितना और किस तरह का मैदा खाया है, इसके आधार पर मैदा पचने का समय 24 से 72 घंटे तक हो सकता है। अगर ये ठीक से ना पच पाए, तो इसका कुछ हिस्‍सा आंतों से चिपककर कई बीमारियों की वजह बन जाता है। ऐसे में इसे छोड़ना ही सही विकल्‍प है। अगर आप हमेशा के लिए मैदा से दूरी नहीं बना सकते, तो कम से कम एक महीने के लिए इसे अपनी डाइट से हटाकर देखें। आपको अपने शरीर में कई तरह के बदलाव महसूस होंगे।

पाचन में होगा सुधार

न्यूट्रिशनिस्ट बताती हैं कि मैदा एक रिफाइंड आटा है, जिसमें पोषक तत्‍व न के बराबर होते हैं। इसलिए इसे पचाने में बहुत दिक्‍कत आती है। सही से पच न पाने के कारण कई बार लोग पेट में दर्द और ऐंठन की शिकायत भी करते हैं। अगर आप एक महीने के लिए मैदा खाना छोड दें, तो आपकी पाचन क्रिया में सुधार देखने को मिलेगा।

ब्‍लड शुगर स्थिर करें

मैदा शरीर में जाकर तेजी से ग्लूकोज में बदल जाती है, जिससे ब्‍लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। खासतौर से डायबिटीज के मरीज को अपने आहार से मैदा को स्किप कर देना चाहिए। ऐसा करने से एक महीने के अंदर आपका ब्‍लड शुगर लेवल स्थिर हो सकता है।

वेट मेंटेन रखें

मैदा से बने किसी भी व्‍यंजन में कैलोरी बहुत ज्‍यादा होती है। अगर ठीक से कैलोरी बर्न हो पाए, तो यह अनियंत्रित वजन बढ़ने का कारण बनती है। अगर आप बढ़ते वजन से परेशान हैं, तो समझ लीजिए कि मैदा इसकी मुख्‍य वजह है। ऐसे में कुछ दिनों तक मैदा से परहेज करके वेट मेंटेन करने की कोशिश करें।

सूजन कम करें

मैदा के सेवन से अक्‍सर शरीर में सूजन आ जाती है। जिससे शरीर में सुस्‍ती और कमजोरी का भी अनुभव होता है। अगर आप कुछ दिनों तक इसे अपनी डाइट से हटा दें , तो आप देखेंगे कि आपके शरीर की सूजन बहुत कम हो जाएगी।

तो क्‍या है मैदा का बेहतर विकल्‍प

आमतौर पर मैदा का इस्‍तेमाल बेकिंग के लिए किया जाता है। अगर आप बेकिंग के लिए मैदा का यूज नहीं करना चाहते तो बाइंडिंग एजेंट के रूप में चने का टाटा, फ्लैक्स सीड मील या एप्‍पल सॉस बेस्‍ट ऑप्‍शन हैं। भोजन या स्‍नैक्‍स में मैदा की जगह आप बादाम, जई, क्विनोआ, चना, बाजरा या चावल के आटे का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। अपने आहार में इन विकल्‍पों को शामिल करके मैदा से दूरी बनाना आपके लिए आसान हो जाएगा।

मैदा को छोड़ना अच्‍छा विचार है। लेकिन यह भी ध्‍यान रखें कि अन्‍य स्‍वस्‍थ विकल्‍पों से आपको पोषक तत्‍व मिलते रहें। अगर आप मैदा से परहेज करने का सोच रहे हैं, तो अपने आहार में साबुत अनाज, सब्जियां, फल, लीन प्रोटीन और हेल्‍दी फैट को जरूर शामिल करें।

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