भारत में 72 फीसदी लोग नियमित रूप से चाय पीते हैं।
मसाला चाय है दुनिया का दूसरा बेस्ट नॉन अल्कोहोलिक बेवरज।
मसाला बनाने के लिए खड़े मसालों का होता है इस्तेमाल।
दर्द से राहत दे और थकान मिटाए मसाला चाय।
राज एक्सप्रेस। तनाव और भागदौड़ भरी जिन्दगी में दो घूंट चाय के मिल जाएं, तो क्या कहने। मानो सारी थकान दूर हो जाती है। इसलिए चाय हमारे जीवन का जरूरी हिस्सा बन गई है। एक दिन सुबह की चाय ना मिले, तो पूरा दिन शरीर में आलस और सुस्ती भरी रहती है। घर के काम हों या ऑफिस के, चाय व्यक्ति के दिमाग को तरोताजा कर देती है। वैसे अब लोग हेल्थ बेनिफिट्स के लिए सादा चाय के बजाय ग्रीन टी, ब्लैक टी का सेवन करने लगे हैं। लेकिन इन्हें भूल जाइए और अब पीना शुरू कर दीजिए मसाला चाय। जी हां, हाल ही में मशहूर फूड गाइड TasteAtlas ने मसाला चाय को 2023-24 का दुनिया का दूसरा सबसे अच्छा नॉन अल्कोहोलिक बेवरेज घोषित किया है। TasteAtlas ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट के माध्यम से रैंकिंग साझा की, जिसमें कहा गया, “चाय मसाला भारत से उत्पन्न एक सुगंधित पेय है”। मतलब कि अब मसालेदार चाय विश्व स्तर पर लोगों के बीच अपनी अलग पहचान बना चुकी है। अब आप बेशक इसे सादा चाय की जगह रिप्लेस कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं क्या होती है मसाला चाय और इसे बनाने की रेसिपी भी।
मसाला चाय को हाल ही में वैश्विक मान्यता मिल गई है। ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि आखिर मसाला चाय है क्या। इंस्टाग्राम पर लिखी पोस्ट में बताया गया है कि मसाला चाय काली पत्ती, दूध और कुछ मसालों को मिलाकर बनाई जाती है। इसमें इलायची, पिसी अदरक, लौंग, दालचीनी और काली मिर्च का इस्तेमाल खासतौर से किया जाता है। कुल मिलाकर इस चाय को बनाने के लिए 5-7 तरह के मसालों की जरूरत पड़ती है। साबुत मसालों के चलते यह हमारे स्वास्थ्य को भी बहुत लाभ पहुंचाती है।
इस लिस्ट में नंबर एक पर है मेक्सिको का अगुआस फ्रेस्कास ड्रिंक। यह फलों, खीरे, फूल, बीज, अनाज को चीनी और पानी के मिश्रण से बनाया गया एक फ्रेश ड्रिंक है। रैंकिंग में मसाला चाय की स्थिति इसके अनूठे स्वाद और दुनिया भर में चाय के शौकीनों में इसके जुनून के कारण है।
मसाला चाय में मिलाए जाने वाले सभी प्रकार के मसाले सूजन और दर्द से राहत देते हैं। अदरक और लाैंग को सबसे ज्यादा कारगर माना गया है। यह किसी भी तरह के दर्द से छुटकारा दिला देते हैं ।
काम करके अगर आप थक गए हों, तो एक कप मसाला चाय आपकी सुस्ती और थकान दूर कर सकती है।
चाय में मिलाया जाने वाले अदरक, दालचीनी जैसे मसालों में एंटीऑक्सीडेंट और फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जो पेट के कैंसर के खतरे को कम करते हैं।
सर्दी जुकाम में आराम पाने के लिए मसाला चाय बहुत फायदेमंद है। चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और फाइटोकेमिकल्स इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं।
मसाला चाय का सेवन रोज किया जाए, तो यह पाचन और पैंक्रियाज में एंजाइम को स्टीमुलेट करता है। जिससे पाचन ठीक बना रहता है।
डायबिटीज वालों के लिए मसाला चाय बहुत फायदेमंद है। यह शुगर क्रेविंग को कम करती है।
सामग्री-
10 - लौंग
12- इलायची
3 - जायफल
5-8 तुलसी के पत्ते
6- काली मिर्च
2 - बड़े चम्मच सौंफ
सूखा अदरक और दालचीनी
मसाला चाय बनाने के लिए सबसे पहले साबुत मसालों को रोस्ट करें।
सारे मसालों को ठंडा होने दें। इसके बाद इन्हें ब्लेंडर में डालकर दरदरा सा पीस लें।
इसके बाद इसमें जायफल और सोंठ का पाउडर मिला लें।
चाय का मसाला बनकर तैयार है। आप इसे कांच के कंटेनर में स्टोर करके रख सकते हैं।
अगर मसाले काे सही ढंग से स्टोर न किया जाए, तो यह बहुत जल्दी खराब हो सकता है। इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
मसाला चाय के कंटेनर को ठंडी जगह पर रखें।
मसाले को ज्यादा देर तक खुला ना रखें। इसका फ्लेवर और फ्रेशनेस दोनों उड़ जाएगी, जिससे चाय भी बेस्वाद लगेगी।
कंटेनर से मसाला निकालते वक्त गीले चम्मच या हाथों का इस्तेमाल न करें। सूखी चम्मच से ही निकालें।
मसाला बनाने के लिए ताजे खड़े मसालों का ही उपयोग करना चाहिए।
भारतीय मसाला चाय एक बेवरेज से बहुत ज्यादा है। इसका समृद्ध स्वाद, मनमोहक सुगंध और सांस्कृतिक महत्व ही इसे विश्व स्तर पर चाय के शौकीनों के बीच पॉपुलर बेवरेज बनाते हैं।
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