माता-पिता बनकर विवादों में फंसे नयनतारा-विग्नेश, जानिए सरोगेसी को लेकर भारत में क्या है नियम?

तमिल फिल्मों के निर्देशक विग्नेश शिवन और एक्ट्रेस नयनतारा शादी के महज 4 महीने बाद ही सरोगेसी के जरिए माता-पिता बने हैं।
जानिए सरोगेसी को लेकर भारत में क्या है नियम?
जानिए सरोगेसी को लेकर भारत में क्या है नियम?Syed Dabeer Hussain - RE

राज एक्सप्रेस। तमिल फिल्मों के निर्देशक विग्नेश शिवन (Vignesh Shivan) और एक्ट्रेस नयनतारा (Nayanthara) की जोड़ी को इन दिनों बहुत सारे विवादों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल हाल ही में दोनों सरोगेसी (Surrogacy) के जरिए माता-पिता बने हैं। शादी के महज चार महीने बाद ही दोनों का इस तरह से माता-पिता बनना कई लोगों को पसंद नहीं आ रहा है। लोगों का आरोप है कि दोनों ने ऐसा करके सरोगेसी क़ानून का उल्लंघन किया है। तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री एम सुब्रमण्यम ने भी इस मामले में जाँच की बात कही है। ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर सरोगेसी क्या है? और भारत में सरोगेसी को लेकर क्या नियम कानून है?

सरोगेसी क्या है?

दरअसल जब भी कोई कपल बच्चा पैदा करने के लिए दूसरी महिला की कोख किराए पर लेता है, तो इस प्रक्रिया को सरोगेसी कहा जाता है। इस प्रकिया में पति और पत्नी के शुक्राणुओं और अंडाणु का मेल करवाकर उस भ्रूण को दूसरी महिला की बच्चेदानी में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। इस तरह बच्चे को जन्म भले ही दूसरी महिला देती है, लेकिन उसका जेनेटिक संबंध कपल से ही होता है। इस प्रकिया में जन्म देने वाली महिला को सरोगेट मदर कहा जाता है।

क्यों की जाती है सरोगेसी?

दरअसल कई बार मेडिकल प्रॉब्लम, गर्भधारण से खतरा या अन्य किसी वजह से महिला प्रेग्नेंट नहीं होना चाहती या नहीं हो पा रही है तो वह सरोगेसी का सहारा ले सकती है। ऐसी स्थिति में कपल किसी दूसरी महिला के जरिए अपना बच्चा पैदा करता है। इसके लिए दोनों के बीच एग्रीमेंट भी होता है। इसमें बच्चे के जन्म से पहले और बाद में सरोगेट मां पर होने वाले मेडिकल सर्विस सहित अन्य खर्च बच्चे की चाह रखने वाला कपल ही करता है।

क्या है सरोगेसी कानून?

दरअसल कमर्शियल सरोगेसी को रोकने के लिए भारत में कानून बना हुआ। इस कानून के तहत सिर्फ वही कपल्स सरोगेसी के जरिए माता-पिता बन सकते हैं, जो किन्हीं कारणों से बच्चा पैदा करने में असमर्थ है और उनकी शादी को कम से कम पांच साल पूरे हो चुके हो। इस कानून के तहत सरोगेट मदर सिर्फ करीबी रिश्तेदार ही बन सकती है और कोई भी महिला सिर्फ एक बार ही सरोगेट मदर बन सकती है। सरोगेसी के लिए कपल्स को सक्षम अधिकारी से एलिजिबिलिटी सर्टिफिकेट भी लेना होगा।

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