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डिलीवरी से पहले बॉडी को ब्रेस्टफीड के लिए ऐसे करें तैयार, आसान हो जाएगा न्यूबॉर्न को दूध पिलाना

डिलीवरी से पहले हर महिला को अपनी बॉडी को ब्रेस्टफीडिंग के लिए तैयार कर लेना चाहिए। इससे आपको बाद में दूध न आने जैसी समस्‍या से दो चार नहीं होना पड़ेगा।

हाइलाइट्स :

  • स्तनपान के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार होना जरूरी।

  • डिलीवरी से पहले स्‍तनों की अच्‍छी केयर करें।

  • बेस्ट लैक्टेशन काउंसलर चुने।

  • स्किन टू स्किन कॉन्‍टेक्‍ट करना सीख लें।

राज एक्सप्रेस। ब्रेस्‍टफीडिंग मां और बच्‍चे के लिए कितनी जरूरी है, हम सभी जानते हैं। हर मां चाहती है कि जन्म के बाद वह बच्चे को सफल स्तनपान करा सके। लेकिन कई मामलों में यह संभव नहीं हो पाता। आधी अधूरी जानकारी या स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍याओं के चलते मां के स्‍तनों में दूध का उत्‍पादन ठीक से नहीं हो पाता, जिस कारण बच्‍चे को भरपूर पोषण मिलने से रुक जाता है। यही स्थिति मां और बच्चे दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण होती है। ऐसा आपके साथ न हो, इसलिए डिलीवरी से पहले ही आप खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करना शुरू कर सकती हैं। अगर आप न्‍यू बॉर्न को स्‍तनपान कराने जा रही हैं, तो कुछ ऐसी चीजें हैं, जिन्‍हें आपको अपनी प्रेग्नेंसी के आखिरी महीने में करना शुरू कर देना चाहिए। हालांकि , स्‍तनपान कराना पूरी तरह से प्राकृतिक है, लेकिन यह उतना कठिन भी है। इसलिए पहले से की गई तैयारी स्‍तनपान कराने की प्रक्रिया को आसान बना सकती है। यहां डिलीवरी से पहले शरीर को स्‍तनपान के लिए तैयार करने के 5 तरीके बताए गए हैं, जिससे न्‍यूबॉर्न को दूध पिलाना काफी आसान हो जाएगा।

स्‍तनों का रखें ख्‍याल

गर्भावस्‍था की दूसरी तिमाही से अपने स्‍तनों की अच्‍छी देखभाल शुरू कर देनी चाहिए। स्‍तनों को मॉइश्चराइज और मालिश करने से निप्पल को आकार देने में मदद मिलती है।

ब्रेस्‍ट पंप खरीदें

प्रेग्‍नेंसी के आखिरी महीनों में आपको ब्रेस्‍ट पंप ऑर्डर कर देना चाहिए। खासतौर से अगर आप वर्किंग हैं, तो। हालांकि, कुछ ब्रेस्ट पंप पर कुछ महीनों की वारंटी होती है, इसलिए बहुत पहले से इसे ऑर्डर करने की कोई जरूरत नहीं होती।

लैक्टेशन काउंसलर चुने

नई मां को यह समझने में थोड़ा समय लगता है कि बच्‍चे को दूध कैसे पिलाया जाए। इसके लिए हर अस्‍पताल में आजकल लैक्‍टेशन काउंसलर अपॉइंट होते हैं। खासतौर से जो महिलाएं अकेली रहती है, उनके साथ यह दिक्‍कत आती है। इसलिए बच्‍चे के जन्‍म से पहले लैक्‍टेशन काउंसलर चुन लें, ताकि बाद में बच्‍चे के साथ आपको परेशान न होना पड़े। डॉक्टर्स के अनुसार ऐसे काउंसलर को प्रायोरिटी दें, जो IBLCE (International Board of Lactation Consultant Examiners) सर्टिफाइड हो।

गायनोकोलॉजिस्‍ट से हेल्‍थ कंडीशन के बारे में पूछें

अगर आपको अपने पहले बच्‍चे के समय स्‍तनपान को लेकर समस्याएं झेलनी पड़ी हैं, तो जाहिर है कि आप इस बार यह चांस नहीं लेना चाहेंगी। इसलिए पहले से ही अपने डॉक्‍टर से अपनी उस हेल्‍थ कंडीशन के बारे में पूछ लें, जिनके कारण आपको स्तनपान कराने में परेशानी महसूस होती है। आमतौर पर डायबिटीज या पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की हिस्ट्री होने से महिलाओं के स्तन में दूध की कम आपूर्ति होने का खतरा बढ़ जाता है।

स्किन टू स्क्नि कॉन्‍टेक्‍ट बनाएं

जन्‍म के ठीक बाद तुरंत अपने बच्‍चे को अपनी त्‍वचा के संपर्क में लेकर आएं। यह स्किन टू स्किन कॉन्‍टेक्‍ट कहलाता है। जहां आपकी डिलीवरी होने वाली है, वहां पूछें कि यह कैसे होता है। त्वचा से त्वचा का संपर्क आपके और आपके बच्चे के बीच स्‍ट्रांग बॉन्‍ड बनाने में मदद करता है। यह आपके शरीर को दूध बनाना शुरू करने के पहले संकेतों में से एक है।

स्तनपान नए माता-पिता के सामने आने वाली सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। तमाम सावधानी और तैयारी के बावजूद भी हर कोई स्तनपान कराने में सक्षम नहीं है। अगर आप स्तनपान कराना चाहती हैं और आपको परेशानी हो रही है, तो अपने डॉक्‍टर या लैक्टेशन कंसल्टेंट से संपर्क जरूर करें।

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