2050 तक 1 करोड़ मौतों का कारण होगा स्‍ट्रोक
2050 तक 1 करोड़ मौतों का कारण होगा स्‍ट्रोकSyed Dabeer Hussain - RE

2050 तक 1 करोड़ मौतों का कारण होगा स्‍ट्रोक, बचना है, तो अभी से कर लें उपाय

लैंसेट न्यूरोलॉजी की एक स्टडी बताती है कि आज से 37 साल बाद स्‍ट्रोक से मरने वालों का आंकड़ा 86 फीसदी से बढ़कर 97 फीसदी हो जाएगा। यानी हर साल 97 लाख लोगों की स्‍ट्रोक से मौत होने की आशंका है।

हाइलाइट्स :

  • स्‍ट्रोक एक न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्‍लम है।

  • 2050 तक 1 करोड़ लोगों की मौत स्‍ट्रोक से होने की आशंका।

  • सिरदर्द, अंगों में सुन्‍नता स्‍ट्रोक के लक्षण।

  • लो सॉल्‍ट डाइट का सेवन करें।

राज एक्सप्रेस। स्‍ट्रोक भारत में होने वाले मौतों का दूसरा मुख्‍य कारण है। ग्‍लोबल बर्डन ऑफ डिजीज के अनुसार, भारत में हर साल 185,000 स्‍ट्रोक होते हैं। यानी हर 40 सैकंड में एक स्ट्रोक और हर चार मिनट में होती है एक मौत। स्‍ट्रोक को लेकर हाल ही में एक स्‍टडी सामने आई है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है। वर्ल्‍ड स्‍ट्रोक ऑर्गेनाइजेशन और लैंसट न्‍यूरोलॉजी कमिशन कि एक स्टडी में कहा गया है कि साल 2050 तक और मिडिल इंकम वाले देशों में स्‍ट्रोक से होने वाली मौतों का आंकड़ा 86 फीसदी से बढ़कर 91 फीसदी हो सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में स्‍ट्रोक से 6;6 मिलियन मौतें हुई थीं, जो 2050 तक 9.7 मिलियन तक पहुंच सकती हैं। यानी स्‍ट्रोक हर साल 1 करोड़ लोगों की मौत की वजह बन सकता है। मस्तिष्क की किसी नस में ब्‍लड फ्लो अगर ठीक से न हो , तो नस में ब्‍लॉकेज के चलते स्‍ट्रोक हो सकता है। यह एक जानलेवा स्थिति है, जिसे एपोप्लेक्सी कहा जाता है। प्राइमरी स्‍टेज पर इसका पता चल जाए, तो इलाज संभव है।

स्‍ट्रोक की पहचान कैसे करें

मेयो क्लिनिक के अनुसार, लोगों को स्‍ट्रोक के लक्षणों के बारे में बहुत ज्‍यादा जानकारी नहीं है। स्ट्रोक की पहचान अक्सर अचानक गंभीर सिरदर्द, एक या दोनों आँखों से देखने में परेशानी, चलने में परेशानी, चेहरे या अंगों में सुन्नता ये की जाती है।

किन लोगों को होता है स्‍ट्रोक

महिलाओं की तुलना में पुरुषों में स्‍ट्रोक होने की संभावना ज्‍यादा रहती है। मोटापा, हाई ब्‍ल्‍ड प्रेशर, डायबिटीज से जूझ रहे लोगों में स्‍ट्रोक के लक्षण बहुत जल्‍दी दिखने लगते हैं।

दो प्रकार के स्‍ट्रोक

स्‍ट्रोक दो प्रकार का होता है। इस्‍केमिक और हीमोरैगिक स्‍ट्रोक। CDC के अनुसार, आमतौर पर लोगों को इस्केमिक स्ट्रोक होता है। इसमें मास्तिष्‍क के हिस्से में ब्‍लड फ्लो ठीक से नहीं हो पाता। वहीं अगर मस्तिष्क में ब्‍लड वेसेल्‍स लीक होने लगे या फट जाए, तो इसे हीमोरैगिक स्‍ट्रोक कहा जाता है। बता दें कि अगर ब्‍लड फ्लो केवल थोड़े समय के लिए ही बाधित हुआ हो, तो इसे ट्रांसिएंट इस्‍केमिक अटैक या मिनी स्‍ट्रोक कहते हैं। यह एक इमरजेंसी कंडीशन है और भविष्‍य में स्ट्रोक होने की चेतावनी देती है।

कैसे बचें स्‍ट्रोक से

  • लो सॉल्‍ट डाइट का सेवन स्‍ट्रोक से बचने का सबसे अच्‍छा तरीका है। इससे ब्‍लड प्रेशर कम रहता है और किडनी भी स्‍वस्‍थ रहती है। फास्‍ट फूड, जंक फूड और प्रोसेस्‍ड फूड में बहुत ज्‍यादा मात्रा में नमक होता है, इसलिए इन सभी से परहेज करना जरूरी है।

  • धूम्रपान की आदत छोड़ने से स्‍ट्रोक के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

  • जीवन में कभी स्‍ट्रोक के शिकार नहीं होना चाहते, तो शराब का सेवन बंद या फिर बहुत कम कर दें। वरना यह ब्‍लड प्रेशर को तेजी से बढ़ा सकता है, जो स्‍ट्रोक का सबसे बड़ा कारण है।

  • अगर आप डायबिटिक या हार्ट पेशंट हैं, तो आपको अपना डबल ख्‍याल रखने की जरूरत है।

  • ध्यान रखें कि कोलेस्‍ट्रॉल लेवल नॉर्मल रहे।

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