मंद पड़ने लगी है बच्चों की आंखों की रोशनी, तो आहार में शामिल करें ये 5 तरह के विटामिन
हाइलाइट्स :
काेरोना महामारी ने बिगाड़ी बच्चों की आंखों की सेहत।
कम उम्र में बच्चे मायोपिया, एंबीलोपिया के शिकार हैं।
आहार में विटामिन लेने से बरकरार रहेगी आंखों की रोशनी।
आंखों की सेहत के लिए अच्छे हैं जिंक, ओमेगा-3 फैटी एसिड।
राज एक्सप्रेस। साल 2020 में हमने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। इस दौरान हमने खुद की देखभाल करना सीखा। इस महामारी से शारीरिक और भावनात्मक रूप से सबसे ज्यादा जो वर्ग प्रभावित हुआ, वो हैं बच्चे। कोरोना कॉल में ऑनलाइन क्लासेस और बाहर जाकर न खेलने के कारण बच्चों में टीवी मोबाइल की लत बढ़ी। कोरोना काल में बच्चे भले ही महामारी से बचे रहे, लेकिन इससे होने वाले साइड इफेक्ट से नहीं बच सके। इसके बाद से बच्चों की आंखों की रोशनी मंद पड़ने लगी। न जानें कितने बच्चों के तो चश्मा लग गया और कितने बच्चे आंखों की सूजन, झुकी हुई पलकों, एंबीलोपिया और एपिफोरा जैसी समस्या से ग्रसित हैं। अगर आप अपने बच्चों की आंखों की रोशनी को बेहतर करना चाहते हैं, तो दवा या सप्लीमेंट्री डाइट के बजाय इनके आहार में कुछ पोषक तत्वों को शामिल करें। यहां उन पोषक तत्वों के बारे में बताया गया है, जो बच्चों की आंखों के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हैं।
विटामिन ए
विटामिन ए क्लीयर विजन के लिए जाना जाता है। खासतौर से नारंगी रंग के फल और सब्जियाें जैसे गाजर, खुबानी और शकरकंद में बीटा-कैरोटीन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो नाइट विजन में सुधार करती हैं। आंखों की देखभाल करनी हो, तो यह बहुत असरदार है। शरीर में भरपूर मात्रा में विटामिन ए होने से बच्चा आंखों से जुड़ी किसी भी बीमारी से बचा रहेगा।
विटामिन सी
यह एक पॉवरफुल एंटीऑक्सीडेंट है, जो हमारी आंखों को हानिकारक फ्री रेडिकल से बचाता है। इसकी मौजूदगी से आंखों की देखभाल काफी आसान हो जाती है। यह आंखों के लिए जरूरी कोलेजन का उत्पादन करता है। जिससे बच्चों में किसी भी प्रकार के आई डिसऑर्डर को रोकने में मदद मिलती है। विटामिन सी की पूर्ति के लिए आप बच्चों को संतरे, अमरूद, नींबू जैसे खट्टे फल और टमाटर जैसी सब्जियां खिला सकते हैं।
ओमेगा 3 फैटी एसिड
ओमेगा 3 फैटी एसिड बच्चों के विजन डेवलपमेंट के लिए जरूरी है। यह पोषक तत्व मां के दूध और फॉर्मूला मिल्क में भी मौजूद होता है। ये एक वयस्क की आंख को मैक्यूलर डिजनरेशन और ड्राई आई सिंड्रोम से बचाने का काम करता है। मछली, मेवे, चिया बीज और सन बीज जैसे बीज ओमेगा 3 फैटी एसिड के बेहतरीन स्रोत हैं और बच्चों की आंखों की देखभाल के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन्हें बच्चों की डाइट में शामिल करके हर उम्र में आंखों को खराब होने से बचाया जा सकता है।
विटामिन ई
विटामिन ई भी एक एंटीऑक्सीडेंट है जो उम्र से जुड़ी दो स्थितियों मैक्यूलर डीजनरेशन और मोतियाबिंद के बढ़ते रिस्क को कम करता है। अगर बच्चों की डाइट में बादाम, पिस्ता और अखरोट शामिल किए जाएं, तो किसी भी उम्र में उन्हें चश्मा नहीं लगेगा। कई स्टडीज के मुताबिक रोजाना नट्स खाना मायोपिया को नियंत्रित करने के लिए अच्छा घरेलू उपाय है। यह आंखों की देखभाल के लिए जरूरी पोषक तत्वों में से एक है।
जिंक
बहुत से लोग इस बात से अंजान हैं, लेकिन बता दें कि आंखों में जिंक की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। अगर शरीर में जिंक की जरा सी भी कमी पाई गई, तो रतौंधी यानी नाइट ब्लाइंडनेस के चांसेस बढ़ जाते हैं। शरीर में इसकी कमी को पूरा करने के लिए बच्चों को चना, फलियां, मेवे खिलाएं। इनके सेवन से आंखों की देखभाल बहुत अच्छे से होती है।
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